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Articles by आदम अर होल्ज़

पाप फिर स्मरण न करना

 
मैंने कभी बर्फ नहीं देखी। लेकिन मैंने इसे महसूस किया। मैं जिस पिकअप को चला रहा था - मेरे दादाजी की - उसका पिछला हिस्सा फिशटेल की तरह मुड़ गया। एक मोड़, दो, तीन - और मैं हवा में उड़ गया, बांध से 15 फीट दूर । मुझे याद है कि मैंने सोचा था, अगर मैं मरने वाला नहीं होता तो यह बहुत बढ़िया होता। एक पल बाद, ट्रक खड़ी ढलान में जा गिरा और नीचे लुढ़क गया। मैं कुचली हुई गाड़ी से बाहर रेंगकर आया, बिना किसी चोट के।  
 
1992 की दिसंबर की सुबह ट्रक पूरी तरह जलकर खाक हो गया।  परमेश्वर ने मुझे बचा लिया था । लेकिन मेरे दादा जी के बारे में क्या? वह क्या कहेंगे? दरअसल, उन्होंने ट्रक के बारे में एक शब्द नहीं कहा। एक भी नहीं। कोई डांट-फटकार नहीं थी, कोई पुनर्भुगतान योजना नहीं थी, कुछ भी नहीं था। बस माफ़ी। और दादा जी की मुस्कान कि मैं ठीक था। 
 
मेरे दादा जी की अनुग्रह मुझे यिर्मयाह 31 में परमेश्वर की अनुग्रह की याद दिलाती है। वहां, उनकी जबरदस्त असफलताओं के बावजूद, परमेश्वर अपने लोगों के साथ एक पुनर्स्थापित रिश्ते का वादा करते हैं, यह कहते,"मैं उनका अधर्म क्षमा करूँगा, और उनका पाप फिर स्मरण न करूँगा।"(पद 34) 
 
मुझे यकीन है कि मेरे दादा जी कभी नहीं भूले होंगे कि मैंने उनके ट्रक को बर्बाद कर दिया था। लेकिन उसने बिल्कुल वैसा ही व्यवहार किया जैसे परमेश्वर यहाँ करते है, इसे याद नहीं रखा, मुझे शर्मिंदा नहीं किया, मुझसे उस ऋण को चुकाने के लिए काम नहीं कराया जिसका मैं उचित हकदार था। जैसा कि परमेश्वर कहते हैं कि वह ऐसा करेंगे, मेरे दादा जी ने इसे याद नहीं रखने का फैसला किया, जैसे कि मैंने जो विनाशकारी काम किया था वह कभी हुआ ही नहीं।  
— एडम आर. होल्ज़ 

सूची में सबसे पहले

सुबह की शुरुआत एक दौड प्रतियोगिता (track meet) की तरह हुई। दिन भर के सभी कामों को समय-सीमा के भीतर समाप्त करने के लिए मैं लगभग अपने बिस्तर से कूद कर बाहर निकला । बच्चों को स्कूल ले जाना । चेक । काम पर जाना। चेक । मैंने अपनी “काम को करने" की सूची लिखने में पूरा ज़ोर लगा दिया, जिसमें व्यक्तिगत और व्यावसायिक कार्य, बर्फीले तूफान जैसी सूची की तरह एक साथ गिरे: 
“. . . 13. लेख संपादित करना 14. ऑफिस साफ़ करना 15. रणनीतिक टीम योजना बनाना. 16. व्यवसायिक  ब्लॉग लिखना. 17. बेसमेंट साफ़ करना 18. प्रार्थना करना।” जब मैं अठारहवें नंबर पर पहुंचा, तब मुझे याद आया कि मुझे परमेश्वर की मदद की ज़रूरत है। लेकिन काफी दूर अकेले जाने के बाद मुझे यह एहसास होता कि मैं तो अपनी खुद की गति तय करने की कोशिश कर रहा हूं I 
यीशु जानते थे; उन्हें पता था कि हमारे दिन, लगातार होने वाली अत्याधिक आवश्यकता के सागर में एक-दूसरे से टकराते रहेंगे । इसलिए उन्होंने निर्देश दिया, “पहले तुम परमेश्वर के राज्य और उसके धर्म की खोज करो, तो ये सब वस्तुएँ भी तुम्हें मिल जाएंगी।“  (मत्ती 6:33)। यीशु के शब्दों को एक आदेश के रूप में सुनना स्वाभाविक है। और वे हैं भी। लेकिन यहां और भी कुछ है—एक निमंत्रण। मत्ती 6 में, यीशु हमें दिन-ब-दिन विश्वास के जीवन के लिए दुनिया की उत्तेजित करने वाली चिंता (पद 25-32) का आदान-प्रदान करने के लिए आमंत्रित करते है। परमेश्वर, अपनी कृपा से, हमारे सभी दिनों में हमारी मदद करते है - तब भी जब हम अपने जीवन को उनके दृष्टिकोण से देखने से पहले ही अपनी काम करने की सूची के अठारहवें नंबर पर पहुँच जाते है I 
 -एडम आर. होल्ज़ 

