कल की ओर दृष्टि
क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं l 2 कुरिन्थियों 5:7
मुझे खुला नीला आसमान देखना पसंद है l आसमान हमारे महान सृष्टिकर्ता की श्रेष्ठ कृति का एक सुन्दर भाग है l कल्पना करें पायलट इस दृश्य को कितना पसंद करते होंगे l वे उड़ान भरने के लिए खुले आसमान का वर्णन करने के लिए अनेक वैमानिक शब्दों का उपयोग करते हैं, किन्तु मेरा पसंदीदा है, “कल की ओर दृष्टि l”
“कल की ओर दृष्टि” हमारे देखने से परे है l हम कभी-कभी आज क्या होगा भी जानने अथवा समझने में संघर्ष करते हैं l बाइबिल कहती है, “और यह नहीं जानते कि कल क्या होगा … जीवन है ही क्या? तुम तो भाप के सामान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है फिर लोप हो जाती है” (याकूब 4:14) l
किन्तु हमारी सीमित दृष्टि निराशा का कारण नहीं l इसके बिल्कुल विपरीत l हमारा विश्वास हमारे कल को पूरी तौर से देखने वाले परमेश्वर पर है-और हमारे भविष्य की चुनौतियों की ज़रूरतों को जाननेवाला l प्रेरित पौलुस यह जानता था l इसलिए पौलुस आशापूर्ण शब्दों से उत्साहित करता है, “हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं” (2 कुरिन्थियों 5:7) l
जब हम अपने आज और आनेवाले कल के लिए परमेश्वर पर भरोसा करते हैं, हम अपने जीवन में आनेवाली किसी बात के लिए चिंतित नहीं होते l हम भविष्य जानने वाले के साथ चलते हैं l वह भविष्य को सँभालने में सामर्थी और बुद्धिमान है l
परमेश्वर आरंभ से अंत तक देखता है l