Our Authors

सब कुछ देखें

Articles by केनेथ पीटरसन

जिन्दगी का मतलब

मेरी हाई स्कूल वार्षिकी(year book) को देखते हुए, मेरे पोते-पोतियों को तस्वीरों में पुराने हेयर स्टाइल, कपड़े और “पुराने ज़माने” की कारों को देखकर आश्चर्य हुआ l मैंने कुछ अलग देखा—पहले लम्बे समय के मित्रों की मुस्कुराहट, कुछ जो अभी भी मित्र हैं l हालाँकि, इससे भी अधिक, मैंने परमेश्वर की धारण (सुरक्षित रखनेवाली) शक्ति को देखा l उसकी सौम्य उपस्थिति मेरे चारोंओर थी जब मैं स्कूल में अनुकूल(adjust) होने में संघर्ष कर रही थी l उसकी सुरक्षित रखने वाली दयालुता मुझ पर नज़र रखती थी—वह दयालुता जो वह उन सभी को देता है उस उसे खोजते हैं l 

दानिय्येल परमेश्वर की उपस्थिति जानता था l बेबीलोन में अपने निर्वासन के दौरान, दानिय्येल राजा की निषेधाज्ञा(पद.7-9) के बावजूद “अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियाँ यरूशलेम की ओर खुली रहती थीं”(दानिय्येल 6:10) और “प्रार्थना” की l अपने प्रार्थनापूर्ण दृष्टिकोण से, दानिय्येल परमेश्वर को याद करता था जिसकी निरंतर उपस्थिति ने उसे सहारा दिया—उसकी प्रार्थनाओं को सुनना और उत्तर देना l इस प्रकार, परमेश्वर उसे फिर से सुनेगा, उत्तर देगा और उसे बनाए रखेगा l 

फिर भी, नए क़ानून के बावजूद, दानिय्येल अभी भी परमेश्वर की उपस्थिति की तलाश करनेवाला था  चाहे उसके साथ कुछ भी हो जाए l और इसलिए उसने जैसे पहले भी कई बार की थी प्रार्थना की (पद.10) l शेरों के मांद में रहते हुए, प्रभु के एक दूत ने दानिय्येल को सुरक्षित रखा क्योंकि उसके विश्वासयोग्य परमेश्वर ने उसे बचाया था(पद.22) l 

वर्तमान आजमाइशों के दौरान अपने अतीत को देखने से हमें परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को याद करने में मदद मिल सकती है l जैसा कि राजा दारा ने भी परमेश्वर के बारे में कहा, “वही बचाने और छुड़ानेवाला है; और स्वर्ग में और पृथ्वी पर चिन्हों और चमत्कारों का प्रगट करनेवाला है”(पद.27) l परमेश्वर तब भी अच्छा था, और अब भी अच्छा है l उसकी उपस्थिति आपको बनाए रखेगी l 

जेल के सलाखों के पीछे

एक प्रसिद्ध खिलाड़ी/athlete ने ऐसे मंच पर कदम रखा जो कोई खेल स्टेडियम नहीं था l उसने जेल सुविधा में तीन सौ कैदियों से बात की और उन्हें यशायाह के शब्दों को साझा किया l 

हालाँकि, यह क्षण किसी प्रसिद्ध खिलाड़ी के तमाशे के बारे में नहीं था, बल्कि टूटी हुयी और आहात आत्माओं के समुद्र के बारे में था l इस विशेष समय में, परमेश्वर सलाखों के पीछे दिखायी हुए l एक पर्यवेक्षक ने ट्वीट/tweet किया कि “छोटे चर्च/chapel में आराधना और प्रशंसा का दौर आरम्भ हो गया l” पुरुष एक साथ रो रहे थे और प्रार्थना कर रहे थे l अंत में, लगभग सत्ताईस कैदियों ने मसीह को अपना जीवन दिया l 

