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Articles by करेन पिम्पो

परमेश्वर में आश्वस्त विश्राम

फ़ुजियान, चीन में शोधकर्ता गहन देखभाल इकाई(ICU) के मरीजों को अधिक अच्छी तरह से सोने में मदद करना चाहते थे l उन्होंने सिमुलेटेड/simulated ICU वातावरण (किसी वास्तविक चीज़,प्रक्रम या कार्यकलाप का किसी अन्य विधि से नक़ल करना)में परीक्षण मरीजों पर नींद में सहायक(sleep aids) के प्रभावों को मापा, तेज/साफ़, अस्पताल-ग्रेड प्रकाश व्यवस्था और मशीनों की बीप की आवाज़ और नर्सों की बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग की l उनके शोध से पता चला कि स्लीप मास्क(sleep mask) और ईयर प्लग(ear plug) जैसे उपकरणों ने उनके मरीजों के आराम में सुधार किया l लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि वास्विक ICU में वास्तव में बीमार मरीजों के लिए, शांतिपूर्ण नींद अभी भी मुश्किल होगी l 

जब हमारा संसार संकट में है, तो हम विश्राम कैसे पा सकते हैं? बाइबल स्पष्ट है : उनके लिए शांति है जो परमेश्वर पर भरोसा करते हैं, चाहे उनकी परिस्थितियाँ कैसी भी हों l नबी यशायाह ने भविष्य के समय के बारे में लिखा जब प्राचीन इस्राएलियों को कठिनाई के बाद पुनर्स्थापित किया जाएगा l वे नगर में निडर बसे रहेंगे, क्योंकि वे जानते थे, कि परमेश्वर ने उसे सुरक्षित किया है (यशायाह 26:1)  वे भरोसा करेंगे कि वह उनके चारों ओर के संसार में भलाई लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा था—“वह ऊँचे पदवाले को झुका देता [है],” उत्पीड़ितों को ऊँचा  उठाता है, और न्याय लाता है (पद.5-6) वे जानेंगे कि “यहोवा सनातन चट्टान है,” और वे हमेशा के लिए उस पर भरोसा रख सकते थे (पद.4) 

यशायाह ने लिखा, “जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए है, उसकी तू पूर्ण शांति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है” (पद.3) परमेश्वर आज भी हमें शांति और विश्राम प्रदान कर सकता है l हम उसके प्रेम और शक्ति की निश्चयता में आराम कर सकते हैं, चाहे हमारे आसपास कुछ भी हो रहा हो l

एक अनर्जित उपहार

हाल ही में जब मेरी सहेली ने मुझे एक उपहार दिया तो मैं हैरान रह गयी। मुझे नहीं लगता था कि मैं उससे इतने अच्छे उपहार पाने की हकदार हूं। मेरे काम के कुछ तनाव के बारे में सुनने के बाद उसने इसे भेजा था। फिर भी वह एक वृद्ध माता-पिता, चुनौतीपूर्ण बच्चों, काम में उथल-पुथल, और अपनी शादी में तनाव के साथ, अगर अधिक नहीं तो उतने ही तनाव से गुजर रही थी। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसने स्वयं के बारे में सोचने से पहले मेरे बारे में सोचा था, और उसके साधारण उपहार ने मेरी आँख में आंसू ला दिए थे।

सच में, हम सभी उस उपहार के प्राप्तकर्ता हैं जिसके हम कभी हकदार नहीं हो सकते। पौलुस ने इसे इस तरह से कहा : "मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया - जिनमें सबसे बड़ा मैं हूँ" (1 तीमुथियुस 1:15) हालाँकि वह “एक समय निन्दा करनेवाला, और सतानेवाला, और क्रूर मनुष्य था, . . . हमारे प्रभु का अनुग्रह [उस पर] बहुतायत से उण्डेला गया” (पद. 13-14) पुनुरुत्थित यीशु ने पौलुस को अनुग्रह के मुफ्त उपहार की गहरी समझ दी। परिणामस्वरूप, उसने सीखा कि उस उपहार का अनर्जित प्राप्तकर्ता होने का क्या मतलब है और वह परमेश्वर के प्रेम का एक शक्तिशाली साधन बन गया और उसने बहुत से लोगों को बताया कि परमेश्वर ने उसके लिए क्या किया है।

