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Articles by करेन पिम्पो

देशों को एकजुट करना

 
संसार की सबसे लम्बी अंतर्राष्ट्रीय सीमा संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा द्वारा साझा की जाती है, जिसमें अविश्वसनीय रूप से 5,525 मील भूमि और पानी शामिल है। सीमा रेखा को स्पष्ट करने के लिए श्रमिक नियमित रूप से सीमा के दोनों ओर दस फीट लंबे पेड़ों को काटते हैं। साफ की गई भूमि की यह लंबी पट्टी, जिसे "स्लैश" कहा जाता है, आठ हजार से अधिक पत्थर के निशानों से चिह्नित है, ताकि आगंतुकों को हमेशा पता रहे कि विभाजन रेखा कहाँ पड़ती है। 
 
“स्लैश” के भौतिक वनों की कटाई सरकार और संस्कृतियों के अलगाव का प्रतिनिधित्व करती है। यीशु पर विश्वास करने वाले लोगों के रूप में, हम उस समय की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब परमेश्वर इसे उलट देगा और समूचे संसार के सब देशों को अपने शासन के अधीन एकजुट कर लेगा। यशायाह भविष्यद्वक्ता ने एक ऐसे भविष्य के बारे में बात की थी जहाँ यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, (यशायाह 2:2)। सब देशों के लोग परमेश्वर की विधियों को सीखने और “उसके मार्गों पर चलने” के लिए इकट्ठे होंगे (पद 3)। फिर हम उन मानवीय प्रयासों पर निर्भर नहीं रहेंगे जो शांति बनाए रखने में विफल रहे हैं। हमारे सच्चे राजा के रूप में, परमेश्वर जाति-जाति के बीच न्याय करेगा और सारे विवादों को सुलझाएगा (पद 4)।  
क्या आप एक ऐसे संसार की कल्पना कर सकते हैं जिसमें विभाजन और संघर्ष नहीं पाया जाता? परमेश्वर ने ऐसे ही संसार को लाने की प्रतिज्ञा की है! हमारे चारों ओर फैली फूट के बावजूद, हम “प्रभु के प्रकाश में चल” सकते हैं (पद 5) और अब उसे अपनी वफादारी देने का चुनाव कर सकते हैं। हम यह जानते हैं कि परमेश्वर सब वस्तुओं पर शासन करता है, और किसी दिन वह अपने लोगों को एक झण्डे के नीचे एकजुट करेगा। 
कैरन पिम्पो 

अनन्त जीवन

एंगस टक ने कहा, "मौत से मत डरो, विनी," न जीये गये जीवन से डरो ।” किताब से बनी फिल्म टक एवरलास्टिंग के उस उद्धरण को इस तथ्य से और अधिक दिलचस्प बना दिया गया है कि यह एक ऐसे चरित्र से आता है जो मर नहीं सकता। कहानी में टक परिवार अमर हो गया है। युवा जेम्स टक, जो विनी के प्यार में पड़ जाता है, उससे अमरत्व की तलाश करने के लिए भीख माँगता है ताकि वे हमेशा के लिए एक साथ रह सकें। लेकिन बुद्धिमान एंगस समझता है कि केवल हमेशा जीवित रहने से तृप्ति नहीं आती है। 
हमारी संस्कृति हमें बताती है कि अगर हम हमेशा के लिए स्वस्थ, युवा और ऊर्जावान रह सकें, तो हम वास्तव में खुश रहेंगे। लेकिन इसमें हमारी तृप्ति नहीं है । क्रूस पर जाने से पहले, यीशु ने अपने शिष्यों और भविष्य के विश्वासियों के लिए प्रार्थना की। उसने कहा, "अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ अद्वैत सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है, जानें" (यूहन्ना 17:3)। जीवन में हमारी पूर्णता यीशु में विश्वास के द्वारा परमेश्वर के साथ संबंध से आती है। वह भविष्य के लिए हमारी आशा और इस वर्तमान दिन के लिए आनंद है। 
यीशु ने प्रार्थना की कि उसके शिष्य नए जीवन के नमूने अपनाएँ: कि वे परमेश्वर की आज्ञा मानें (पद. 6), विश्वास करें कि यीशु को पिता परमेश्वर ने भेजा है (पद. 8), और एकीकृत होकर एक हो जाएँ (पद. 11) . मसीह में विश्वासियों के रूप में, हम उसके साथ भविष्य के अनन्त जीवन की आशा करते हैं। लेकिन इन दिनों के दौरान हम पृथ्वी पर रहते हैं, हम "समृद्ध और संतोषजनक जीवन" (10:10) जी सकते हैं जिसकी उसने प्रतिज्ञा की थी - ठीक यहीं, अभी। 
 

