शिक्षक के अनुयायी समझ नहीं पाए कि क्या हुआI एक पल वे अब तक के सबसे बुद्धिमान और प्यारे व्यक्ति को सुन रहे थे और दूसरे ही पल वह अन्यायपूर्ण मुक़दमे के आधीन थाI उसे जीवित रहने के लिए अयोग्य घोषित किया गया और मौत की सजा सुना दी गई,अब वह चला गया थाI ऐसा लग रहा था कि शिक्षक का जीवन और भविष्य का दर्शन उतनी ही जल्दी समाप्त हो गया, जितनी जल्दी वह आया थाI तीन दिनों तक साये/परछाइयों में रहने के बाद,शिक्षक के मित्रों ने फिर से अप्रत्याशित घटते हुए देखाI उनकी मनोदशा अचानक से बदल गईI पहले, स्त्रीयों के एक समूह ने सूचना दी कि जिस कब्र में शिक्षक को दफ़नाया था वह खाली थाI एक स्त्री ने दावा किया की उसने उसे जीवित देखा था और उससे बात भी की थीI शीघ्र ही संपूर्ण पुरुष और स्त्री के समूह ने घोषित कर दिया कि उन सभी ने भी उसे देखा हैI
मित्रों का जीवन नाटकीय रूप से बदल गयाI उसके बाद के दिनों और वर्षों में,उनमे से कई अपनी कहानी को नकारने से इनकार करने के कारण मारे गयेI उनके साहस ने उनके बहुत से पड़ोसियों को यह विश्वास दिला दिया कि मित्र सच बोल रहे थेI बंद दरवाज़ों के पीछे और फुसफुसाते हुए (धीमे शब्दों में बातचीत करते हुए) शिक्षक के शत्रुओ ने यह पता लगाने की कोशिश की कैसे मित्रों की सूचनाओं को बदला जाएIवे जानते थे कि लोग जान बचाने के लिए झूठ बोलते है न कि उसे गंवाने के लिएI वे जानते थे कि कुछ लोग उसी के लिए मर भी जाते हैं जिसे वे सच मानते हैIलेकिन उन्हें जल्द ही पता चल जायेगा की शिक्षक के अनुयायी विश्वास से कही अधिक के लिए पीढ़ा सहेंगेI वे अपने दावे के लिए मर जायेंगे कि उन्होंने शिक्षक को देखा है—जीवित और सही सलामत–उसकी मृत्यु के बादI
शिक्षक के पास अपने मित्रों को अचरज में डालने के लिए कुछ और भी थाI जब वे पहाड़ी की चोटी पर खड़े उससे बात कर रहे थे,उसने गुरुत्वाकर्षण को चुनौती देते हुए ज़मीन पर से भारहीन/गुरुत्वहीन(वेटलस) होते हुए उठता चला गया जब तक की वह बादलों में गायब नहीं हो गयाI जैसे मित्र अवाक खड़े थे, हवा में देख रहे थेI दो संदेशवाहक प्रकट हुए और कहा “जैसे तुमने उसे जाते हुए देखा है वैसे ही वापस आएगाI” बाद में मित्रों को याद आया कि शिक्षक ने स्वयं उन्हें बताया था कि वे उनके लिए ऐसे समय पर वापस आएगा जिसकी उन्हें अपेक्षा नहीं की होगीI फिर भी उसने उनसे वादा किया कि वह उन्हें कभी नहीं छोड़ेगाIउसने उन्हें आश्वासन दिया कि जब वे उसे फिर से नहीं देख पाएंगे,तब भी उसकी आत्मा हमेशा उनके साथ रहेगाI
शिक्षक के सार्वजनिक जीवन के दौरान,कुछ लोगों का मानना था कि वह अन्य झूठी आशाओं के प्रतिरूप (पैटर्न) का पालन करेगाIउन्होंने भविष्यवाणी की थी कि एक बार वह पाखंडी/धोखेबाज़ के रूप में प्रदर्शित हो गया,तो उसके मित्र बिखर जायेंगे,दुखी होंगे मगर अनुभव के लिए होशियार भी होंगेI परन्तु उसका विपरीत हुआ,शिक्षक के जाने के बाद आंदोलन की संख्या और तीव्रता में तेज़ी से वृद्धि हुई जैसे-जैसे यह बात पूरे क्षेत्र में फैली,कई लोगों को विश्वास हो गया था कि जो उनसे मिलने आया था वह एक शिक्षक से कहीं अधिक थाIआंदोलन की दृष्टी से प्रत्येक चिन्ह इसी बात का संकेत देते थे कि महान राजा स्वयं अपने लोगों से मिलने आया थाI
