पवित्रशास्त्र प्रशिक्षण
1800 के अंत में, विभिन्न स्थानों के लोगों ने एक ही समय में एक सी सेवकाई संसाधनों का विकास किया l पहला 1877 में मोंट्रियल,कनाडा में थाl 1898 में, न्यूयार्क शहर में एक और विचार/प्रत्यय शुरू की गयी l1922 तक, इनमें से कुछ पांच हज़ार कार्यक्रम हर वर्ष गर्मियों में उत्तरी अमेरिका में सक्रिय थे l
इस प्रकार वेकेशन बाइबल स्कूल(VBS) का प्रारंभिक इतिहास शुरू हुआl जिस जुनून(passion) उन VBS अग्रदूतों को प्रेरित किया, वह युवा लोगों के लिए बाइबल जानने की इच्छा थी l
पौलुस को अपने युवा शिष्य, तीमुथियुस के लिए भी ऐसा ही जुनून था, यह लिखते हुए कि “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है” और “और हर एक भले काम के लिए” तैयार करता हैI (2 तीमुथियुस 3:16-17) लेकिन यह केवल हितकारी सुझाव नहीं था कि “अपनी बाइबल पढ़ना अच्छा है l” पौलुस की सलाह सख्त चेतावनी का पालन करती है कि “अंतिम दिनों में कठिन समय आएँगे” (पद.1) झूठे शिक्षकों के साथ जो “सत्य की पहचान कभी नहीं” कर पाते हैं (पद.7)यह ज़रूरी है कि हम पवित्रशास्त्र के द्वारा स्वयं की रक्षा करें, क्योंकि यह हमें हमारे उद्धारकर्ता के ज्ञान में डुबो(ध्यानमग्न) देता है, हमें “मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिए बुद्धिमान बना सकता है” (पद.15)
बाइबल का अध्ययन करना केवल बच्चों के लिए ही नहीं है; यह वयस्कों के लिए भी है l और यह सिर्फ गर्मियों के अवकाश के लिए नहीं है; यह हर दिन के लिए हैं l पौलुस ने तीमुथियुस को लिखा, “बचपन से पवित्रशास्त्र तेरा जाना हुआ है” (पद.15), लेकिन आरम्भ करने के लिए कभी देर नहीं होती l हम जीवन के किसी भी अवस्था में हों, बाइबल का ज्ञान हमें यीशु से जोड़ता है l यह हम सबके लिए परमेश्वर का VBS पाठ है l
यीशु को देखना
चार महीने की उम्र तक लिओ ने अपने माता-पिता को कभी नहीं देखा था। वह एक असाधारण स्थिति के साथ पैदा हुआ था जिससे उसकी दृष्टि धुंधली हो गई थी। उसके लिए यह घने कोहरे में जीने जैसा था। लेकिन फिर आंखों के डॉक्टर ने उसे एक ख़ास तरह का चश्मा पहनने को दिया।
लिओ के पिता ने एक विडिओ पोस्ट किया जिसमे लिओ की माँ उसे पहली बार चश्मा पहना रही थीI हम देखते हैं जैसे लिओ की आंखें धीरे-धीरे ध्यान केंद्रित करती हैं। जब वह पहली बार अपनी मां को देखता है तो उसके चेहरे पर मुस्कान फैल जाती है। अमूल्य! उस पल में, नन्हा लिओ स्पष्ट देख सकता था।
यूहन्ना यीशु के अपने शिष्यों के साथ हुई बातचीत के बारे में बताता है। फिलिप्पुस ने उससे पूछा, ''पिता को हमें दिखा'' (यूहन्ना 14:8) इतने समय तक एक साथ रहने के बाद भी, यीशु के शिष्य यह नहीं पहचान सके कि उनके ठीक सामने कौन था। उसने उत्तर दिया, “क्या तू विश्वास नहीं करता, कि मैं पिता में हूँ, और पिता मुझ में है?” (पद. 10) पहले यीशु ने कहा था, "मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूं" (पद. 6) यीशु के साथ "मैं हूँ" कथनों में से यह छठा है। वह हमें इस "मैं हूँ" के कथन को चश्मा के माध्यम से देखने के लिए कह रहा है ताकि हम यह देख सके कि वास्तव में वह कौन है—स्वयं परमेश्वर।
हम अधिकतर शिष्यों के समान है। कठिन समय में, हम संघर्ष करते हैं और धुंधली दृष्टि विकसित करते हैं। हम इस बात पर ध्यान केन्द्रित करने में विफल रहते हैं कि परमेश्वर ने क्या किया है और क्या कर सकता है। जब छोटे लिओ ने विशेष चश्मा पहना, तो वह अपने माता-पिता को स्पष्ट रूप से देख सकता था। शायद हमें अपना ईश्वरीय -चश्मा पहनने की आवश्यकता है ताकि हम स्पष्ट रूप से देख सकें कि यीशु वास्तव में कौन है।
आप कौन हैं, प्रभु?
