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Articles by किर्स्टेन होल्मबर्ग

संगीतात्मक औषधि

दाऊद वीणा लेकर बजाता; और शाऊल चैन पाकर अच्छा हो जाता थाl 1 शमुएल 16:23

जब पांच साल की बेल्ला को अमेरिका के नॉर्थ डकोटा में कैंसर के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया, तो उसके इलाज के हिस्से के रूप में उसे संगीत चिकित्सा दी गयीl बहुत से लोगों ने मूड/मिज़ाज पर संगीत के शक्तिशाली प्रभाव का अनुभव किया है,बिना यह समझे कि ऐसा क्यों है, लेकिन शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक नैदानिक(clinical) लाभ का प्रमाण प्रस्तुत किया है l बेल्ला जैसे कैंसर रोगियों और पार्किंसन रोग/parkinson, मनोभ्रंश/dementia और आघात(trauma) से पीड़ित लोगों के लिए अब संगीत इलाज के तौर पर नुस्खा में दिया जा रहा है l 

जब राजा शाऊल पीड़ा अनुभव कर रहा था तो वह संगीत के नैदानिक नुस्खे के लिए पहुंचा l उसके परिचारकों ने उसमें शांति की कमी देखी और सुझाव दिया कि वे किसी को उसके लिए वीणा बजाने के लिए इस आशा में खोजें कि वह “अच्छा हो जाए” (1 शमुएल 16:16) l उन्होंने यिशै के पुत्र दाऊद को बुलवाया, और शाऊल उस से प्रसन्न हुआ और उस से बिनती की, कि वह “[उसकी] सेवा में बना रहे” (पद.22) l दाऊद ने शाऊल के अशांति के क्षणों में उसके लिए वीणा बजाया, जिससे उसे उसकी पीड़ा से राहत मिली l 

हम शायद जिसे केवल वैज्ञानिक रूप से ही खोज रहे हों वह परमेश्वर पहले से ही जानता है कि संगीत हमें कैसे प्रभावित कर सकता हैl जैसा कि हमारे शरीर और संगीत दोनों के रचयिता और सृष्टिकर्ता के रूप में,उसने हमारे स्वास्थ्य के लिए एक नुस्खा प्रदान किया जो सभी के लिए सरलता से उपलब्ध है, इससे फर्क नहीं पड़ता कि हम किस युग में रहते हों या डॉक्टर के पास जाना कितना आसान ही क्यों न हो l यहाँ तक कि जब सुनने का कोई तरीका नहीं है, तब भी हम अपने आनंद और संघर्ष के बीच में परमेश्वर के लिए गा सकते हैं,अपना खुद का संगीत बना सकते हैं (भजन 59:16; प्रेरितों 16:25) l 

अपने मन की रक्षा करें

हंगरी देश में जन्मे गणितज्ञ अब्राहम वाल्ड ने 1938 में संयुक्त राज्य अमेरिका आने के बाद द्वीतीय विश्व युद्ध के प्रयासों के लिए अपने कौशल का इस्तेमाल किया। सेना अपने विमान को दुश्मन की गोला-बारी से बचाने के तरीकों की तलाश कर रही थी, इसलिए सांख्यिकीय अनुसंधान समूह (statistical research group)में वाल्ड और उनके सहयोगियों से पूछा गया यह पता लगाने के लिए कि दुश्मन की गोला-बारी गोला-बारी से बचाव के लिए सैन्य विमानों की बेहतर सुरक्षा कैसे की जाए। उन्होंने लौटने वाले विमानों की जांच करके यह देखना शुरू किया कि उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान कहां हुआ है। लेकिन वाल्ड को गहरी अंतर्दृष्टि का श्रेय दिया जाता है कि लौटने वाले विमान पर होने वाली क्षति केवल वहीं दर्शाती है जहां एक विमान पर आघात होता है मगर वह फिर भी बच जाता है। उन्हें एहसास हुआ की अतिरिक्त कवच की ज़रुरत विमान के जिस हिस्से को पड़ती है वह क्षतिग्रस्त विमान को देख कर पता लगायी जा सकती हैI विमानों का सबसे कमजोर हिस्सा-इंजन- जो नीचे चला गया था और इसलिए जांच नहीं की जा सकी। सुलेमान हमें हमारे सबसे कमजोर हिस्से - हमारे मन की रक्षा करने के बारे में सिखाता है। वह अपने बेटे को "[अपने] मन की रक्षा" करने का निर्देश देता है क्योंकि जीवन का मूल स्त्रोत वही हैI (नीतिवचन 4:23) परमेश्‍वर के निर्देश जीवन में हमारा मार्गदर्शन करते हैं, हमें गलत फैसलों से दूर ले जाते हैं और हमें सिखाते हैं कि हमें अपना ध्यान कहाँ लगाना है।