यह केवल परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा ही है कि हम निंदा के बदले प्रेम और न्याय के बदले दया प्राप्त करते हैं। आज, आइए उस अनर्जित/अपात्र अनुग्रह का उत्सव मनाएं जो परमेश्वर ने दिया है और दूसरों को उस अनुग्रह को प्रदर्शित करने के तरीकों की तलाश में रहें।

तृप्त हो जाओ

डॉ• मार्टिन लूथर किंग जूनियर की भीषण हत्या उस समय हुई थी जब 1960 के अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन बुलंदी पर था। लेकिन सिर्फ चार दिन बाद, उनकी विधवा कोरेटा स्कॉट किंग ने साहसपूर्वक अपने पति की जगह ले ली, और एक शांतिपूर्ण विरोध जुलुस का नेतृत्व किया। कोरेटा में न्याय के प्रति गहरी लगन थी और वह कई  अभियानों की प्रबल समर्थक थी।

यीशु ने कहा, “धन्य हैं वे जो  धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त होंगे” (मत्ती 5:6)। हम जानते हैं कि किसी दिन परमेश्वर न्याय देने और हर गलत को सही करने के लिए आएगा, लेकिन उस समय तक हमारे पास, कोरेटा की तरह ही, पृथ्वी पर परमेश्वर के न्याय को एक वास्तविकता बनाने के काम में भाग लेने का अवसर है। यशायाह 58 में परमेश्वर अपने लोगों को जो करने के लिए बुलाता है, इसका एक स्पष्ट  चित्र चित्रित करता है: अन्याय सहने वालों का जुआ तोड़ो, उत्पीड़ितों को मुक्त करो, भूखे के साथ अपना भोजन साझा करो, मारे मारे फिरते हुये को आश्रय दो, नंगे को वस्त्र पहिनाओ, और उन लोगों से जिन्हें सहायता की आवश्यकता है दूर मत हो जाना  (पद 6–7)। उत्पीड़ित और कमजोर लोगों के लिए न्याय की तलाश करना एक तरीका है जिससे हमारा जीवन ईश्वर की ओर इशारा करता है। यशायाह लिखता है कि  न्याय की खोज करने वाले उसके लोग भोर के प्रकाश की तरह हैं और उनके लिए और साथ ही दूसरों के लिए भी चंगाई का परिणाम है (पद 8)।

आज, परमेश्वर हमें यहाँ पृथ्वी पर अपनी धार्मिकता के लिए भूख (लालसा) पैदा करने में मदद करें। जब हम उसके तरीके से और उसकी शक्ति में न्याय की तलाश करते हैं, तो बाइबल कहती है कि हम संतुष्ट होंगे।

विश्वास में एक कदम

जब जॉन की नौकरी छूट गयी तो वह टूट गया l अपनी आजीविका/career) के आरम्भ की तुलना में अंत के करीब, उसे पता चला कि किसी नयी जगह से आरम्भ करना कठिन होगा l वह सही नौकरी के लिए प्रार्थना करने लगा l फिर जॉन ने अपना बायोडाटा अपडेट किया, साक्षात्कार युक्तियाँ/सलाहें पढ़ीं और बहुत सारे फोन कॉल किये l कई हफ़्तों तक आवेदन करने के बाद, उसने शानदार शेड्यूल/समय-सारणी और आसान आवागमन के साथ एक नया पद स्वीकार कर लिया l उसकी विश्वासयोग्य आज्ञाकारिता और परमेश्वर का प्रावधान एक आदर्श चौराहे पर मिले थे l 

इसका एक अधिक नाटकीय उदाहरण मिस्र में इस्राएल की दासता के समय योकेबेद(निर्गमन 6:20) और उसके परिवार के साथ हुआ l जब फिरौन ने आदेश दिया कि सभी नवजात इब्री पुत्र नील नदी में डाल दिये जाएँ(1:22), तो योकेबेद भयभीत हो गयी होगी l वह क़ानून नहीं बदल सकती थी, लेकिन परमेश्वर की आज्ञा मानने और अपने बेटे को बचाने की कोशिश करने के लिए वह कुछ कदम उठा सकती थी l विश्वास में उसने उसे मिस्रियों से छुपाया l उसने एक छोटी, जलरोधी पपाएरस(papyrus-एक प्रकार का सरकंडा) की टोकरी बनायी और “उसमें बालक को रखकर नील नदी के किनारे कांसों के बीच छोड़ आई”(2:3) l परमेश्वर ने उसके जीवन को आश्चर्यजनक ढंग से संरक्षित करने के लिए कदम उठाया(पद.5-10) और बाद में उसका उपयोग पूरे इस्राएल को दासत्व से छुटकारा दिलाने के लिए किया(3:10) l 