सोलह साल की उम्र में, लुइस रोड्रिग्ज कोकीन बेचने के आरोप में पहले ही जेल में बंद था। लेकिन अब, हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार वह फिर से जेल में था–आजीवन कारावास की सजा के बारे में सोच रहा था। परन्तु परमेश्वर ने उसकी दोषी परिस्थितियों में उससे बात की। सलाखों के पीछे, युवा लुइस ने अपने जीवन के शुरुआती वर्षों को याद किया जब उसकी मां उसे विश्वासपूर्वक चर्च ले गई थी। अब उसे लगा कि ईश्वर अपने दिल को छू रहा है। लुइस ने अंततः अपने पापों का पश्चाताप किया और यीशु के पास आए।
प्रेरितों के काम की पुस्तक में हम शाऊल नाम के एक जोशीले यहूदी व्यक्ति से मिलते हैं, जिसे पौलुस भी कहा जाता था। वह यीशु में विश्वासियों पर गंभीर हमले और घात करने का दोषी था (प्रेरितों के काम 91)। इस बात के प्रमाण हैं कि वह एक प्रकार का गिरोह का नेता था, और स्तिफनुस (7:58) की हत्या के समय भीड़ का एक हिस्सा था। परन्तु परमेश्वर ने शाऊल की दोषी परिस्थितियों में भी बात की। दमिश्क की ओर जाने वाले मार्ग पर शाऊल एक ज्योति के चमकने से अन्धा हो गया, और यीशु ने उस से कहा, “तू मुझे क्यों सताता है?” (9:4)। शाऊल ने पूछा, “हे प्रभु तू कौन है?” (पद 5) और वही उसके नए जीवन की शुरुआत थी। वह यीशु के पास आ गया।
लुइस रोड्रिगेज ने अपनी सज़ा का समय पूरा किया लेकिन अंततः उसे कारावास अवकाश दिया गया। तब से, उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका और मध्य अमेरिका में जेल सेवकाई के लिए अपना जीवन समर्पित करते हुए परमेश्वर की सेवा की है। परमेश्वर हम में से सबसे बुरे को छुड़ाने में माहिर हैं। वह हमारे दिलों को छूता है और हमारे अपराध–बोध से भरे जीवन में बोलता है। शायद अब समय है कि हम अपने पापों का पश्चाताप करें और यीशु के पास आएं।
हमारे विषय परमेश्वर का दृष्टिकोण
यह1968 था, और अमेरिका वियतनाम के साथ युद्ध में फंस गया था, शहरों में नस्लीय हिंसा भड़क रही थी, और दो सार्वजनिक हस्तियों(public figures) की हत्या कर दी गयी थी l एक साल पहले, आग ने लॉन्चपैड/प्रक्षेपण स्थान पर तीन अन्तरिक्ष यात्रियों की जान ले ली थी, और चंद्रमा पर जाने का विचार एक स्वप्न जैसा लग रहा था l बहरहाल, अपोलो 8 क्रिसमस से कुछ दिन पहले लॉन्च/प्रक्षेपित होने में कामयाब रहा l
यह चंद्रमा की कक्षा में जाने वाला पहला मानवयुक्त मिशन बन गया l फ्लाइट क्रू(कर्मीदल), बोर्मन, एंडर्स, एवं लोवेल—सभी विश्वासी व्यक्ति—ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक सन्देश प्रसारित किया : “आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की”(उत्पत्ति 1:1) l उस समय, यह संसार में सबसे अधिक देखी जाने वाली टीवी घटना थी, और लाखों लोगों ने पृथ्वी का ईश्वरीय-दृश्य साझा किया जो वर्तमान में एक प्रतिष्ठित तस्वीर(iconic photo) है l फ्रैंक बोर्मन ने पढ़ना समाप्त किया : “और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है”(पद.10) l
