जब मैं एक छोटे शहर के एक होटल में रुका हुआ था, मैं ने देखा कि सड़क के उस पार चर्च में आराधना हो रही है l छोटे-बड़े सभी लोग बड़ी संख्या में उस चर्च में और बाहर भी खड़े थे l मैं भीड़ के निकट एक शव-गाड़ी देखकर समझ लिया कि कोई अंतिम संस्कार है l मैंने अनुमान लगाया कि यह किसी स्थानीय नायक के जीवन का उत्सव है-शायद कोई धनी व्यवसायी अथवा एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व l जिज्ञासावश मैंने स्वागत डेस्क से पुछा, “इस अंतिम क्रिया में अत्यधिक भीड़ है, शहर के किसी प्रसिद्ध व्यक्ति का होगा l”
उसने उत्तर दिया, “नहीं, वह धनी अथवा प्रसिद्ध नहीं था बल्कि एक भला आदमी था l”
यह मुझे नीतिवचन का वह बुद्धित्मताता स्मरण दिलाया जो कहता है, “ बड़े धन से अच्छा नाम अधिक चाहने योग्य है” (नीति. 22:1) l यह सोचना अच्छा विचार है कि हम अपने परिवार, मित्रों, और पड़ोसियों के लिए कैसी विरासत छोड़ रहें हैं l परमेश्वर के दृष्टिकोण से यह हमारा शैक्षिक अभिलेख या कार्य विवरण अथवा कमाया हुआ धन नहीं किन्तु कैसा जीवन हमने जीया है l
मेरे एक मित्र के देहांत पर उसकी बेटी ने लिखा, “इस संसार ने एक धर्मी खो दिया है और इस संसार में यह कोई छोटी बात नहीं है!” हमें परमेश्वर की महिमा के लिए इस तरह की विरासत खोजनी चाहिए l