उसी समय अचानक उस स्वर्गदतू के साथ बहुत से और स्वर्गदूत वहाँ उपस्थित हुए। वे यह कहते हुए प्रभु की स्तुति कर रहे थे, “स्वर्ग में परमेश्वर की जय हो और धरती पर उन लोगों को शान्ति मिले जिनसे वह प्रसन्न है।” लूका 2:13-14

हम में से बहुतों के लिए दिसंबर की यादे आतुर करनेवाली होती है । जिसमें आनन्द के गीत गाने का समूह हमारे घरों में आकर क्रिसमस पर्व का आनन्द बाटतें है। बच्चों के गायन वृन्द का एक भाग होने के नाते, मुझे याद आता है कि हम उत्साह के साथ रातभर गीत गाते थे, जैसे हम घर के पास पहूँचते; हम कॅरोल गाना शुरू करते थे, जिसका अर्थ था कि उस परिवार को जगाना है। जब एक बार वे अपने घर की बत्तियां जला देते, तब हम घर के अन्दर जाकर एक और कॅरोल गीत गाते थे, बायबल के वचन पढ़ते, और उसके बाद परिवार के लिए छोटी प्रार्थना करते थे। इस कॅरोल का सबसे उत्तम भाग यह होता था कि जो मीठे खाद्य पदार्थ जो हमारे लिए तैयार रखे होते थे उनका अनुभव करना। जबकि, कुछ घरों में खाने पीने के बाद, उनकी दी गई दावत इतनी भरपूर होती थी कि हम और किसी व्यंजनों का स्वाद नहीं कर पाते।

मैं कल्पना करता हूँ कि यह परम्परा दो हजार साल पहले हुई घटना की याद दिलाती है । उस विस्मयकारी रात में जब यीशु का जन्म बेथलहेम में हुआ था, उध्दारकर्ता के जन्म की यह अदभूत खबर सबसे पहले उन साधारण चरवाहों को स्वर्गदूतों के द्वारा सुनाई गई थी जो रात में अपने भेडों की रखवाली कर रहे थे। जबकि इसका सबसे उत्तम भाग तो वही है जब स्वर्गदूत-बडी़ संख्या में इकठ्ठे होकर परमेश्वर की महिमा करने लगे, और सारी मानवजाति के लिए शान्ति और मंगल-कामना की घोषणा की। जीवन में, रातदिन परमेश्वर हमारे स्तुति के योग्य है । सो, आईए उसकी स्तुति करने के लिए किसी विशेष पर्व के कारण हम सिमित न रहें । दाऊद कहता है, भजनसंहिता 104:33 “मैं जीवन भर यहोवा का गीत गाता रहूंगा; जब तक मैं बना रहूँगा तब तक अपने परमेश्वर का भजन गाता रहूँगा ।”

यहाँ पर दो महत्वपूर्ण पहलुओं के बारें में है जो स्वर्गदूतों के गायन वृन्द और गीतों के विषय में है । पृथ्वी भर हमारे गीतों के द्वारा हमेशा परमेश्वर की महीमा होनी है, जैसा कि भजनसंहिता 69:30 में लिखा है “मैं गीत गाकर तरे नाम की स्तुति करूंगा, और धन्यवाद करता हुआ तेरी बढाई करूंगा ।”

जैसे हम परमेश्वर की स्तुति करते हैं वैसे इस पर्व की धुन संपूर्ण वर्ष भर हमारे हृदय में गूंजती रहें ।

प्रिय पिता, जैसे दूतों ने अपनी आवाज एकता में उठाकर आपके जन्म की घोषणा की, ऐसा हो कि हमारा जीवन आपकी स्तुति हमेशा करे ।आमीन।  

– ईस्तर कोलिन्स