कभी-कभी अपने आप को, और उन सभी कठिनाइयों को देखना जिनमें हम फंसे हुए हैं, और जो कुछ भी अच्छा है उसे देखना कठिन होता है l लेकिन हम सृष्टि की कहानी पर लौट सकते हैं और हमारे बारे में परमेश्वर के दृष्टिकोण को देख सकते हैं : “अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने “[उनको] उत्पन्न किया”(पद.27) l आइये इसे एक और दिव्य-दृष्टि/divine-eye view के साथ जोड़ें : “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा”(यूहन्ना 3:16) l आज, याद रखें कि परमेश्वर ने आपको बनाया है, वह पाप के बावजूद अच्छाई देखता है और जो उसने आपको बनाया है, उससे प्यार करता है l
जिन्दगी का मतलब
मेरी हाई स्कूल वार्षिकी(year book) को देखते हुए, मेरे पोते-पोतियों को तस्वीरों में पुराने हेयर स्टाइल, कपड़े और “पुराने ज़माने” की कारों को देखकर आश्चर्य हुआ l मैंने कुछ अलग देखा—पहले लम्बे समय के मित्रों की मुस्कुराहट, कुछ जो अभी भी मित्र हैं l हालाँकि, इससे भी अधिक, मैंने परमेश्वर की धारण (सुरक्षित रखनेवाली) शक्ति को देखा l उसकी सौम्य उपस्थिति मेरे चारोंओर थी जब मैं स्कूल में अनुकूल(adjust) होने में संघर्ष कर रही थी l उसकी सुरक्षित रखने वाली दयालुता मुझ पर नज़र रखती थी—वह दयालुता जो वह उन सभी को देता है उस उसे खोजते हैं l
दानिय्येल परमेश्वर की उपस्थिति जानता था l बेबीलोन में अपने निर्वासन के दौरान, दानिय्येल राजा की निषेधाज्ञा(पद.7-9) के बावजूद “अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियाँ यरूशलेम की ओर खुली रहती थीं”(दानिय्येल 6:10) और “प्रार्थना” की l अपने प्रार्थनापूर्ण दृष्टिकोण से, दानिय्येल परमेश्वर को याद करता था जिसकी निरंतर उपस्थिति ने उसे सहारा दिया—उसकी प्रार्थनाओं को सुनना और उत्तर देना l इस प्रकार, परमेश्वर उसे फिर से सुनेगा, उत्तर देगा और उसे बनाए रखेगा l
फिर भी, नए क़ानून के बावजूद, दानिय्येल अभी भी परमेश्वर की उपस्थिति की तलाश करनेवाला था चाहे उसके साथ कुछ भी हो जाए l और इसलिए उसने जैसे पहले भी कई बार की थी प्रार्थना की (पद.10) l शेरों के मांद में रहते हुए, प्रभु के एक दूत ने दानिय्येल को सुरक्षित रखा क्योंकि उसके विश्वासयोग्य परमेश्वर ने उसे बचाया था(पद.22) l
वर्तमान आजमाइशों के दौरान अपने अतीत को देखने से हमें परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को याद करने में मदद मिल सकती है l जैसा कि राजा दारा ने भी परमेश्वर के बारे में कहा, “वही बचाने और छुड़ानेवाला है; और स्वर्ग में और पृथ्वी पर चिन्हों और चमत्कारों का प्रगट करनेवाला है”(पद.27) l परमेश्वर तब भी अच्छा था, और अब भी अच्छा है l उसकी उपस्थिति आपको बनाए रखेगी l
जेल के सलाखों के पीछे
एक प्रसिद्ध खिलाड़ी/athlete ने ऐसे मंच पर कदम रखा जो कोई खेल स्टेडियम नहीं था l उसने जेल सुविधा में तीन सौ कैदियों से बात की और उन्हें यशायाह के शब्दों को साझा किया l
हालाँकि, यह क्षण किसी प्रसिद्ध खिलाड़ी के तमाशे के बारे में नहीं था, बल्कि टूटी हुयी और आहात आत्माओं के समुद्र के बारे में था l इस विशेष समय में, परमेश्वर सलाखों के पीछे दिखायी हुए l एक पर्यवेक्षक ने ट्वीट/tweet किया कि “छोटे चर्च/chapel में आराधना और प्रशंसा का दौर आरम्भ हो गया l” पुरुष एक साथ रो रहे थे और प्रार्थना कर रहे थे l अंत में, लगभग सत्ताईस कैदियों ने मसीह को अपना जीवन दिया l