कई लोगों को यह व्याख्या प्रभावशाली ही नहीं बल्कि जीवन-परिवर्तित करने वाला भी लगाI यह कहानी सार्वजनिक स्थानों, बाजारों, और पारिवारिक सभाओं में सुनाई गईIशहर की गलियों और ग्रामीण इलाकों में,बूढ़े और जवान दोनों ने सुना कि राजा की पेड़ पर म्रत्यु का सीधा संबंध दो पेड़ों से था जिसे उसने स्वयं देखभाल करने वालों के पहले बगीचे के मध्य/केंद्र में लगाया थाI देखभाल करने वालो के इतिहास की शुरुआत में राजा ने दो पेड़ों में से एक की ओर इशारा करते हुए कहा था, “जो भले और बुरे के ज्ञान से वृक्ष का फल खाएगा,वह मर जायेगाI”
जब पहले जोड़े ने उस पेड़ से फल खाया,तो वे आध्यात्मिक रूप से मर गए और शारीरिक रूप से भी मरने लगेI आध्यात्मिक अलगाव और मृत्यु दर के साथ अलगाव भी आ गयाIअब हालांकि एक तीसरा पेड़,पहले दो पेड़ों के बीच में खड़ा थाI जिस पेड़ पर राजा की मृत्यु हुई,वह एक माध्यम बन गया जिसके द्वारा उसने वर्जित/निषिद्ध वृक्ष के फल को खाने के देखभाल करने वालों के निर्णय का भुगतान कियाI
शुरुआत से ही, उसने अपने दर्शन और अपने नागरिकों की रक्षा के लिए योजना बनायीं थी और उनकी स्वतंत्रता के लिए उसने व्यक्तिगत रूप से और स्वेच्छा से उसकी कीमत चुकाईI
अंत में, राजा की योजना बताई जा सकती हैI शुरुआत से ही, उसने अपने दर्शन और अपने नागरिकों की रक्षा के लिए योजना बनायीं थी और उनकी स्वतंत्रता के लिए उसने व्यक्तिगत रूप से और स्वेच्छा से उसकी कीमत चुकाईI शुरुआत से ही, वह स्वयं का बलिदान करने की योजना उन लोगों के लिए बना रहा था जो भले और बुरे के ज्ञान के वृक्ष के फल को खा कर मरने के लये नियत/पूर्वनिर्दिष्ट थेI थोड़े ही समय के भीतर राजा के मित्र दुनिया की यात्रा कर रहे थे,और सभी राष्ट्र के लोगों में एक और पेड़ का समाचार फैला रहे थे—एक बचाने वाला पेड़ जिसका इस्तेमाल देखभाल करने वालों के गलत चुनावों की कीमत को चुकाने के लिए किया गया थाI
यह संदेश सब के लिए थाI महान राजा हर किसी को नागरिकता और विशेषाधिकार प्रदान कर रहा था जो उसके इस प्रस्ताव को स्वीकार करते कि जब तक कि वह वापस नहीं आ जाता,उसके राज्य का प्रभुत्व उन सभी के ह्रदयों में विधमान रहेगा,जो उसे राजा के रूप में स्वीकार करते है और उसके क्षमा और अनंतजीवन के प्रस्ताव पर भरोसा करते हैI
राजा की कहानी प्रेम और करुणा की कहानी हैI कोई भी अपनी स्वयं की योग्यता के आधार पर स्वर्ग नहीं लौटताI
राजा की कहानी प्रेम और करुणा की कहानी हैIकोई भी अपनी स्वयं की योग्यता के आधार पर स्वर्ग नहीं लौटताI सभी उन दो अपराधियों में से एक की तरह होकर ही लौटते है जो राजा के दोनों ओर मारे गए थेI एक जिसने राजा का उपहास किया कि वे स्वयं को बचाने में सक्षम नही थाIदूसरे ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया और कहा “जब तुम अपने राज्य में आओगे तो मुझे याद रखनाI विश्वास के इस छोटे से अनुरोध के उत्तर में राजा ने कहा, “तुम आज ही मेरे साथ स्वर्ग में होगेI”