इटली का कलाकार लोरेंजो घिब्रटी (1378 – 1455) इटली के फलोरेंस बपतिस्मा-कक्ष के पीतल के दरवाजों पर वर्षों तक यीशु के जीवन की छवि उकेरता रहा l इन मर्मस्पर्शी नक्काशियों को माइकलएंजेलो ने स्वर्ग के फाटक कहा l
एक कलात्मक विरासत के रूप में, ये फाटक सुसमाचार की प्रतिध्वनि के साथ आगंतुकों का स्वागत करते हैं l यीशु ने ही कहा था, “द्वार में हूँ; यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे, तो उद्धार पाएगा” (यूहन्ना 10:9) l अपने क्रूसीकरण की पूर्व रात्री को, उसने शिष्यों से कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता” (14:6) l कुछ घंटे बाद, यीशु अपने निकट क्रूसित एक अपराधी से बोलनेवाला था, “मैं तुझ से सच कहता हूँ कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा” (लूका 23:43) l
कुछ सप्ताह बाद प्रेरित पतरस दृढ़तापूर्वक यीशु की मृत्यु मांगने वालों से कहा कि “स्वर्ग की नीचे …. कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें” (प्रेरितों 4:12) l वर्षों बाद, प्रेरित पौलुस ने लिखा कि परमेश्वर और मनुष्यों के बीच में भी एक ही बिचवई है, अर्थात् मसीह यीशु जो मनुष्य है (1 तिमु. 2:5) l
स्वर्ग की फाटकें उद्धारकर्ता में हैं जो उसके पास आनेवालों और विश्वास करनेवालों को अनंत जीवन देता है l उद्धार के आनंद में प्रवेश करें l