एक तरह से, हम सभी अपनी ही बनायी जेलों में हैं, अपने लालच, स्वार्थ और लत की सलाखों के पीछे फंसे हुए हैं l लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, ईश्वर प्रकट होता है l उस सुबह जेल में मुख्य पद था, “देखो, मैं एक नयी बात करता हूँ; वह अभी प्रगट होगी, क्या तुम उससे अनजान रहोगे?” (यशायाह 43:19) l यह अनुच्छेद हमें “बीती हुयी घटनाओं का स्मरण [नहीं करने] के लिए प्रोत्साहित करता है (पद.18) क्योंकि ईश्वर कहता है, “मैं वही हूँ जो . . . तेरे पापों को स्मरण न करूँगा” (पद.25) l 

फिर भी परमेश्वर यह स्पष्ट करता है : “मैं ही यहोवा हूँ और मुझे छोड़ कोई उद्धारकर्ता नहीं” (पद.11) l केवल मसीह को अपने जीवन देखर ही हम स्वतंत्र हुए हैं l हममें से कुछ को ऐसा करने की जरूरत है; हममें से कुछ लोगों ने ऐसा किया है, लेकिन हमें यह याद दिलाने की जरुरत है कि वास्तव में हमारे जीवन का ईश्वर कौन है l हमें निश्चय दिया गया है कि, मसीह के द्वारा, परमेश्वर वास्तव में “एक नया काम” करेगा l तो आइये देखें क्या होता है!

विजयी लक्ष्य

5 फरवरी, 2023 को, क्रिश्चियन अत्सु ने तुर्की में एक मैच में अपनी फुटबॉल (सॉकर) टीम के लिए विजयी गोल मारा। एक प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, जब वह बच्चा था उन्होंने अपने देश घाना में इसे नंगे पैर दौड़कर सीखा । क्रिस्चियन यीशु मसीह में विश्वास रखता था: "यीशु मेरे जीवन में अब तक हुई सबसे अच्छी चीज़ है," उन्होंने कहा। अत्सु ने सोशल मीडिया पर बाइबिल की आयतें पोस्ट कीं, अपने विश्वास के बारे में स्पष्टवादी थे, और अनाथों के लिए के लिए एक स्कूल की आर्थिक मदद करके इसे क्रियान्वित किया। ।  उन्होंने इसे नंगे पैर दौड़कर सीखा,   अपने गृहनगर में, जब वह बच्चा था,

उनके विजयी गोल के अगले दिन, एक विनाशकारी भूकंप ने अंताक्या शहर को हिला दिया, जो कभी बाइबिल का शहर अन्ताकिया था। क्रिश्चियन अत्सु की अपार्टमेंट इमारत ढह गई, और वह अपने उद्धारकर्ता के पास चला गया।

दो हजार साल पहले, अन्ताकिया प्रारंभिक चर्च का स्रोत था: "चेले सब से पहिले अन्ताकिया ही में मसीही कहलाए।।" " (प्रेरितों के काम 11:26)। एक प्रेरित, बरनबास, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह " वह एक भला मनुष्य था; और पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण था " (पद 24), लोगों को मसीह के पास लाने में सहायक था: "बड़ी संख्या में लोगों को प्रभु के पास लाया गया" (पद 24)    

हम क्रिश्चियन अत्सु के जीवन को आदर्श मानने के लिए नहीं बल्कि उनके उदाहरण में एक अवसर देखने के लिए देखते हैं। हमारे जीवन की परिस्थिति चाहे जो भी हो, हम नहीं जानते कि परमेश्वर हमें अपने साथ रहने के लिये कब ले जायेगें। अच्छा होगा कि हम स्वयं से पूछें कि हम दूसरों को मसीह का प्रेम दिखाने में बरनबास या क्रिश्चियन अत्सु कैसे बन सकते हैं। वह, सबसे पहले, विजयी लक्ष्य है। 

 