भविष्य की विश्वासयोग्यता

सारा ने अपनी मां को तब खोया जब वह सिर्फ चौदह साल की थी । वह और उसके भाई-बहन जल्द ही अपना घर खो बैठे और बेघर हो गए । वर्षों बाद,  सारा भविष्य में अपने बच्चों को एक ऐसी विरासत प्रदान करना चाहती थी जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ सके । उसने एक घर खरीदने के लिए कड़ी मेहनत की,  अपने परिवार को वह स्थिर घर दिया जो उसके पास कभी नहीं था । 
 
भविष्य की पीढ़ियों के लिए घर में निवेश करना उस भविष्य के प्रति विश्वास का कार्य है जिसे आपने अभी तक नहीं देखा है । बेबीलोनियों द्वारा यरूशलेम की हिंसक घेराबंदी से ठीक पहले परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह को भूमि खरीदने के लिए कहा (यिर्मयाह 32:6-12) । भविष्यवक्ता के लिए,  परमेश्वर के निर्देशों का अर्थ समझना थोड़ा मुश्किल था । जल्द ही उनकी सारी संपत्ति और सामान जब्त होने वाला था । 
परन्तु परमेश्वर ने यिर्मयाह को यह प्रतिज्ञा दी : “जैसे मैं ने इस प्रजा पर यह सब बड़ी विपत्ति डाली दी,  वैसे ही निश्चय इन से वह सब भलाई भी करूँगा जिसके करने का वचन मैं ने दिया है” (पद. 42) । भविष्यवक्ता का संपत्ति में निवेश किसी दिन इस्राएलियों को उनकी मातृभूमि में बहाल करने के लिए परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का भौतिक चिन्ह था। एक भयानक हमले के बीच भी, परमेश्वर ने अपने लोगों से वादा किया था कि शांति फिर से आएगी—घरों और संपत्ति को फिर से खरीदा और बेचा जाएगा (पद. 43-44)। 
आज हम परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर अपना भरोसा रख सकते हैं और विश्वास में “निवेश” करना चुन सकते हैं । यद्यपि हम हर परिस्थिति की सांसारिक बहाली नहीं देख सकते हैं,  हमारे पास आश्वासन है कि वह एक दिन सब कुछ ठीक कर देगा । 
 

परमेश्वर में आश्वस्त विश्राम

फ़ुजियान, चीन में शोधकर्ता गहन देखभाल इकाई(ICU) के मरीजों को अधिक अच्छी तरह से सोने में मदद करना चाहते थे l उन्होंने सिमुलेटेड/simulated ICU वातावरण (किसी वास्तविक चीज़,प्रक्रम या कार्यकलाप का किसी अन्य विधि से नक़ल करना)में परीक्षण मरीजों पर नींद में सहायक(sleep aids) के प्रभावों को मापा, तेज/साफ़, अस्पताल-ग्रेड प्रकाश व्यवस्था और मशीनों की बीप की आवाज़ और नर्सों की बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग की l उनके शोध से पता चला कि स्लीप मास्क(sleep mask) और ईयर प्लग(ear plug) जैसे उपकरणों ने उनके मरीजों के आराम में सुधार किया l लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि वास्विक ICU में वास्तव में बीमार मरीजों के लिए, शांतिपूर्ण नींद अभी भी मुश्किल होगी l 