ब्राण्ड राजदूत से कहीं अधिक

 
इंटरनेट के दौर में प्रतिस्पर्धा बहुत ज़्यादा हो गई है। कंपनियाँ तेज़ी से ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए रचनात्मक तरीके विकसित कर रही हैं। उदाहरण के लिए, सुबारू वाहनों को ही लें। सुबारू के मालिक मशहूर रूप से वफ़ादार हैं, इसलिए कंपनी ने “सुब्बी सुपरफ़ैन” को वाहनों का “ब्रांड एंबेसडर” बनने के लिए आमंत्रित किया है। 
कंपनी की वेबसाइट पर लिखा है, "सुबारू एंबेसडर ऊर्जावान व्यक्तियों का एक विशेष समूह है, जो सुबारू के बारे में लोगों को बताने और ब्रांड के भविष्य को आकार देने में अपना जुनून और उत्साह दिखाते हैं।" कंपनी चाहती है कि सुबारू स्वामित्व लोगों की पहचान का हिस्सा बन जाए - कुछ ऐसा जिसके बारे में वे इतने भावुक हैं कि वे इसे साझा किए बिना नहीं रह सकते। 
2 कुरिन्थियों 5 में, पौलुस एक अलग “राजदूत” कार्यक्रम का वर्णन करता है, जो दूसरों को यीशु का अनुसरण करने के लिए आमंत्रित करता है l “इसलिए प्रभु का भय मानकर हम लोगों को समझाते हैं” (पद.11) l पौलुस आगे कहता है “उस ने मेल-मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है l इसलिए, हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा विनती कर रहा है l हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं कि परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप कर लो” (पद.19-20) l  
कई उत्पाद हमें गहरी ज़रूरतों को पूरा करने, ख़ुशी, पूर्णता, और उद्देश्य की भावना देने की प्रतिज्ञा करते हैं l लेकिन केवल एक सन्देश—यीशु में विश्वासियों के रूप में हमें सौंपा गया मेल-मिलाप का सन्देश—वास्तव में अच्छी खबर है l और हमें हताश संसार को वह सन्देश देने का सौभाग्य मिला है l  
—एडम होल्ज़ 

दरवाजे से बाहर धीमी गति से चलने वाला पाप

 
विंस्टन जानता है कि उसे उन्हें चबाना नहीं है । इसलिए उसने एक शातिर युक्ति अपनाई। इसे हम धीमी गति से चलना कहते हैं। यदि विंस्टन चुपके से एक फेंके हुए, बिना निगरानी वाले जूते देखता है, तो वह सादे ढंग से इधर-उधर करते हुए उस तरफ जाएगा, उसे पकड़ लेगा और बस चलता रहेगा। धीरे से। कुछ दिखेगा नहीं। अगर कोई ध्यान न दे तो तुरंत दरवाजे से बाहर निकल जाएगा। "अरे, माँ, विंस्टन धीमी-चाल से आपका जूता दरवाजे से बाहर ले गया।" 
यह स्पष्ट है कि कभी-कभी हम सोचते हैं कि हम परमेश्वर के सामने अपने पापों को "धीमी गति से" चला सकते हैं। हम यह सोचकर प्रलोभित हो जाते हैं कि वह ध्यान नहीं देगा। यह कोई बड़ी बात नहीं है, चाहे जो कुछ भी हो—हम सिद्ध करने की कोशिश करते है। लेकिन, विंस्टन की तरह, हम बेहतर जानते हैं। हम जानते हैं कि ये चुनाव परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते। 
बगीचे में आदम और हव्वा की तरह, हम अपने पाप की शर्म के कारण छिपने की कोशिश कर सकते हैं (उत्पत्ति 3:10) या ऐसा दिखावा कर सकते हैं जैसे कि ऐसा हुआ ही नहीं। लेकिन पवित्रशास्त्र हमें कुछ अलग करने के लिए आमंत्रित करता है: परमेश्वर की दया और क्षमा की ओर दौड़ना। नीतिवचन 28:13 हमें बताता है, "जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सफल नहीं होता, परन्तु जो उनको मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी।" 
हमें अपने पापों पर धीरे-धीरे चलने की कोशिश नहीं करनी है और एसी आशा नहीं करनी कि किसी का ध्यान न जाए। जब हम अपने चुनावों के बारे में सच बताते हैं - खुद को, परमेश्वर को, किसी भरोसेमंद दोस्त को - तो हम गुप्त पाप करने के अपराध और शर्म से मुक्ति पा सकते हैं (1 यूहन्ना 1:9)। 
 