परमेश्वर के भय में

फ़ोबिया/phobia(डर) को कुछ चीज़ों या स्थितियों के “तर्कहीन डर” के रूप में परिभाषित किया गया है l एराकोनोफ़ोबिया(Arachnophobia) मकड़ियों का डर है (हालाँकि कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि इससे डरना बिलकुल तर्कसंगत बात है!) फिर ग्लोबोफोबिया(globophobia) और ज़ोकोलेटोफ़ोबिया(xocolatophobia) है l यह और लगभग चार सौ अन्य फ़ोबिया(प्रकार के डर/भय) वास्तविक हैं और जिनका लिखित प्रमाण हैं l ऐसा लगता है कि हम किसी भी चीज़ से डर सकते हैं l 

बाइबल दस आज्ञाएँ प्राप्त करने के बाद इस्राएलियों के डर के बारे में बताती है : “सब लोग गर्जन और बिजली . . . के शब्द सुनते . . . [तो] कांपकर दूर खड़े हो [जाते थे]” (निर्गमन 20:18) l मूसा ने उन्हें यह सबसे दिलचस्प कथन देते हुए सांत्वना दी : “डरो मत; क्योंकि परमेश्वर इसलिए आया है कि तुम्हारी परीक्षा करे, और उसका भय तुम्हारे मन में बना रहे” (पद.20) l ऐसा प्रतीत होता है कि मूसा स्वयं का खंडन कर रहा है : “डरो मत . . . [परन्तु] उसका भय तुम्हारे मन में बना रहे l” वास्तव में, “भय” के लिए इब्रानी शब्द में कम से कम दो अर्थ हैं—किसी चीज़ का कांपता हुआ भय या परमेश्वर के प्रति श्रद्धापूर्ण/भक्तियुक्त विस्मय l 

हमें यह जानकार हंसी आ सकती है कि ग्लोबोफोबिया(globophobia) बैलून का डर है और ज़ोकोलेटोफ़ोबिया(xocolatophobia) चॉकलेट का डर है l फ़ोबिया के बारे में अधिक गंभीर बात यह है कि हम हर तरह की चीज़ों से डर सकते हैं l डर हमारे जीवन में मकड़ियों की तरह रेंगता है, और संसार एक डरावनी जगह हो सकती है l जब हम फ़ोबिया और भय से जूझते हैं, तो अपने को याद दिलाना अच्छा होता है कि हमारा ईश्वर एक अद्भुत ईश्वर है, जो हमें अँधेरे के बीच में अपना प्रस्तुत/विद्यमान आराम प्रदान करता है l 

 

परमेश्वर की हस्तकला

 12 जुलाई, 2022 को, वैज्ञानिकों को नए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से सबसे गहरे अंतरिक्ष की पहली छवियों का इंतजार था। अत्याधुनिक दूरबीन ब्रह्मांड में उससे कहीं अधिक दूर तक देख सकती है जितना मानव जाति ने पहले कभी नहीं देखा। अचानक एक विस्मयकारी छवि उभरती है: कैरिना नेबुला का एक रंगीन अंतरिक्ष-परिदृश्य, ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया था। नासा के एक खगोलशास्त्री ने प्रसिद्ध नास्तिक कार्ल सागन के हवाले से कहा: "कहीं, कुछ अविश्वसनीय इंतज़ार कर रहा है।"

कभी-कभी लोग परमेश्वर की आँखों में देख सकते हैं और उन्हें नहीं देख सकते। लेकिन भजनहार दाऊद ने आकाश की ओर देखा और ठीक-ठीक जान लिया कि वह क्या देख रहा है: "तू ने अपनी महिमा स्वर्ग से भी ऊपर स्थापित की है" (भजन 8:1)। सागन यह कहने में सही थे कि "कुछ अविश्वसनीय इंतजार कर रहा है," लेकिन वह यह स्वीकार करने में विफल रहे जिसे दाऊद ने स्पष्ट रूप से समझ लिया था: "जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों के कार्य है, और चंद्रमा और तारागण को जो तूने नियुक्त किए है, देखता हूं, तो फिर मनुष्य क्या है कि तू स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले ” (पद 3-4)।