यदि हम उसके निर्देशों का पालन करने के द्वारा अपने हृदय को कवच प्रदान करते हैं, तो हम बेहतर तरीके से "[अपने पैरों को] बुराई से दूर रखेंगे" और परमेश्वर के साथ अपनी यात्रा पर स्थिर रहेंगे (पद. 27)। हम हर दिन शत्रु के इलाके में जाने का जोखिम उठाते हैं, परन्तु हमारे मन की रक्षा करने वाली परमेश्वर की बुद्धि के साथ, हम परमेश्वर की महिमा के लिए अच्छी तरह से जीने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित रह सकते हैं।

घोंसला बनाने का स्थान

सैंड मार्टिंस— स्वैलो से संबंधित छोटे पक्षी, अपने घोंसले नदी के किनारे खोद कर बनाते हैं। दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में भूमि विकास ने उनके आवास को कम कर दिया था, और जब हर साल पक्षी, सर्दियों के प्रवास से लौटते थे तो उनके  पास अपने घोंसले बनाने के लिए बहुत कम जगह होती थी। स्थानीय संरक्षण करने वाले हरकत में आए, और उन्हें रखने के लिए एक विशाल कृत्रिम रेत का टीला बनाया। एक रेत की मूर्ति बनाने वाली फर्म की मदद से उन्होंने आने वाले वर्षों के लिए पक्षियों के निवास के लिए जगह बनाने के लिए रेत को ढाला।

करुणा का यह अनुग्रहपूर्ण कार्य उन शब्दों को स्पष्ट रूप से दर्शाता है जिनका उपयोग यीशु ने अपने शिष्यों को शान्ति देने के लिए किया था। उन्हें यह बताने के बाद कि  वह जा रहा है और अभी वे उसके साथ नहीं जा सकेंगे (यूहन्ना 13:36) उसने उन्हें आश्वासन दिया कि वह स्वर्ग में उनके लिए  जगह तैयार करेगा (14:2)। यद्यपि वे सही रूप से दुखी थे क्योंकि यीशु ने कहा था कि वह उन्हें जल्द ही छोड़ देगा और वे उसका पीछे  नहीं आ सकते, उसने उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे इस पवित्र कार्य को उसे और हमें प्राप्त करने की तैयारी के हिस्से के रूप में को देखें।

क्रूस पर यीशु के बलिदान के कार्य के  बिना, पिता के घर के बहुत से रहने के स्थान  हमें ग्रहण करने में सक्षम नहीं होंगे (पद 2)। तैयारी के लिये हम से पहले जाने के बाद  मसीह ने हमें आश्वासन दिया कि वह वापस आएगा और उन लोगों को अपने साथ ले जाएगा जो उसके बलिदान पर भरोसा करते हैं। वहाँ हम एक आनंदमय अनंत काल में उसके साथ निवास करेंगे।

मसीह का प्रकाश

मेरे पति और मैंने हमेशा हमारे चर्च में क्रिसमस की पूर्व संध्या की सेवा में भाग लेने का आनंद लिया है l हमारे विवाह के आरंभिक वर्षों में, हमारे पास सेवा के बाद गर्म कपड़े पहनने की एक विशेष परंपरा थी, जिसके बाद हम पास की पहाड़ी पर जाते थे, जहां एक तारे के आकार में ऊंचे खम्भों से 350 चमकती रोशनी/लाइट्स लटकती थी l वहाँ—अक्सर बर्फ में—हम शहर को देखते हुए यीशु के आश्चर्जनक जन्म पर अपने विचार फुसफुसाते थे l इस बीच, शहर के कई लोग नीचे घाटी से चमकीले, तारे को देखते थे l 

