कुछ महीने पहले जीवन पूरी तरह से सामान्य था l लोग ट्रैफिक को पार करते हुए काम करने भाग रहे थे, बच्चे स्कूल जाने के लिए खुद को आगे बढ़ा रहे हैं, रोजमर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मजदूर काम कर रहे हैं, भीड़-भाड़ वाली बसें, रेल गाड़ियां, व्यस्त बाजार, हंसी-मज़ाक से भरे रेस्टोरेंट, सूची बढ़ती जाएगी l हालाँकि, कोरोना के कारण चीजें पूरी तरह से बदल गयीं हैं, जिसने पूरी दुनिया को अपने घुटनों पर ला दिया है l जब मैंने विचार किया कि कैसे कुछ समय में पूरी तरह से सामान्य चीजें उलटी हो गयीं, मुझे बाइबल से अय्यूब की याद आयी l

अय्यूब 1:1 में पवित्रशास्त्र गवाही देता है कि अय्यूब निर्दोष और ईमानदार था, जो परमेश्वर का भय मानता था और बुराई से दूर रहता था l उसका जीवन पूरी तरह से सामान्य था, सुमदाय में उसका बहुत सम्मान था और उसके कई मित्र थे l उसके पास हज़ारों मवेशी और अन्य जानवर थे l उसके कई बच्चे और एक सहायक पत्नी थी l वह स्वस्थ था और एक अच्छा जीवन जी रहा था, अपने दैनिक कामों को करने में व्यस्त था l

स्ट्राइक # 1 : आर्थिक हानि

अय्यूब 1:14-17 में, हम देखते हैं कि अय्यूब का दूत उसे सूचित करता है कि शबा के लोग उसके सभी बैलों और गधों पर हमला किए और उनको चरानेवाले उसके सभी सेवक मारे गए l एक अन्य ने उसे सूचित किया कि परमेश्वर की आग ने भेड़ों और सेवकों को जला दिया, जबकि बाद में उसे पता चला कि कसदियों ने उसके ऊँटों पर हमला किया और उसके सेवकों को भी मार डाला l एक अत्यंत धनी अय्यूब ने रातोंरात सब कुछ खो दिया l

स्ट्राइक # 2: व्यक्तिगत् हानि

अय्यूब 1:18-19 में हम जंगल में एक प्रचंड हवा को बहते हुए पाते हैं, इसने घर के चारों कोनों पर प्रहार किया, और घर गिर गया, जिससे उसके सभी बच्चे मारे गए l यह अय्यूब के लिए अविश्वसनीय रूप से भयानक नुक्सान था l अगर मैं खुद को अय्यूब के स्थान में रखता, तो ऐसी भयावह स्थिति के विषय सोचने में मेरा हृदय फट जाता है l लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अय्यूब उठा, अपने वस्त्र फाड़े, अपने सिर को मुंडवाया और धरती पर झुक कर ‘आराधना ’ किया l उसने परमेश्वर को दोषी नहीं ठहराया l

स्ट्राइक #3: स्वास्थ्य की हानि

हम अय्यूब 2:7 में देखते हैं कि शैतान ने अय्यूब को उसके पैरों के तलवों से लेकर उसके सिर तक दर्दनाक फोड़ों से पीड़ित किया l जबकि अय्यूब पहले से ही आर्थिक और व्यक्तिगत नुक्सान को स्वीकार करने की कोशिश कर रहा था और शायद उसने सोचा कि यह बदतर नहीं हो सकता है, पर यह वास्तव में हुआ l अब उसे न केवल भावनात्मक रूप से आघात लगा, बल्कि उसे शारीरिक पीड़ा से भी गुज़ारना पड़ा l

स्ट्राइक #4: सामाजिक दूरी

अय्यूब 2:9 में, हम अय्यूब की पत्नी को यह कहते हुए देखते हैं “क्या तू अब भी अपनी खराई पर बना है? परमेश्वर की निंदा कर, और चाहे मर जाए तो मर जा!” हम समझते हैं कि इन सारी बातों में जिसमें से होकर अय्यूब निकला, वह उस समय भी परमेश्वर पर दोष लगाए बिना उसपर अपने विश्वास और भरोसा को थामे रहा l पद 10 कहता है, “इन सब बातों में भी अय्यूब ने अपने मुँह से कोई पाप नहीं किया l”

हालाँकि अय्यूब के घनिष्ट मित्र, एलीपज, बिलदद और सोपर उसके पास आए, उन्होंने उसके साथ सहानुभूति जताई और अपनी उपस्थिति के साथ उसका समर्थन किया, लेकिन बाद में उन्होंने सामजिक रूप से खुद को उससे दूर कर लिया, उसके खिलाफ कठोर शब्दों का हवाला देते हुए, यह मानते हुए कि उसने गलत किया था, और उसे अपनी गलतियों के लिए पश्चाताप करने को कहा l वे उसके साथ थे, फिर भी, उन्होंने उसे नहीं समझा l

अय्यूब से हम सीखते हैं कि भले ही उसे आर्थिक संकट, बड़ी व्यक्तिगत क्षति, भयानक स्वास्थ्य समस्याओं और अपने प्रियजनों से अस्वीकृति का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने कभी भी परमेश्वर को नहीं छोड़ा l अपने अत्यंत दुःख के बीच, अय्यूब ने परमेश्वर की आराधना की, उसने प्रभु की निरंतर प्रशंसा की और अपनी सत्यनिष्ठा और अपने विश्वास को नहीं खोया l परिणामस्वरूप, हम अय्यूब 42:10-16 में देखते हैं कि वास्तव में, प्रभु ने अय्यूब को जितना उसके पास पहले था उसका दूना दिया l प्रभु ने अय्यूब के बाद के दिनों को उसके पहले के दिनों से अधिक आशीषित किया l

हौसला रखें कि हलाकि हमारे जीवन में चीजें अचानक उलटी हो सकती हैं, प्रभु जानता है कि क्या हो रहा है l हमारे पास बहुत सारे प्रश्न हो सकते हैं और कोई उत्तर नहीं, हम ‘क्यों’’ को नहीं समझ सकें लेकिन परमेश्वर समझता है l  प्रभु को पता था कि अय्यूब के जीवन में क्या हो रहा है और प्रभु जानता है कि हमारे यहाँ क्या हो रहा है l

अय्यूब की तरह, हम विश्वास करते रहें कि परमेश्वर अच्छा है, कि जैसे पौलुस रोमियों को लिखे अपने पत्र में कहता है, जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उनके लिए सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती हैं l आइये हम अपना भरोसा हमारे लिए परमेश्वर के प्रेम और उसकी प्रतिज्ञाओं में रखें l जिस तरह परमेश्वर ने अय्यूब को दोगुना बहाल किया, निश्चित रूप से हमारे बाद के दिन इस संकट से अधिक धन्य होंगे जिसका हम सामना कर रहे हैं l

-बेन विजय