जब हम सबसे गहरे अंतरिक्ष की तस्वीरें देखते हैं, तो हम आश्चर्यचकित हो जाते हैं, तकनीक के कारण नहीं, बल्कि इसलिए कि हम परमेश्वर की हस्तकला को देखते हैं। हम आश्चर्यचकित हैं क्योंकि सृष्टि की विशालता में, परमेश्वर ने हमें "[अपने] हाथों के कार्यों पर शासक" बनाया है (पद 6)। वास्तव में "कुछ अविश्वसनीय इंतज़ार कर रहा है" - परमेश्वर, इंतज़ार कर रहा है जो यीशु में विश्वासी है उन्हें उसके लौटने पर उसके पास लाने का। यह सभी में से सबसे विस्मयकारी तस्वीर है।

परमेश्वर के लिए जाने को तैयार

हिडन फिगर्स पुस्तक में जॉन ग्लेन की अंतरिक्ष में उड़ान की तैयारियों का वर्णन किया गया है। 1962 में कंप्यूटर एक नया आविष्कार था, जिसमें गड़बड़ियों की संभावना थी। ग्लेन को उन पर भरोसा नहीं था और वह लॉन्च के लिए गणनाओं को लेकर चिंतित थे। वह जानता था कि पीछे के कमरे में एक बुद्धिमान महिला अंकों की विशेषज्ञा थी। उसने उस पर भरोसा किया, "अगर वह कहती है कि संख्याएँ अच्छी हैं," ग्लेन ने कहा, "मैं जाने के लिए तैयार हूँ।"

कैथरीन जॉनसन एक शिक्षिका और तीन बच्चों की माँ थीं। वह यीशु से प्रेम करती थी और अपने चर्च में सेवा करती थी। परमेश्वर ने कैथरीन को एक अद्भुत दिमाग का आशीर्वाद दिया था। नासा ने 1950 के दशक के अंत में अंतरिक्ष कार्यक्रम में मदद के लिए उन्हें चुना। वह ग्लेन की "दिमागदार महिला" थी, जो उस समय उनके द्वारा काम पर रखे गए "मानव कंप्यूटर" में से एक थी।

हमें प्रतिभाशाली गणितज्ञ होने के लिए नहीं बुलाया जा सकता है, लेकिन परमेश्वर हमें अन्य चीजों के लिए बुलाते हैं: "हम में से प्रत्येक को मसीह के अनुसार अनुग्रह दिया गया है" (इफिसियों 4:7)। हमें "जिस बुलाहट से तुम बुलाये गए थे, उसके योग्य चाल चलना है" (पद 1)। हम एक शरीर का हिस्सा हैं, जिसमें "प्रत्येक अंग अपना काम करता है" (पद 16)।

कैथरीन जॉनसन की गणना ने पाठ्यक्रम प्रक्षेपवक्र की पुष्टि की। ग्लेन का कक्षा में प्रक्षेपण "सांड की आंख पर प्रहार"(बुल्स आई) जैसा था। लेकिन यह कैथरीन की बुलाहट में से सिर्फ एक थी। याद रखें, उन्हें एक माँ, शिक्षिका और चर्च कार्यकर्ता बनने के लिए भी बुलाया गया था। हम स्वयं से पूछ सकते हैं कि परमेश्वर ने हमें किस लिए बुलाया है, चाहे वह बड़ा हो या छोटा। क्या हम "जाने के लिए तैयार हैं", उसके द्वारा दिए गए अनुग्रह-उपहारों का उपयोग करते हुए, "[हमारे] बुलावे के योग्य जीवन" जी रहे हैं (पद 1)?