जॉन और योकेबेद ने बहुत अलग कदम उठाए, लेकिन दोनों कहानियाँ विश्वास से भरी क्रियाओं द्वारा चिन्हित हैं l भय हमें पंगु बना सकता है l भले ही परिणाम वह न हो जिसकी हमें उम्मीद थी या आशा थी, विश्वास हमें परिणाम की परवाह किये बिना परमेश्वर की अच्छाई पर भरोसा रखने की सामर्थ्य देता है l 

भार हल्का करें

अस्पताल में यह एक लंबा दिन था l अभी भी उस बिमारी का कोई जवाब नहीं है जिसने एक प्रतिभाशाली उन्नीस वर्षीय युवक को पीड़ित किया l घर पहुँचकर परिवार को निराशा हुयी l उन्हें आश्चर्य हुआ, जब सीढ़ी पर एक अच्छी तरह से सजाया हुआ बक्सा रखा हुआ था, जिसके सामने यशायाह 43:2 छपा हुआ था l अन्दर, विभिन्न उत्साहजनक बाइबल पद थे जो मित्रों ने हाथ से लिखे थे l अगला एक घंटा पवित्रशास्त्र और परिवार के दोस्तों के विचार शील भाव से प्रोत्साहित करने में  व्यतीत हुआ l

कठिन समय या पारिवारिक चुनौतियों से गुजर रहे लोग हमेशा हृदय को छू जाने वाले प्रोत्साहन का उपयोग कर सकते हैं l पवित्रशास्त्र(बाइबल)—या तो एक बड़ा भाग या सिर्फ एक पद—आपको, किसी मित्र या परिवार के सदस्य को प्रोत्साहित कर सकता है l यशायाह 43 छोटे-छोटे प्रोत्साहनों से भरा है—जो या तो व्यक्तिगत रूप से या पूर्णरूपेण प्राप्त हुआ हो l कुछ चुनिन्दा विचारों पर विचार करें : परमेश्वर  तेरा “रचनेवाला,” “सृजनहार,” “तुझे छुड़ा लिया है,” और तुम्हें “नाम लेकर बुलाया है”(पद.1) l परमेश्वर तेरे “संग” रहेगा(पद.2), वह “इस्राएल का पवित्र [है]” और वह हमारा “उद्धारकर्ता” है(पद.3) l 

जब आप परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं पर विचार करते हैं, वे आपको प्रोत्साहित करें l और चूँकि वह आपको वह देता है जिसकी आपको ज़रूरत है, आप किसी और को प्रोत्साहित कर सकते हैं l पद का  डिब्बा(verse box) की कीमत बहुत अधिक नहीं थी, लेकिन इसका प्रभाव अमूल्य था l पांच साल बाद भी, उनमें से कुछ पद कार्ड(verse cards) अभी भी उस परिवार द्वारा संजोए हुए हैं l 

जीवन को चुनना

नेथन एक मसीही-विश्वास वाले घर में बड़ा हुआ, लेकिन एक कॉलेज छात्र के रूप में वह अपने बचपन के विश्वास के विपरीत शराब पीने और पार्टी करने जैसी चीज़ों में भटकने लगा l उसने कहा, “परमेश्वर ने मुझे तब अपने पास लौटा ले आया जब मैं इसके लायक नहीं था l” समय के साथ, नेथन ने गर्मियों में प्रमुख शहरों की सड़कों पर अजनबियों के साथ यीशु को साझा करने में बिताया, और अब वह अपने चर्च में युवा सेवकाई में आवासीय अभ्यास/प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है l नेथन का लक्ष्य युवाओं को मसीह के लिए न जीकर समय बर्बाद करने से बचने में मदद करना है l 