 

अनअपेक्षित स्थानों में सुसमाचार

 
हाल ही में, मैंने अपने आप को अंगिनत बार किसी ऐसे स्थान पर पाया जिसे मैंने फिल्मों और टीवी पर देखा था, यानि हॉलीवुड, कैलिफोर्निया। लॉस एंजिल्स की तलहटी में, अपने होटल की खिड़की से उन विशाल सफेद अक्षरों को उस प्रसिद्ध पहाड़ी पर देख रहा था। फिर मैंने कुछ और देखा: नीचे बाईं ओर एक प्रमुख क्रॉस था। मैंने वह कभी किसी फिल्म में नहीं देखा। जैसे ही मैं अपने होटल के कमरे से निकला, एक स्थानीय चर्च के कुछ छात्रों ने मेरे साथ यीशु के विषय में बताना शुरू कर दिया। 
हम कभी–कभी हॉलीवुड को केवल सांसारिकता का मुख्य केन्द्र मान सकते हैं, जो परमेश्वर के राज्य के बिल्कुल विपरीत है। फिर भी स्पष्ट रूप से मसीह वहाँ कार्य कर रहे थे, उन्होंने अपनी उपस्थिति से मुझे चकित कर दिया। फरीसी लगातार आश्चर्य करते थे कि यीशु कहाँ कहाँ जाता था। वह उन लोगों के साथ नहीं घूमता जिनकी वे उम्मीद करते थे। इसके बजाय, मरकुस 2:13–17 हमें बताता है कि उसने चुंगी लेने वालों और पापियों (पद 15) के साथ समय बिताया, ऐसे लोग जिनके जीवन व्यावहारिक रूप से अशुद्ध थे फिर भी यीशु वहाँ था, उनके साथ जिन्हें उसकी सबसे अधिक आवश्यकता थी (पद 16–17)। 
दो हजार से अधिक वर्षों के बाद, यीशु आशा और उद्धार के अपने संदेश को अनपेक्षित स्थानों पर, सबसे अनपेक्षित लोगों के बीच रोपना जारी रखता है। और उसने हमें उस मिशन का हिस्सा बनने के लिए बुलाया और तैयार किया है। 

मेरी ड्राइविंग कैसी है?