एक तरह से, हम सभी अपनी ही बनायी जेलों में हैं, अपने लालच, स्वार्थ और लत की सलाखों के पीछे फंसे हुए हैं l लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, ईश्वर प्रकट होता है l उस सुबह जेल में मुख्य पद था, “देखो, मैं एक नयी बात करता हूँ; वह अभी प्रगट होगी, क्या तुम उससे अनजान रहोगे?” (यशायाह 43:19) l यह अनुच्छेद हमें “बीती हुयी घटनाओं का स्मरण [नहीं करने] के लिए प्रोत्साहित करता है (पद.18) क्योंकि ईश्वर कहता है, “मैं वही हूँ जो . . . तेरे पापों को स्मरण न करूँगा” (पद.25) l
फिर भी परमेश्वर यह स्पष्ट करता है : “मैं ही यहोवा हूँ और मुझे छोड़ कोई उद्धारकर्ता नहीं” (पद.11) l केवल मसीह को अपने जीवन देखर ही हम स्वतंत्र हुए हैं l हममें से कुछ को ऐसा करने की जरूरत है; हममें से कुछ लोगों ने ऐसा किया है, लेकिन हमें यह याद दिलाने की जरुरत है कि वास्तव में हमारे जीवन का ईश्वर कौन है l हमें निश्चय दिया गया है कि, मसीह के द्वारा, परमेश्वर वास्तव में “एक नया काम” करेगा l तो आइये देखें क्या होता है!
विजयी लक्ष्य
5 फरवरी, 2023 को, क्रिश्चियन अत्सु ने तुर्की में एक मैच में अपनी फुटबॉल (सॉकर) टीम के लिए विजयी गोल मारा। एक प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, जब वह बच्चा था उन्होंने अपने देश घाना में इसे नंगे पैर दौड़कर सीखा । क्रिस्चियन यीशु मसीह में विश्वास रखता था: "यीशु मेरे जीवन में अब तक हुई सबसे अच्छी चीज़ है," उन्होंने कहा। अत्सु ने सोशल मीडिया पर बाइबिल की आयतें पोस्ट कीं, अपने विश्वास के बारे में स्पष्टवादी थे, और अनाथों के लिए के लिए एक स्कूल की आर्थिक मदद करके इसे क्रियान्वित किया। । उन्होंने इसे नंगे पैर दौड़कर सीखा, अपने गृहनगर में, जब वह बच्चा था,
उनके विजयी गोल के अगले दिन, एक विनाशकारी भूकंप ने अंताक्या शहर को हिला दिया, जो कभी बाइबिल का शहर अन्ताकिया था। क्रिश्चियन अत्सु की अपार्टमेंट इमारत ढह गई, और वह अपने उद्धारकर्ता के पास चला गया।
दो हजार साल पहले, अन्ताकिया प्रारंभिक चर्च का स्रोत था: "चेले सब से पहिले अन्ताकिया ही में मसीही कहलाए।।" " (प्रेरितों के काम 11:26)। एक प्रेरित, बरनबास, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह " वह एक भला मनुष्य था; और पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण था " (पद 24), लोगों को मसीह के पास लाने में सहायक था: "बड़ी संख्या में लोगों को प्रभु के पास लाया गया" (पद 24)
हम क्रिश्चियन अत्सु के जीवन को आदर्श मानने के लिए नहीं बल्कि उनके उदाहरण में एक अवसर देखने के लिए देखते हैं। हमारे जीवन की परिस्थिति चाहे जो भी हो, हम नहीं जानते कि परमेश्वर हमें अपने साथ रहने के लिये कब ले जायेगें। अच्छा होगा कि हम स्वयं से पूछें कि हम दूसरों को मसीह का प्रेम दिखाने में बरनबास या क्रिश्चियन अत्सु कैसे बन सकते हैं। वह, सबसे पहले, विजयी लक्ष्य है।
परमेश्वर के भय में
फ़ोबिया/phobia(डर) को कुछ चीज़ों या स्थितियों के “तर्कहीन डर” के रूप में परिभाषित किया गया है l एराकोनोफ़ोबिया(Arachnophobia) मकड़ियों का डर है (हालाँकि कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि इससे डरना बिलकुल तर्कसंगत बात है!) फिर ग्लोबोफोबिया(globophobia) और ज़ोकोलेटोफ़ोबिया(xocolatophobia) है l यह और लगभग चार सौ अन्य फ़ोबिया(प्रकार के डर/भय) वास्तविक हैं और जिनका लिखित प्रमाण हैं l ऐसा लगता है कि हम किसी भी चीज़ से डर सकते हैं l