 

"मैं हूँ"

दर्शनशास्त्र और साहित्य के प्रोफेसर जैक का दिमाग बहुत तेज़ था। उन्होंने पंद्रह साल की उम्र में खुद को नास्तिक घोषित कर दिया था और युवा अवस्था में अपने "नास्तिक विश्वास" का दृढ़तापूर्वक समर्थन किया । मसीही मित्रों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया। जैसा कि जैक ने कहा, "सभी लोग और सभी चीज़ें दूसरे पक्ष में शामिल हो गई थी।" लेकिन उन्हें यह स्वीकार करना पड़ा कि बाइबिल अन्य साहित्य और काल्पनिककथा (मिथकों) से अलग है। सुसमाचार के बारे में उन्होंने लिखा: "यदि कभी कोई मिथक तथ्य बन जाता, अवतार लेता, तो वह इसी तरह होता।" 

बाइबल का एक अंश जैक के लिए सबसे प्रभावशाली बन गया—निर्गमन 3। परमेश्वर इस्राएलियों को मिस्र से बाहर निकालने के लिए मूसा को बुला रहा था। मूसा ने परमेश्वर से पूछा, “मैं कौन हूं कि फिरौन के पास जाऊं?” (पद- 11)I परमेश्वर ने उत्तर दिया, “मैं जो हूँ सो हूँ” (पद- 14)। हालाँकि इस अंश में शब्दों और नामों पर जटिलता और अस्पष्टता दिखती है लेकिन यह शुरुआत से ही परमेश्वर की शाश्वत उपस्थिति को दर्शाता है। दिलचस्प बात यह है कि बाद में यीशु ने भी यही बात दोहराई जब उन्होंने कहा, "कि पहले इसके कि अब्राहम उत्पन्न हुआ, मैं हूँ!" (यूहन्ना 8:58)

जैक, जिसे सी.एस. लुईस के नाम से बेहतर जाना जाता है, इस अंश से गहराई से प्रभावित हुआ। यह वह सब था जो एक सच्चे परमेश्वर को कहने की आवश्यकता थी - बस यह कि वह "मैं हूँ।" जीवन बदलने वाले एक क्षण में, लुईस ने "हार मान ली और स्वीकार किया कि परमेश्वर ही परमेश्वर है।" यह लुईस के लिए यीशु को स्वीकार करने की यात्रा की शुरुआत थी। शायद हम विश्वास के साथ संघर्ष करते हैं, जैसा कि लुईस ने किया, या शायद “उदासीन” विश्वास के साथ। हम स्वयं से पूछ सकते हैं कि क्या परमेश्वर वास्तव में हमारे जीवन में "मैं हूँ" है।

यीशु का लहू

लाल रंग हमेशा हमारे द्वारा बनाई जाने वाली वस्तुओं में स्वाभाविक रूप से नहीं होता है l आप सेब के जिवंत रंग को टी-शर्ट या लिपस्टिक में कैसे डालते हैं? आरंभिक समय में, लाल रंग मिटटी या लाल चट्टानों से बनाया जाता था l 1400 के दशक में, एजटेक(Aztec)—मेक्सिको के मूल निवासी—ने लाल रंग बनाने के लिए कोकीनल कीड़ों(cochineal insects) का उपयोग करने का एक तरीका खोजा l आज, वही छोटे कीड़े संसार को लाल रंग की आपूर्ति करते हैं l 

बाइबल में, लाल रंग राज्याधिकार, और पाप और शर्म को भी दर्शाता है l इसके अलावा, यह लहू का रंग है l जब सैनिकों ने “[यीशु को] नग्न कर दिया और उस पर लाल रंग का वस्त्र डाल दिया” (मत्ती 27:28), तो ये तीन प्रतीक लाल रंग की एक हृदय विदारक छवि में विलीन हो गए : यीशु का संभावित शाही परिवार के रूप में उपहास किया गया, वह शर्म से ढंका हुआ, और खून के रंग में रंगा हुआ था जिसे वह जल्द ही बहाने वाला था l यशायाह के शब्द हमें लाल रंग से बचाने के लिए इस लाल यीशु के वादे की नबूवत करते हैं जो हमें दाग़ लगाते है : “तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम के समान उजले हो जाएंगे” (1:18) l 