वह सितारा हमारे उद्धारकर्ता के जन्म की याद दिलाता है l बाइबल “पूर्व से” ज्योतिषियों के बारे में बताती है जो “यहूदियों का राजा जिसका जन्म हुआ है” की तलाश में यरूशलेम पहुंचे थे(मत्ती 2:1-2) l वे आकाश को देख रहे थे और उन्होंने तारे को “देखा” था(पद.2) l उनकी यात्रा उन्हें यरूशलेम से बैतलहम तक ले गयी, तारा “उनके आगे-आगे चला; और जहाँ बालक था, उस जगह के ऊपर पहुँचकर ठहर गया”(पद.9) l वहाँ, उन्होंने “मुँह के बल गिरकर बालक को प्रणाम किया’(पद.11) l 

मसीह हमारे जीवन में प्रकाश का श्रोत है, लाक्षणिक रूप से (हमें मार्गदर्शन देने वाले के रूप में) और शाब्दिक रूप से भी जिसने आकाश में सूर्य, चंद्रमा और तारों को बनाया(कुलुस्सियों 1:15-16) l ज्योतिषियों की तरह, जब उन्होंने उसके तारे को देखा तो “अति आनंदित हुए” (मत्ती 2:10), हमारी सबसे बड़ी ख़ुशी उसे उद्धारकर्ता के रूप में जानने में है जो हमारे बीच रहने के लिए स्वर्ग से आया था l “हमने उसकी महिमा देखी [है]”(यूहन्ना 1;14)!

विश्वास की विरासत

एक शिक्षिका ने सुझाव दिया कि उसके विद्यार्थी अपने साथियों के लिए प्रोत्साहन और प्रेरणा के नोट्स लिखें l कुछ दिनों बाद, जब देश के एक दूसरे हिस्से में एक स्कूल त्रासदी हुयी, तो उनके नोट्स ने उनके साथी विद्यार्थियों की आत्माओं को उत्साहित किया जब वे परिणामी भय और दर्द से निपट रहे थे कि उनके साथ भी कुछ हो सकता है l 

जब पौलुस ने थिस्सलुनीके के विश्वासियों को पत्र लिखा तो प्रोत्साहन और पारस्परिक चिंता भी उसके मन में थी l उन्होंने मित्रों को खो दिया था, और पौलुस ने उन्हें निर्देश दिया कि वे यीशु की वापसी की प्रतिज्ञा कि उनके प्रियजन फिर से जी उठेंगे पर आशा रखें(1 थिस्सलुनीकियों 4:14) l हालाँकि वे नहीं जानते थे कि ऐसा कब होगा, उसने उन्हें याद दिलाया कि विश्वासियों के रूप में उन्हें उसकी वापसी पर परमेश्वर के फैसले के डर में इन्तजार करने की ज़रूरत नहीं है(5:9) l इसके बजाय, वे उसके साथ अपने भावी जीवन में विश्वास के साथ प्रतीक्षा कर सकते थे और इस बीच “एक दूसरे को शांति [देते रहें] और एक दूसरे की उन्नति का कारण [बनें](पद.11) l 

जब हम दर्दनाक हानि या अर्थहीन त्रासदियों का अनुभव करते हैं, तो भय और उदासी से अभिभूत होना आसान होता है l फिर भी पौलुस के शब्द आज भी हमारे लिए उपयोगी हैं, जैसे जब वे लिखे गए थे l आइये इस आशा के साथ प्रतीक्षा करें कि मसीह सभी चीजों को पुनर्स्थापित करेगा l और इस बीच, हम एक दूसरे को प्रोत्साहित कर सकते हैं—लिखित नोट्स, बोले गए शब्दों, सेवा के कार्यों या साधारण रूप से गले लगाकर l

मदद पहुँचाना

जब हेदर(Heather) की नौकरी उसे टिम के घर ले गयी, तो उसने उससे खाने की थैली में गांठ खोलने में मदद करने के लिए कहा l टिम को कुछ साल पहले दौरा(stroke) पड़ा था और अब वह स्वयं इस गाँठ को नहीं खोल पाता था l हेदर ख़ुशी-ख़ुशी स्वीकार की l अपने पूरे दिन में, हेदर के विचार बार-बार टिम के पास लौटते रहे और वह उसके लिए एक देखभाल पैकेज तैयार करने के लिए प्रेरित हुयी l जब बाद में टिम को गर्म कोको और लाल-कम्बल मिला जो वह उत्साहवर्धक शब्दों के साथ उसके दरवाजे पर छोड़ गयी थी, तो उसकी आँखों में आंसू आ गए l 