नेथन की तरह, इस्राएली अगुवा मूसा के पास अगली पीढ़ी के लिए हृदय/मोह था l यह जानते हुए कि वह जल्द ही नेतृत्व छोड़ देगा, मूसा ने लोगों को परमेश्वर के अच्छे नियम बताए और फिर आज्ञाकारिता या आज्ञा उल्लंघन के परिणामों को सूचीबद्ध किया : आज्ञाकारिता के लिए और आशीष और जीवन, आज्ञा उल्लंघन के लिए शाप और मृत्यु l “जीवन ही को अपना ले, कि तू और तेरा वंश दोनों जीवित रहें,” उसने उनसे कहा, “क्योंकि तेरा जीवन . . . यही[यहोवा] है”(व्यवस्थाविवरण 30:19-20) l मूसा ने उनसे परमेश्वर से प्रेम करने, “उसकी बात [मानने], और उससे लिपटे [रहने]” का आग्रह किया(पद.20) l 

पाप को चुनने से परिणाम मिलते हैं l लेकिन जब हम अपना जीवन फिर से परमेश्वर को समर्पित करते हैं, तो वह निश्चित रूप से दया करेगा(पद.2-3) और हमें बहाल करेगा(पद.4) l यह प्रतिज्ञा इस्राएल के इतिहास के सारे लोगों में पूरा हुआ, बल्कि हमें परमेश्वर के साथ संगति में लाने के लिए क्रूस पर यीशु के अंतिम कार्य से भी पूरा हुआ l आज हमारे पास भी विकल्प है और हम जीवन चुनने के लिए स्वतंत्र हैं l

परमेश्वर हमें देखता है

मिशिगन राज्य में 40 लाख पेड़ हैं, जिनमें से अधिकाँश सर्वाधिक मानकों के हिसाब से काफी सामान्य हैं l फिर भी राज्य एक वार्षिक “बिग ट्री हंट(Big Tree Hunt)” का आयोजन करता है, जो उन पेड़ों की पहचान करने के लिए एक प्रतियोगिता है जो सबसे पुराने और सबसे बड़े हैं, ऐसे पेड़ जिन्हें जीवित मील के पत्थर(landmark) के रूप में सम्मानित किया जा सकता है l प्रतियोगिता सामान्य पेड़ों को दूसरे स्तर पर ले जाती हैं : किसी भी जंगल के अन्दर एक पुरस्कार विजेता हो सकता है, बस ध्यान दिए जाने का इंतजार कर रहा है l 

अधिकाँश लोगों के विपरीत, ईश्वर हमेशा सामान्य बातों पर ध्यान देता है l वह इस बात की परवाह करता है कि दूसरे क्या और किसकी अनदेखी करते हैं l राजा यारोबाम के शासनकाल के दौरान परमेश्वर ने आमोस नाम के एक आम आदमी को इस्राएल भेजा l आमोस ने अपने लोगों को बुराई से दूर रहने और न्याय की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित किया लेकिन उसे बहिस्कृत कर दिया गया और चुप रहने को कहा गया l “हे दर्शी, यहाँ से निकलकर यहूदा देश में भाग जा . . . और वहीँ भविष्यवाणी किया कर”(आमोस 7:12) l आमोस ने उत्तर दिया, “मैं न तो भविष्यद्वक्ता था, और न भविष्यद्वक्ता का बेटा; मैं तो गाय-बैल का चरवाहा, और गूलर के वृक्षों का छाँटनेवाला था l और यहोवा ने मुझे भेड़-बकरियों के पीछे पीछे फिरने से बुलाकर कहा, ‘जा, मेरी प्रजा इस्राएल से भविष्वाणी कर’” (पद.14-15) l

परमेश्वर ने आमोस को तब जाना और उस पर ध्यान दिया जब वह एक सामान्य चरवाहा था, जो भेड़-बकरियों और पेड़ों की देखभाल करता था l सैकड़ों साल बाद, यीशु ने देखा और अंजीर और गूलर के पेड़ों के पास साधारण नतनएल(यूहन्ना 1:48) और जक्कई(लूका 19:4-5) को बुलाया l इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितना अस्पष्ट महसूस करते हैं, वह हमें देखता है, हमसे प्यार करता है और हमें अपने उद्देश्यों के लिए उपयोग करता है l 