 
जैसे ही मरम्मत करने वाला ट्रक मेरे सामने से गुजरा, मैं चिल्लाया। तभी मैंने संदेश देखा: “मेरी ड्राइविंग कैसी है?” और एक फ़ोन नंबर। मैंने अपना फ़ोन उठाया और डायल किया। एक महिला ने मुझसे पूछा कि मैं क्यों कॉल कर रहा हूँ, और मैंने अपनी निराशा व्यक्त की। उसने ट्रक का नंबर नोट कर लिया। फिर उसने थके हुए स्वर में कहा, “आप जानते हैं, आप हमेशा किसी ऐसे व्यक्ति की रिपोर्ट करने के लिए कॉल कर सकते हैं जो अच्छी तरह से गाड़ी चला रहा हो। 
उसके थके हुए शब्दों ने तुरंत मेरी आत्म-धार्मिकता को चोट पहुंचाई । शर्मिंदगी ने मुझे भर दिया। "न्याय" के लिए मेरे उत्साह में, मैं यह विचार करने के लिए रुका नहीं था कि मेरे गुस्से से भरे लहज़े इस महिला को उसके कठिन काम में कैसे प्रभावित कर सकते हैं। उस क्षण में मेरी आस्था और मेरी फलदायकता के बीच का अंतर विनाशकारी था। 
हमारे कार्यों और हमारे विश्वासों के बीच की खाई पर याकूब की पुस्तक ध्यान केंद्रित करती है। याकूब 1:19-20 में, हम पढ़ते हैं, "हे मेरे प्रिय भाइयो, इस बात पर ध्यान दो: हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो, क्योंकि मनुष्य का क्रोध उस धामिर्कता को उत्पन्न नहीं करता जो परमेश्वर चाहता है।" ।” बाद में, वह आगे कहते हैं, “परन्तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं।” (पद. 22)। 
हममें से कोई भी पूर्ण नहीं है। कभी-कभी जीवन में हमारी "ड्राइविंग" को मदद की आवश्यकता होती है, उस तरह की जो पाप-स्वीकरण से शुरू होती है और परमेश्वर से मदद मांगती है - हमारे चरित्र के खुरदरे किनारों को भरने के लिए उस पर भरोसा करना।  

जंगली घास को पानी देना

 
इस वसंत में,  जंगली घास ने हमारे पीछे के आँगन में ऐसे हमला किया जैसे कुछ जुरासिक पार्क  जैसा हो। एक इतनी बड़ी हो गयी कि जब मैंने उसे हटाने की कोशिश की,  तो मुझे डर लगा कि कहीं मैं खुद को चोट न पहुँचा दूँ । इससे पहले कि मैं उसे कुदाल से मारता,  मैंने देखा कि मेरी बेटी वास्तव में उस पर पानी डाल रही थी। “तुम जंगली घास को पानी क्यों दे रही हो?”  मैंने कहा । “मैं देखना चाहती हूं कि यह वह कितनी बड़ी हो सकती है !” उसने एक शरारती मुस्कराहट के साथ उत्तर दिया l  
जंगली घास कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे हम जानबूझकर उगाते और बढ़ाते हैं । लेकिन जैसा कि मैंने इसके बारे में सोचा,  मुझे एहसास हुआ कि कभी-कभी हम अपने आत्मिक जीवन में “जंगली घास” को पानी देते हैं,  इच्छाओं को पोषित करते हैं (पालते हैं) जो हमारे विकास को रोकती हैं।   
पौलुस इसके बारे में गलातियों 5:13-26 में लिखता है,  जहाँ वह शरीर के द्वारा जीने और आत्मा के द्वारा जीने का अंतर बताता है। वह कहता है कि अकेले नियमों का पालन करने की कोशिश करने से हम “जंगली घास-मुक्त” जीवन की स्थापना नहीं कर पाएंगे। इसके बजाय,  जंगली पौधों को सींचने से बचने के लिए,  वह हमें “आत्मा के अनुसार चलने” का निर्देश देता है। वह आगे कहता हैं कि परमेश्वर के साथ प्रतिदिन चलना ही हमें “शरीर की लालसाओं को तृप्त करने” के आवेग से मुक्त करता है (पद. 16)। 
पौलुस की शिक्षा को पूरी तरह से समझने की यह प्रक्रिया आजीवन चलती रहती है। लेकिन मुझे उनके मार्गदर्शन की सरलता पसंद है : अपनी आत्म-केंद्रित इच्छाओं को पोषित करके कुछ अवांछित विकसित करने के बजाय, जब हम ईश्वर के साथ अपना रिश्ता विकसित कर रहे होते हैं, तो हम फल उगाते हैं और एक ईश्वरीय जीवन की फसल काटते हैं।(पद. 22-25) 

अनुग्रह का पुनः ताज़ा होना

पिछले कई दशकों में, एक नया शब्द हमारी फिल्म शब्दावली में शामिल हो गया है : रिबूट(reboot) सिनेमाई बोलचाल में एक रिबूट(reboot) एक पुरानी कहानी लेता है और उसे आरम्भ/जम्पस्टार्ट(jumpstart) करता हैl कुछ रिबूट एक सुपर हीरो कहानी या एक परी की कहानी की तरह एक परिचित कहानी को फिर से बताते हैंl अन्य रिबूट(reboot) एक कम-परिचित कहानी लेते हैं और इसे नए तरीके से फिर से बताते हैं l लेकिन प्रत्येक मामले में, एक रिबूट पुनः करने(do-over) जैसा होता हैl यह एक नयी शुरुआत है, पुराने में नयी जान फूंकने का मौका है l 