बाइबल दस आज्ञाएँ प्राप्त करने के बाद इस्राएलियों के डर के बारे में बताती है : “सब लोग गर्जन और बिजली . . . के शब्द सुनते . . . [तो] कांपकर दूर खड़े हो [जाते थे]” (निर्गमन 20:18) l मूसा ने उन्हें यह सबसे दिलचस्प कथन देते हुए सांत्वना दी : “डरो मत; क्योंकि परमेश्वर इसलिए आया है कि तुम्हारी परीक्षा करे, और उसका भय तुम्हारे मन में बना रहे” (पद.20) l ऐसा प्रतीत होता है कि मूसा स्वयं का खंडन कर रहा है : “डरो मत . . . [परन्तु] उसका भय तुम्हारे मन में बना रहे l” वास्तव में, “भय” के लिए इब्रानी शब्द में कम से कम दो अर्थ हैं—किसी चीज़ का कांपता हुआ भय या परमेश्वर के प्रति श्रद्धापूर्ण/भक्तियुक्त विस्मय l
हमें यह जानकार हंसी आ सकती है कि ग्लोबोफोबिया(globophobia) बैलून का डर है और ज़ोकोलेटोफ़ोबिया(xocolatophobia) चॉकलेट का डर है l फ़ोबिया के बारे में अधिक गंभीर बात यह है कि हम हर तरह की चीज़ों से डर सकते हैं l डर हमारे जीवन में मकड़ियों की तरह रेंगता है, और संसार एक डरावनी जगह हो सकती है l जब हम फ़ोबिया और भय से जूझते हैं, तो अपने को याद दिलाना अच्छा होता है कि हमारा ईश्वर एक अद्भुत ईश्वर है, जो हमें अँधेरे के बीच में अपना प्रस्तुत/विद्यमान आराम प्रदान करता है l
परमेश्वर की हस्तकला
12 जुलाई, 2022 को, वैज्ञानिकों को नए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से सबसे गहरे अंतरिक्ष की पहली छवियों का इंतजार था। अत्याधुनिक दूरबीन ब्रह्मांड में उससे कहीं अधिक दूर तक देख सकती है जितना मानव जाति ने पहले कभी नहीं देखा। अचानक एक विस्मयकारी छवि उभरती है: कैरिना नेबुला का एक रंगीन अंतरिक्ष-परिदृश्य, ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया था। नासा के एक खगोलशास्त्री ने प्रसिद्ध नास्तिक कार्ल सागन के हवाले से कहा: "कहीं, कुछ अविश्वसनीय इंतज़ार कर रहा है।"
कभी-कभी लोग परमेश्वर की आँखों में देख सकते हैं और उन्हें नहीं देख सकते। लेकिन भजनहार दाऊद ने आकाश की ओर देखा और ठीक-ठीक जान लिया कि वह क्या देख रहा है: "तू ने अपनी महिमा स्वर्ग से भी ऊपर स्थापित की है" (भजन 8:1)। सागन यह कहने में सही थे कि "कुछ अविश्वसनीय इंतजार कर रहा है," लेकिन वह यह स्वीकार करने में विफल रहे जिसे दाऊद ने स्पष्ट रूप से समझ लिया था: "जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों के कार्य है, और चंद्रमा और तारागण को जो तूने नियुक्त किए है, देखता हूं, तो फिर मनुष्य क्या है कि तू स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले ” (पद 3-4)।
जब हम सबसे गहरे अंतरिक्ष की तस्वीरें देखते हैं, तो हम आश्चर्यचकित हो जाते हैं, तकनीक के कारण नहीं, बल्कि इसलिए कि हम परमेश्वर की हस्तकला को देखते हैं। हम आश्चर्यचकित हैं क्योंकि सृष्टि की विशालता में, परमेश्वर ने हमें "[अपने] हाथों के कार्यों पर शासक" बनाया है (पद 6)। वास्तव में "कुछ अविश्वसनीय इंतज़ार कर रहा है" - परमेश्वर, इंतज़ार कर रहा है जो यीशु में विश्वासी है उन्हें उसके लौटने पर उसके पास लाने का। यह सभी में से सबसे विस्मयकारी तस्वीर है।