न्याय का परमेश्वर

एक किशोर के रूप में, रेयान ने अपनी माँ को कैंसर के कारण खो दिया l उसने खुद को बेघर पाया और जल्द ही स्कूल छोड़ दिया l वह निराश महसूस करता था और अक्सर भूखा रहता था l वर्षों बाद, रेयान ने एक गैर-लाभकारी संस्था की स्थापना की जो दूसरों को, विशेष रूप से छोटे बच्चों को, अपने बगीचे में उगाए गए आहार को रोपने, फसल काटने और तैयार करने के लिए सशक्त बनाती है l संगठन इस विश्वास पर बना है कि किसी को भी भोजन के बिना नहीं रहना चाहिए और जिनके पास कुछ है उन्हें उन लोगों की देखभाल करनी चाहिए जिनके पास नहीं है l दूसरों के लिए रेयान की चिंता न्याय और दया के लिए ईश्वर के हृदय से प्रतिध्वनित होती है l 

हम जिस दर्द और पीड़ा का सामना करते हैं, ईश्वर उसकी बहुत परवाह करता है l जब उसने इस्राएल में भयानक अन्याय देखा, तो उसने उनके पाखण्ड को उजागर करने के लिए नबी आमोस को भेजा l जिन लोगों को परमेश्वर ने एक बार मिस्र में उत्पीडन से बचाया था, वे अब अपने पड़ोसियों को एक जोड़ी जूती के लिए गुलामी में बेच रहे थे (आमोस 2:6 ) l उन्होंने निर्दोष लोगों को धोखा दिया, उत्पीड़ितों को न्याय देने से इनकार कर दिया, और गरीबों के “सर पर की धूल का भी लालच करते [थे]”(पद.6-7), जबकि ये सब भेंट और पवित्र दिनों के साथ परमेश्वर की उपासना करने का दिखावा करते थे (4:4-5) l 

आमोस ने लोगों से विनती की, “बुराई को नहीं, भलाई को ढूढ़ों, ताकि तुम जीवित रहो; और तुम्हारा यह कहना सच ठहरे कि सेनाओं का परमेश्वर यहोवा तुम्हारे संग है” (5:14) l रेयान की तहर, हममें से प्रत्येक ने जीवन में दूसरों से जुड़ने और सहायता करने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त दर्द और अन्याय का अनुभव किया है l समय “भलाई की तलाश” करने और हर प्रकार के न्याय को स्थापित करने में उसके साथ शामिल होने का है l 

अदृश्य राजा

पिलग्रिम एक संगीतमय गीत है जो द पिलग्रिम्स प्रोग्रेस पर आधारित, जो यीशु में विश्वास करने वाले के जीवन का एक रूपक है। कहानी में आत्मिक जगत की सभी अदृश्य शक्तियां दर्शकों को दिखाई देती हैं। परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करने वाला राजा का चरित्र लगभग पूरे शो के दौरान मंच पर मौजूद रहता है। वह सफेद कपड़े पहने हुए है और सक्रिय रूप से दुश्मन के हमलों को रोकता है, दर्द में पड़े लोगों को कोमलता से पकड़ता है और दूसरों को अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करता है। अपनी परम आवश्यक भूमिका के बावजूद, मुख्य मानवीय पात्र राजा को शारीरिक रूप से नहीं देख सकते हैं, केवल वह जो करता है उसका प्रभाव देख सकते हैं। 

क्या हम ऐसे जीते हैं जैसे सच्चा राजा हमारे जीवन में सक्रिय है, तब भी जब हम उसे शारीरिक रूप से नहीं देख सकते? ज़रूरत के समय में, भविष्यवक्ता दानिय्येल को एक स्वर्गीय दूत से एक दर्शन मिला (दानिय्येल 10:7) जिसे उसकी वफादार प्रार्थनाओं के सीधे जवाब में भेजा गया था (पद 12)। दूत ने समझाया कि आत्मिक युद्ध के कारण उसके आने में देरी हुई और स्वर्गीय सहायता को भेजना पड़ा (पद 13)। दानिय्येल  को याद दिलाया गया कि भले ही वह परमेश्वर को नहीं देख सका, फिर भी वह उसकी देखभाल और ध्यान के साक्ष्य से घिरा हुआ था। "डरो मत,  आप अत्यधिक सम्मानित हैं ," दूत ने उसे प्रोत्साहित किया ( पद 19)। पिलग्रिम के अंत में, जब मुख्य पात्र कई कष्टों के बाद स्वर्ग के दरवाजे पर पहुँचता है, तो वह पहली बार खुशी से चिल्लाता है, "मैं राजा को देख सकता हूँ!" जब तक हम उसे स्वर्ग में अपनी नई आँखों से नहीं देखते, हम आज अपने जीवन में उसके कार्य की तलाश करते हैं।