हेदर का यह उसको मदद पहुँचना उसके मूल अनुमान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गयाl यही बात तब सच थी जब यिशै ने अपने छोटे बेटे दाऊद को अपने भाइयों को भोजन देने के लिए भेजा था जब इस्राएलियों ने “इकट्ठे होकर . . . युद्ध के लिए पलिश्तियों के विरुद्ध पांति बाँधी [थी]”(1 शमूएल 17:2) l जब दाऊद रोटी और पनीर लेकर पहुँचा, तो उसे पता चला कि गोलियत अपने दैनिक ताने देकर परमेश्वर के लोगों में भय पैदा कर रहा था (पद.8-10, 1 6, 24) l गोलियत द्वारा “जीवित परमेश्वर की सेना” की आज्ञा न मानने से दाऊद क्रोधित हुआ(पद.26) और उसने जवाब देने के लिए प्रेरित होकर राजा शाऊल से कहा, “किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जाकर उस पलिश्ती से लड़ेगा”(पद.32) l

परमेश्वर कभी-कभी हमें उन स्थानों पर रखने के लिए हमारे दैनिक जीवन की परिस्थितियों का उपयोग करता है जहां वह हमारा उपयोग करना चाहता है l आइये यह देखने के लिए अपनी आँखें(और हृदय!) खुली रखें कि वह कहाँ और कैसे चाहता है कि हम किसी की सेवा करें l

प्रेम के साथ सेवा

जब क्रिस्टल ने पहली बार वर्जिनिया कॉफ़ी शॉप में काम करना आरम्भ किया, तो उसने इब्बी नाम के एक ग्राहक को सेवा दी l चूँकि इब्बी सुनने में अक्षम है, इसलिए उसने अपने फोन पर टाइप किये हुए नोट का उपयोग करके अपना आर्डर दिया l जब क्रिस्टल को पता चला कि इब्बी एक नियमित ग्राहक है, तो उसने पर्याप्त अमेरिकी सांकेतिक भाषा(sign Language) सीखकर उसे बेहतर सेवा देने का निश्चय किया ताकि वह बिना लिखे अपना आर्डर दे सके l 

एक छोटे से तरीके से, क्रिस्टल ने इब्बी को दिखया कि पतरस हम सभी को एक-दूसरे के लिए किस तरह का प्रेम और सेवा प्रोत्साहित करता है l यीशु के उन विश्वासियों को लिखे अपने पत्र में, जो तितर-बितर और निर्वासित हो गए थे, प्रेरित ने संकेत दिया कि उनसे “अधिक प्रेम रखो” और अपने वरदानों का उपयोग “दूसरे की सेवा [के लिए करो]”(1 पतरस 4:8, 10) l उसने हमें जो भी गुण और योग्यताएँ प्रदान की हैं वे उपहार हैं जिनका उपयोग हम दूसरों की भलाई के लिए कर सकते हैं l जैसा कि हम करते हैं, हमारे शब्द और कार्य परमेश्वर को आदर दे सकते हैं l 

पतरस के शब्द उन लोगों के लिए ख़ास तौर से विशेष थे जिन्हें उसने लिखा था, क्योंकि वे पीड़ा और अलगाव के समय का अनुभव कर रहे थे l उन्होंने उन्हें संकट के समय एक-दूसरे की सेवा करने के लिए उत्साहित किया ताकि उन्हें अपनी आजमाइशों में सहन करने में मदद मिल सके l यद्यपि हम किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अनुभव किए गए ख़ास दर्द को नहीं जानते हैं, परमेश्वर हमें सहानुभूति दिखाने के साथ-साथ दयालुता और ख़ुशी से अपने शब्दों, संसाधनों और क्षमताओं के साथ परस्पर सेवा करने में मदद कर सकता है l परमेश्वर हमें अपने प्रेम के प्रतिबिम्ब के रूप में दूसरों की सेवा करने में मदद करें l

परमेश्वर से भागना

जूली और लिज़ हंपबैक व्हेल(humpback whale) की खोज में कैलिफ़ोर्निया के तट से दूर चली गयीं l हम्पबैक व्हेल सतह के निकट सक्रीय रहने के लिए जाने जाते हैं, जिससे उन्हें पहचानना आसान हो जाता है l दोनों महिलाओं को अपने जीवन का सबसे बड़ा आश्चर्य तब हुआ जब एक महिला सीधे उनके नीचे आ गयी l एक दर्शक ने उनके मुठभेड़ की फुटेज(footage) कैद कर लिए जिसमें व्हेल का बड़ा मुँह महिलाओं और उनकी कश्ती को बौना दिखाता हुआ दिख रहा था l थोड़ी देर पानी के अन्दर जाने के बाद, महिलाएं सुरक्षित बच गयीं l 

