मेरे पिता एक पासवान थे, और वर्ष के प्रथम रविवार को वह मसीह के द्वितीय आगमन के विषय प्रचार करते हुए 1 थिस्सलुनीकियों 4 का सन्दर्भ देते थे l उनका उल्लेख एक ही होता था : “शायद इसी वर्ष यीशु लौटेगा l क्या आप उससे मिलने को तैयार हैं?” 6 वर्ष की उम्र में सुना हुआ वह उपदेश मैं नहीं भूलता, और सोचता हूँ, यदि यह सच है, मैं उन में नहीं हूँगा जिनके लिए वह आ रहा है l मैं विश्वश्त था कि मेरे माता-पिता स्वर्ग जाएंगे, और मैं भी जाना चाहता था l इसलिए जब मेरे पिता आराधना के बाद लौटे, मैंने उनसे पूछा कि मैं इसके विषय निश्चित कैसे हो सकता हूँ l उन्होंने बाइबिल खोलकर कुछ पद पढ़े और मेरे उद्धार की आवश्यकता को समझाया l मैंने जल्द ही अपने पापों को मान लिया l उस दिन मेरे पिता ने मुझे मसीह से मिलाया l इन सचाइयों को मेरे ह्रदय में डालने के लिए उनका मैं धन्यवादी हूँ l

इस अत्यधिक गड़बड़ संसार में, कितना आशामय विचार कि
शायद इसी वर्ष यीशु लौटेगा l इससे अधिक यह प्रतीक्षा कि उसके विश्वासी साथ जुटेंगे, और संसार के दुःख, और भय से छूट जाएंगे l सबसे सर्वोत्तम, हम सर्वदा प्रभु के साथ होंगे!