अप्रैल 1999 की गर्मी के मौसम की एक गर्म रात में, रेचल बरनबास अपने 9 और 8 साल के लड़कों के साथ घर पर अकेली थी। उसका पति व्यापार के सिलसिले में विदेश गया हुआ था और वो घर पर अकेली थी। उस रात जब वह ऊपर अपने शयनकक्ष में पहुंची, तो उसने सोचा कि उसने खिड़की में काले रंग की झलक देखी, लेकिन फिर पास से देखने पर उसे एहसास हुआ कि यह बस उसकी नाइट गाउन की परछाई थी। रेचल आम तौर पर गहरी नींद में सोती थी, लेकिन इस विशेष रात के दौरान वह बेचैन और व्याकुल महसूस कर रही थी। जैसे-जैसे अंधेरा बढ़ता गया, उसे आधी जागी आँखों से अपने बिस्तर के पास एक छायादार आकृति दिखाई देने लगी, लेकिन फिर से उसका डर शांत हो गया जब उसे एहसास हुआ कि यह सिर्फ उसका बेटा था जो उसके बिस्तर के पास की मेज के पास पानी पी रहा था। जैसे ही उसने वापस सोने की कोशिश की, उसने ऐसी मामूली , दैनिक घटनाओं के बारे में अपने डर पर विचार किया। जैसे-जैसे रात बढ़ती गई उसके डर को मजबूती मिल गई, जब वह शयनकक्ष के दरवाजे से एक छायादार आकृति को अपने बिस्तर की ओर रेंगते हुए देखकर चौंक गई। उसने देखा कि यह आकृति अलमारी की ओर चली गई थी और पेंसिल टॉर्च से उसमें रखे सामान की छानबीन कर रही थी। आखिरकार, उसे एहसास हुआ कि यह एक चोर था और उसे अपनी बेचैनी का कारण पता चल गया था।

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जैसे ही वह तेज़ी से सोचने लगी कि उसे क्या करना चाहिए, वह आदमी झुका और उसकी छाती पर चाकू रख दिया और झिड़क कर बोला कि वह चिल्लाए नहीं। आश्चर्य की बात यह है की जब उसने हुड से ढ़की हुई उस आकृति को देखा, तो वह भयभीत नहीं थी, वह अपने जीवन में कभी इतनी शांत नहीं थी। उसने मांग की कि वह घर के सारे पैसे और गहने सौंप दे, और जैसे ही उसने उसे पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया, उसके बेटे जो उसके बगल में सो रहे थे, जाग गए, लेकिन शुक्र है कि उन्होंने कभी कोई आवाज़ नहीं की। जैसे ही उन तीनों को चाकू की नोक पर सीढ़ियों से नीचे उतारा गया, उन्होंने दो और नकाबपोश लोगों को देखा जिनके हाथों में बड़ी हँसुआ थी। रेचेल ने देखा कि पूरा कमरा उलट-पुलट हो गया था और अलमारियों का सारा सामान फर्श पर बिखरा हुआ था। वे लोग कम लूट से निराश लग रहे थे क्योंकि अब तक उन्हें केवल कुछ नोट और आभूषणों की कुछ छोटी चीजें ही मिली थीं। उन लोगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी देकर और यहां तक कि उनके बेटे का हाथ काट देने की धमकी देकर अपनी हताशा व्यक्त की।

इस भयानक स्थिति के दौरान रेचल चुपचाप प्रार्थना करती रही। वह बार-बार कहती रही, “हमें बचाओ, परमेश्वर आप यह कर सकते हो!” लगभग चमत्कारिक रूप से, इन लोगों ने अचानक अपने हथियार गिरा दिए और जो कम सामान वे जुटा सकते थे, उसके साथ चुपचाप चले गए। ऐसा लग रहा था कि उस रात उसे सचेत रखने वाली हर गड़बड़ी (अशांति) को परमेश्वर ने अनुमति दे दी थी , क्योंकि इससे उसे वास्तविक स्थिति का सामना करने में अधिक शांति का मदद मिला।

जीवन की कठिन परिस्थितियों में जब हमें अपनी क्षमता से परे कठिनाई का सामना करना पड़ता है, या जब हम अत्यधिक भय और चिंता के क्षणों के दौरान होते हैं, तब परमेश्वर का वचन ही सहारा है जो हमें शान्ति और शक्ति देता है। जैसे प्रभु ने इस्राएल पर नज़र रखी, वैसे ही वह हम पर भी नज़र रखता है। जैसा कि हम व्यवस्थाविवरण 32:10, 11 में पढ़ते हैं, “उसने (प्रभु) उसको जंगल में, और सुनसान और गरजनेवालों से भरी हुई मरूभूमि में पाया; उस ने उसके चारों ओर रहकर उसकी रक्षा की, और अपनी आँख की पुतली के समान उसकी सुधि रखी। जैसे उकाब अपने घोंसले को हिला हिलाकर अपने बच्चों के ऊपर ऊपर मण्डलाता है, वैसे ही उसने अपने पंख फैलाकर उसको अपने परों पर उठा लिया।”

हमारी कठिन परिस्थितियों के बीच, हम हमेशा बाइबल उठाकर पढ़ने या प्रार्थना करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, हमारा दिल इतने परेशान हो जाता हें कि हमारे मुंह से शब्द तक नहीं निकलता हैं। ऐसे क्षणों में जब हमें यह कठिन लगता है, हम पवित्रशास्त्र में दिए गए आश्वासनों को याद कर सकते हैं। जैसे ही हम प्रतिदिन परमेश्वर के वचन पर ध्यान करते हैं, यह धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से हमारे कार्यों और सोच का हिस्सा बन जाता है जब तक कि यह हमारे अस्तित्व के हर हिस्से में व्याप्त न हो जाए। सच्ची शक्ति और चंगाई परमेश्वर के वचनों में पाए जाते हैं। रेचल की तरह हम आशा करते हैं कि परमेश्वर का आश्वासन आपकी जरूरत के समय आपकी मदद करने के लिए आपका एक हिस्सा बन जाएगा। तो, आपकी परीक्षाओं के माध्यम से, आपकी दृढ़ विश्वास का प्रमाण बन जाएगा जो दूसरों को डर पर विजय पाने में मदद करती है।


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