उनका अनुभव नबी योना को एक “विशाल मच्छ” द्वारा निगल लिए जाने के बाइबल वर्णन पर दृष्टि प्रदान करता है(योना 1:17) l परमेश्वर ने उसे नीनवे के लोगों को उपदेश देने की आज्ञा दी थी, लेकिन इसलिए कि उन्होंने परमेश्वर को अस्वीकार कर दिया था, योना को नहीं लगा कि वे परमेश्वर की क्षमा के योग्य हैं l आज्ञा मानने के बजाय, वह भाग गया और एक जहाज पर यात्रा पर निकल पड़ा l परमेश्वर ने एक भयंकर आंधी भेजी, और वह पानी में फेंक दिया गया l 

परमेश्वर ने योना को गहरे समुद्र में निश्चित मृत्यु से बचाने का एक मार्ग निकाला, और उसे उसके कार्यों के सबसे बुरे परिणामों से बचाया l योना ने “यहोवा को पुकारा” और परमेश्वर ने सुन ली(2:2) l जब योना ने अपने गलत काम को स्वीकार किया और परमेश्वर की भलाई के लिए अपनी प्रशंसा और स्वीकृति व्यक्त की, तो उसे—उसकी आज्ञा पर—मच्छ से “स्थल पर उगल दिया”(पद.10) l 

परमेश्वर की कृपा से, जब हम अपने गलत कामों को स्वीकार करते हैं और यीशु के बलिदान में विश्वास व्यक्त करते हैं, तो हम उस आत्मिक मृत्यु से बच जाते हैं जिसके हम हकदार हैं और उसके द्वारा नए जीवन का अनुभव करते हैं l 

आशा के रंग

11 सितंबर, 2023 को - संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ हुए हमलों की बाईसवीं वर्षगांठ के दिन- एक दोहरे बेहद सुंदर इंद्रधनुष ने न्यूयॉर्क शहर के ऊपर आसमान को सुशोभित किया। यह शहर जो पूर्व ट्विन टावर्स का घर था, इसे हमलों में सबसे अधिक नुकसान हुआ। दो दशक से भी अधिक समय के बाद, दोहरा इंद्रधनुष उन लोगों के लिए आशा और चंगाई की भावना लेकर आया जिन्होंने इसे साक्षात् देखा था। उस क्षण की एक वीडियो क्लिप में मानों इंद्रधनुषों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ही के स्थल से निकलते हुए कैद किया गया है।

नूह के दिनों से ही आकाश में इंद्रधनुष परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का आश्वासन लेकर आते हैं। परमेश्वर के पाप के फैसले के मद्देनजर, जिसके परिणामस्वरूप अकल्पनीय विनाश हुआ, उन्होंने रंगीन बीकन को "[स्वयं] और सभी जीवित प्राणियों के बीच अनन्त वाचा" के दृश्य अनुस्मारक के रूप में स्थापित किया।  (उत्पत्ति 9:16)। बारिश के चालीस अंधेरे दिनों और जलप्रलय के महीनों (7:17-24) के बाद, कोई केवल कल्पना ही कर सकता है कि इंद्रधनुष - "वाचा का संकेत" - नूह और उसके परिवार के लिए कितना स्वागत योग्य रहा होगा (9:12-13) । यह परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को याद दिलाने वाला था कि "पृथ्वी को नष्ट करने के लिए फिर कभी जलप्रलय न होगा" (पद 11) 

जब हम अंधकारमय दिनों और दुखद नुकसान का सामना करते हैं - चाहे प्राकृतिक आपदा के कारण, शारीरिक या भावनात्मक दर्द के कारण, या बीमारी की दुर्दशा के कारण - तो आइए इसके बीच में आशा के लिए परमेश्वर की ओर देखें। भले ही हम उन क्षणों में उनके इंद्रधनुष की झलक न देख पाएं, हम उनके वादों के प्रति उनकी विश्वासयोग्यता से आश्वस्त हो सकते हैं।