जब हमारा संसार संकट में है, तो हम विश्राम कैसे पा सकते हैं? बाइबल स्पष्ट है : उनके लिए शांति है जो परमेश्वर पर भरोसा करते हैं, चाहे उनकी परिस्थितियाँ कैसी भी हों l नबी यशायाह ने भविष्य के समय के बारे में लिखा जब प्राचीन इस्राएलियों को कठिनाई के बाद पुनर्स्थापित किया जाएगा l वे नगर में निडर बसे रहेंगे, क्योंकि वे जानते थे, कि परमेश्वर ने उसे सुरक्षित किया है (यशायाह 26:1)  वे भरोसा करेंगे कि वह उनके चारों ओर के संसार में भलाई लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा था—“वह ऊँचे पदवाले को झुका देता [है],” उत्पीड़ितों को ऊँचा  उठाता है, और न्याय लाता है (पद.5-6) वे जानेंगे कि “यहोवा सनातन चट्टान है,” और वे हमेशा के लिए उस पर भरोसा रख सकते थे (पद.4) 

यशायाह ने लिखा, “जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए है, उसकी तू पूर्ण शांति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है” (पद.3) परमेश्वर आज भी हमें शांति और विश्राम प्रदान कर सकता है l हम उसके प्रेम और शक्ति की निश्चयता में आराम कर सकते हैं, चाहे हमारे आसपास कुछ भी हो रहा हो l

एक अनर्जित उपहार

हाल ही में जब मेरी सहेली ने मुझे एक उपहार दिया तो मैं हैरान रह गयी। मुझे नहीं लगता था कि मैं उससे इतने अच्छे उपहार पाने की हकदार हूं। मेरे काम के कुछ तनाव के बारे में सुनने के बाद उसने इसे भेजा था। फिर भी वह एक वृद्ध माता-पिता, चुनौतीपूर्ण बच्चों, काम में उथल-पुथल, और अपनी शादी में तनाव के साथ, अगर अधिक नहीं तो उतने ही तनाव से गुजर रही थी। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसने स्वयं के बारे में सोचने से पहले मेरे बारे में सोचा था, और उसके साधारण उपहार ने मेरी आँख में आंसू ला दिए थे।

सच में, हम सभी उस उपहार के प्राप्तकर्ता हैं जिसके हम कभी हकदार नहीं हो सकते। पौलुस ने इसे इस तरह से कहा : "मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया - जिनमें सबसे बड़ा मैं हूँ" (1 तीमुथियुस 1:15) हालाँकि वह “एक समय निन्दा करनेवाला, और सतानेवाला, और क्रूर मनुष्य था, . . . हमारे प्रभु का अनुग्रह [उस पर] बहुतायत से उण्डेला गया” (पद. 13-14) पुनुरुत्थित यीशु ने पौलुस को अनुग्रह के मुफ्त उपहार की गहरी समझ दी। परिणामस्वरूप, उसने सीखा कि उस उपहार का अनर्जित प्राप्तकर्ता होने का क्या मतलब है और वह परमेश्वर के प्रेम का एक शक्तिशाली साधन बन गया और उसने बहुत से लोगों को बताया कि परमेश्वर ने उसके लिए क्या किया है।

यह केवल परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा ही है कि हम निंदा के बदले प्रेम और न्याय के बदले दया प्राप्त करते हैं। आज, आइए उस अनर्जित/अपात्र अनुग्रह का उत्सव मनाएं जो परमेश्वर ने दिया है और दूसरों को उस अनुग्रह को प्रदर्शित करने के तरीकों की तलाश में रहें।

तृप्त हो जाओ

डॉ• मार्टिन लूथर किंग जूनियर की भीषण हत्या उस समय हुई थी जब 1960 के अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन बुलंदी पर था। लेकिन सिर्फ चार दिन बाद, उनकी विधवा कोरेटा स्कॉट किंग ने साहसपूर्वक अपने पति की जगह ले ली, और एक शांतिपूर्ण विरोध जुलुस का नेतृत्व किया। कोरेटा में न्याय के प्रति गहरी लगन थी और वह कई  अभियानों की प्रबल समर्थक थी।