एक और कहानी है जिसमें रिबूट शामिल है— सुसमाचार की कहानी l इसमें, यीशु हमें क्षमा के अपने प्रस्ताव के साथ-साथ भरपूर और अनंत जीवन के लिए आमंत्रित करता है (यूहन्ना 10:10) और विलापगीत की पुस्तक में, यिर्मयाह हमें याद दिलाता है कि हमारे लिए परमेश्वर का प्रेम हर दिन एक प्रकार का “पुनः आरम्भ” करता है : “हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है l प्रति भोर वह नयी होती रहती है; तेरी सच्चाई महान् है l (3:22-23) 

परमेश्वर का अनुग्रह हमें उसकी विश्वासयोग्यता का अनुभव करने के एक नए अवसर के रूप में प्रत्येक दिन को गले लगाने के लिए आमंत्रित करता है l चाहे हम अपनी गलतियों के प्रभाव से संघर्ष कर रहे हों या अन्य कठिनाइयों से गुजर रहे हों, परमेश्वर की आत्मा प्रत्येक नए दिन में क्षमा, नया जीवन और आशा की सांस दे सकती है l हर दिन एक तरह का रिबूट है, महान निदेशक के नेतृत्व का अनुसरण करने का एक अवसर है, जो हमारी कहानी को अपने बड़ी योजना में बुन रहा है l

पूरी तरह से साफ हो गया

हाल ही में, मैं और मेरी पत्नी मेहमानों के आने से पहले अपने घर की सफाई कर रहे थे। मैंने अपने सफेद किचन (रसोई) टाइल के फ़र्श पर कुछ गहरे दाग देखे – ऐसे दाग जिनके लिए मुझे अपने घुटनों पर झुककर रगड़ने की आवश्यकता पड़ती।

लेकिन मुझे जल्द ही एक गहरी निराशा का अहसास हुआ:कि जितना अधिक मैंने उन्हें साफ़ किया, उतने ही मुझे अन्य दाग भी दिखाई दिए। मेरे द्वारा हटाए गए प्रत्येक दाग ने केवल दूसरे दागों को और अधिक स्पष्ट किया। हमारी रसोई का फर्श अचानक बहुत गंदा लगने लगा। और हर पल के साथ मुझे एहसास हुआ, चाहे मैं कितनी भी मेहनत कर लूं, मैं इस फ़र्श को कभी भी पूरी तरह से साफ नहीं कर सकता।

पवित्रशास्त्र आत्म-शुद्धि के बारे में भी कुछ ऐसा ही कहता है - स्वयं पाप से निपटने के हमारे सर्वोत्तम प्रयास हमेशा कम पड़ जाते हैं। परमेश्वर के लोगों, इस्राएलियों के प्रति निराश होते हुए, सदैव उसके उद्धार का अनुभव करते हुए (यशायाह 64:5) भविष्यवक्ता यशायाह ने लिखा

“हम तो सब के सब अशुद्ध मनुष्य के से हैं, और हमारे सब धर्म के काम मैले चिथड़ों के समान हैं।“(पद:6)

लेकिन यशायाह जानता था कि परमेश्वर की भलाई के द्वारा हमेशा आशा रहती है। इसलिए उसने प्रार्थना की, “हे यहोवा, तू हमारा पिता है। देख, हम तो मिट्टी हैं, तू कुम्हार है” (पद. 8)वह जानता था कि जिसे हम साफ नहीं कर सकते उसे केवल परमेश्वर ही है जो साफ़ कर सकता जब तक कि गहरे दाग "बर्फ के समान उजले" न हो जाएँI (1:18)

हम अपनी आत्मा पर लगे पाप के दाग और धब्बों को साफ़ नहीं कर सकते। शुक्र है कि हम उसके द्वारा उद्धार प्राप्त कर सकते हैं जिसका बलिदान हमें पूरी तरह से शुद्ध होने की अनुमति देता है (1 यूहन्ना 1:7)