उस लाल रंग के लिए उपयोग किए जाने वाले उन कोकीनल कीड़ों के बारे में एक और बात—वे वास्तव में बाहर से दुधिया सफ़ेद होते हैं l कुचले जाने पर ही वे अपना लाल रक्त छोड़ते हैं l वह छोटा सा तथ्य हमारे लिए यशायाह के अन्य शब्दों को प्रतिध्वनित करता है : “[यीशु] हमारे अधर्म के कामों के कारण कुचला गया” (यशायाह 53:5) l 

यीशु, जो पाप से अनजान था, हमें बचाने के लिए यहाँ है जो पाप से लाल हैं l आप देखिए, उसकी कुचली हुयी मृत्यु में, यीशु ने ढेर सारे लाल रंग सहे ताकि आप बर्फ की तरह सफ़ेद हो सकें l 

परमेश्वर के प्रति समर्पण

एक कृषिक्षेत्र में जन्मे जडसन वैन डिवेंटर ने पेंटिंग सीखा, कला का अध्ययन किया और एक कला शिक्षक बन गए l हलाकि, परमेश्वर की योजना अलग थी l दोस्तों ने चर्च में उनके काम को महत्व देकर उनसे मसीही धर्म प्रचारक बनने का आग्रह किया l जडसन को भी ईश्वर की बुलाहट महसूस हुयी, लेकिन कला सिखाने का प्रेम उनके लिए छोड़ना कठिन था l ईश्वर के साथ कुश्ती के बाद, उन्होंने लिखा, “आख़िरकार, निर्णायक समय आ गया, और मैंने सब कुछ समर्पित कर दिया l”

हम अब्राहम के दुःख की कल्पना नहीं कर सकते जब परमेश्वर ने उसे अपने बेटे इसहाक को समर्पित करने के लिए बुलाया l परमेश्वर की आज्ञा के मद्देनजर कि “वहां उसको . . . होमबलि करके [चढ़ाना],” (उत्पत्ति 22:2) हम अपने आप से पूछते हैं कि परमेश्वर हमें किस बहुमूल्य वस्तु को बलिदान करने के लिए बुला रहा है l हम जानते हैं कि उसने अंततः इसहाक को बचा लिया (पद.12), और फिर भी बात स्पष्ट है : अब्राहम उस चीज़ के समर्पण हेतु तैयार था जो उसके लिए सबसे कीमती थी l उसने सबसे कठिन बुलाहट के बीच भी परमेश्वर पर भरोसा किया l 

हम कहते हैं कि हम ईश्वर से प्रेम करते हैं, लेकिन क्या हम अपनी सबसे प्रिय चीज़ का त्याग करने को तैयार हैं? जडसन वैन डीवेंटर ने सुसमाचार प्रचार में परमेश्वर के आह्वान का पालन किया और प्रिय गीत “सब मैं देता हूँ(I Surrender All)” लिखा l समय के साथ, परमेश्वर ने जडसन को शिक्षण में वापस बुलाया l उनका एक छात्र बिली ग्राहम भी था l 

हमारे जीवन के लिए परमेश्वर की योजना में ऐसे उद्देश्य हैं जो हमारे लिए अकल्पनीय हैं l वह चाहता है कि हम अपनी सबसे प्रिय चीज़ समर्पित करने को तैयार रहें l ऐसा लगता है कि हम कम से कम इतना ही कर ही सकते हैं l आखिरकार, उसने हमारे लिए अपने एकलौते पुत्र को बलिदान दे दिया l