यीशु ने कहा, “धन्य हैं वे जो  धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त होंगे” (मत्ती 5:6)। हम जानते हैं कि किसी दिन परमेश्वर न्याय देने और हर गलत को सही करने के लिए आएगा, लेकिन उस समय तक हमारे पास, कोरेटा की तरह ही, पृथ्वी पर परमेश्वर के न्याय को एक वास्तविकता बनाने के काम में भाग लेने का अवसर है। यशायाह 58 में परमेश्वर अपने लोगों को जो करने के लिए बुलाता है, इसका एक स्पष्ट  चित्र चित्रित करता है: अन्याय सहने वालों का जुआ तोड़ो, उत्पीड़ितों को मुक्त करो, भूखे के साथ अपना भोजन साझा करो, मारे मारे फिरते हुये को आश्रय दो, नंगे को वस्त्र पहिनाओ, और उन लोगों से जिन्हें सहायता की आवश्यकता है दूर मत हो जाना  (पद 6–7)। उत्पीड़ित और कमजोर लोगों के लिए न्याय की तलाश करना एक तरीका है जिससे हमारा जीवन ईश्वर की ओर इशारा करता है। यशायाह लिखता है कि  न्याय की खोज करने वाले उसके लोग भोर के प्रकाश की तरह हैं और उनके लिए और साथ ही दूसरों के लिए भी चंगाई का परिणाम है (पद 8)।

आज, परमेश्वर हमें यहाँ पृथ्वी पर अपनी धार्मिकता के लिए भूख (लालसा) पैदा करने में मदद करें। जब हम उसके तरीके से और उसकी शक्ति में न्याय की तलाश करते हैं, तो बाइबल कहती है कि हम संतुष्ट होंगे।

विश्वास में एक कदम

जब जॉन की नौकरी छूट गयी तो वह टूट गया l अपनी आजीविका/career) के आरम्भ की तुलना में अंत के करीब, उसे पता चला कि किसी नयी जगह से आरम्भ करना कठिन होगा l वह सही नौकरी के लिए प्रार्थना करने लगा l फिर जॉन ने अपना बायोडाटा अपडेट किया, साक्षात्कार युक्तियाँ/सलाहें पढ़ीं और बहुत सारे फोन कॉल किये l कई हफ़्तों तक आवेदन करने के बाद, उसने शानदार शेड्यूल/समय-सारणी और आसान आवागमन के साथ एक नया पद स्वीकार कर लिया l उसकी विश्वासयोग्य आज्ञाकारिता और परमेश्वर का प्रावधान एक आदर्श चौराहे पर मिले थे l 

इसका एक अधिक नाटकीय उदाहरण मिस्र में इस्राएल की दासता के समय योकेबेद(निर्गमन 6:20) और उसके परिवार के साथ हुआ l जब फिरौन ने आदेश दिया कि सभी नवजात इब्री पुत्र नील नदी में डाल दिये जाएँ(1:22), तो योकेबेद भयभीत हो गयी होगी l वह क़ानून नहीं बदल सकती थी, लेकिन परमेश्वर की आज्ञा मानने और अपने बेटे को बचाने की कोशिश करने के लिए वह कुछ कदम उठा सकती थी l विश्वास में उसने उसे मिस्रियों से छुपाया l उसने एक छोटी, जलरोधी पपाएरस(papyrus-एक प्रकार का सरकंडा) की टोकरी बनायी और “उसमें बालक को रखकर नील नदी के किनारे कांसों के बीच छोड़ आई”(2:3) l परमेश्वर ने उसके जीवन को आश्चर्यजनक ढंग से संरक्षित करने के लिए कदम उठाया(पद.5-10) और बाद में उसका उपयोग पूरे इस्राएल को दासत्व से छुटकारा दिलाने के लिए किया(3:10) l 

जॉन और योकेबेद ने बहुत अलग कदम उठाए, लेकिन दोनों कहानियाँ विश्वास से भरी क्रियाओं द्वारा चिन्हित हैं l भय हमें पंगु बना सकता है l भले ही परिणाम वह न हो जिसकी हमें उम्मीद थी या आशा थी, विश्वास हमें परिणाम की परवाह किये बिना परमेश्वर की अच्छाई पर भरोसा रखने की सामर्थ्य देता है l 

भार हल्का करें

अस्पताल में यह एक लंबा दिन था l अभी भी उस बिमारी का कोई जवाब नहीं है जिसने एक प्रतिभाशाली उन्नीस वर्षीय युवक को पीड़ित किया l घर पहुँचकर परिवार को निराशा हुयी l उन्हें आश्चर्य हुआ, जब सीढ़ी पर एक अच्छी तरह से सजाया हुआ बक्सा रखा हुआ था, जिसके सामने यशायाह 43:2 छपा हुआ था l अन्दर, विभिन्न उत्साहजनक बाइबल पद थे जो मित्रों ने हाथ से लिखे थे l अगला एक घंटा पवित्रशास्त्र और परिवार के दोस्तों के विचार शील भाव से प्रोत्साहित करने में  व्यतीत हुआ l

