सिंगापुर विश्वविद्यालय के एक औद्योगिक अभिकल्पना स्नातक को एक कार्यशाला में साधारण वस्तुओं का उपयोग करके एक सामान्य समस्या का एक नवीन हल निकालने की चुनौती मिली l उसने एक वास्कट(vest) बनाया जिससे रेल और बसों में भीड़ से सुरक्षा मिल सके l इस वास्कट में प्लास्टिक की लम्बी, लचीली कीलें लगीं थीं जो आमतौर पर पौधों को पक्षियों और बिल्लियों से बचाने के लिए होती हैं l
यीशु भीड़ की शोर में जो उसे देखना और छूना चाहती थी अपना व्यक्तिगत् अंतर खो देना जानता था l एक स्त्री जो 12 वर्षों से रक्तश्राव से पीड़ित थी और लाभ से दूर थी उसके वस्त्र का आँचल छू दी l शीघ्र, उसका रक्त बहना रुक गया (लूका 8:43-44) l
यीशु का प्रश्न, “मुझे किसने छूआ?” (पद.45) विचित्र नहीं है जैसा कि सुनाई पड़ता है l उसने अपने में से सामर्थ्य निकलते हुए महसूस किया (पद. 46) l यह स्पर्श अनजाने में उसे छूने वाले स्पर्श से भिन्न था l
जबकि हम यह स्वीकारते हैं कि हम भी व्यक्तिगत् अंतर और व्यक्तिगतता चाहते हैं, दुखित लोगों के इस संसार की सहायता करने का तरीका एक है, हममें उपस्थित मसीह का प्रोत्साहन, उसकी सहानुभूति, और अनुग्रह का स्पर्श उनको प्राप्त हो l