कठिन समय या पारिवारिक चुनौतियों से गुजर रहे लोग हमेशा हृदय को छू जाने वाले प्रोत्साहन का उपयोग कर सकते हैं l पवित्रशास्त्र(बाइबल)—या तो एक बड़ा भाग या सिर्फ एक पद—आपको, किसी मित्र या परिवार के सदस्य को प्रोत्साहित कर सकता है l यशायाह 43 छोटे-छोटे प्रोत्साहनों से भरा है—जो या तो व्यक्तिगत रूप से या पूर्णरूपेण प्राप्त हुआ हो l कुछ चुनिन्दा विचारों पर विचार करें : परमेश्वर  तेरा “रचनेवाला,” “सृजनहार,” “तुझे छुड़ा लिया है,” और तुम्हें “नाम लेकर बुलाया है”(पद.1) l परमेश्वर तेरे “संग” रहेगा(पद.2), वह “इस्राएल का पवित्र [है]” और वह हमारा “उद्धारकर्ता” है(पद.3) l 

जब आप परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं पर विचार करते हैं, वे आपको प्रोत्साहित करें l और चूँकि वह आपको वह देता है जिसकी आपको ज़रूरत है, आप किसी और को प्रोत्साहित कर सकते हैं l पद का  डिब्बा(verse box) की कीमत बहुत अधिक नहीं थी, लेकिन इसका प्रभाव अमूल्य था l पांच साल बाद भी, उनमें से कुछ पद कार्ड(verse cards) अभी भी उस परिवार द्वारा संजोए हुए हैं l 

जीवन को चुनना

नेथन एक मसीही-विश्वास वाले घर में बड़ा हुआ, लेकिन एक कॉलेज छात्र के रूप में वह अपने बचपन के विश्वास के विपरीत शराब पीने और पार्टी करने जैसी चीज़ों में भटकने लगा l उसने कहा, “परमेश्वर ने मुझे तब अपने पास लौटा ले आया जब मैं इसके लायक नहीं था l” समय के साथ, नेथन ने गर्मियों में प्रमुख शहरों की सड़कों पर अजनबियों के साथ यीशु को साझा करने में बिताया, और अब वह अपने चर्च में युवा सेवकाई में आवासीय अभ्यास/प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है l नेथन का लक्ष्य युवाओं को मसीह के लिए न जीकर समय बर्बाद करने से बचने में मदद करना है l 

नेथन की तरह, इस्राएली अगुवा मूसा के पास अगली पीढ़ी के लिए हृदय/मोह था l यह जानते हुए कि वह जल्द ही नेतृत्व छोड़ देगा, मूसा ने लोगों को परमेश्वर के अच्छे नियम बताए और फिर आज्ञाकारिता या आज्ञा उल्लंघन के परिणामों को सूचीबद्ध किया : आज्ञाकारिता के लिए और आशीष और जीवन, आज्ञा उल्लंघन के लिए शाप और मृत्यु l “जीवन ही को अपना ले, कि तू और तेरा वंश दोनों जीवित रहें,” उसने उनसे कहा, “क्योंकि तेरा जीवन . . . यही[यहोवा] है”(व्यवस्थाविवरण 30:19-20) l मूसा ने उनसे परमेश्वर से प्रेम करने, “उसकी बात [मानने], और उससे लिपटे [रहने]” का आग्रह किया(पद.20) l 

पाप को चुनने से परिणाम मिलते हैं l लेकिन जब हम अपना जीवन फिर से परमेश्वर को समर्पित करते हैं, तो वह निश्चित रूप से दया करेगा(पद.2-3) और हमें बहाल करेगा(पद.4) l यह प्रतिज्ञा इस्राएल के इतिहास के सारे लोगों में पूरा हुआ, बल्कि हमें परमेश्वर के साथ संगति में लाने के लिए क्रूस पर यीशु के अंतिम कार्य से भी पूरा हुआ l आज हमारे पास भी विकल्प है और हम जीवन चुनने के लिए स्वतंत्र हैं l