एक दर्शक
काइल स्पेलर को चैंपियनशिप बास्केटबॉल खेलों के दौरान अपने ज़ोरदार सार्वजनिक संबोधन की घोषणा(rip-roaring) के लिए जाना जाता है l “आओ चलें!” वह माइक पर गरजता है, और हज़ारों प्रशंसक, साथ ही एक्शन देखने वाले लाखों लोग उस आवाज़ पर प्रतिक्रिया करते हैं जिसने काइल को 2022 के सर्वश्रेष्ठ कमेंटेटर पुरस्कार के रूप में नामांकन दिलाया l वह कहते हैं, “मुझे पता है कि भीड़ को कैसे महसूस करना है और घरेलु कोर्ट/खेल का मैदान(home court) का माहौल कैसा है l” फिर भी, उनकी आवाज़ की कलात्मकता(artistry)का हर शब्द—टीवी और रेडियो विज्ञापनों में भी दिखाया गया है—परमेश्वर की महिमा करने के लिए है l काइल कहते हैं, उनका काम “एक दर्शक(परमेश्वर) के लिए सब कुछ करना है l”
प्रेरित पौलुस ने कुलुस्से के चर्च के समान नैतिकता पर जोर दिया, जिसके सदस्यों ने मसीह की दिव्यता और संप्रभुता के बारे में संदेह को अपने व्यवहारिक जीवन में भी आने दिया l इसके बजाय, पौलुस ने लिखा, “वचन में या काम में जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो”(कुलुस्सियों 3:17) l
पौलुस ने आगे कहा, “जो कुछ तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझकर कि मनुष्यों के लिए नहीं परन्तु प्रभु के लिए करते हो”(पद.23) l काइल स्पेलर के लिए, इसमें एक पास्टर(chaplain) के रूप में उनकी भूमिका शामिल है, जिसके बारे में वे कहते हैं, “यहाँ मेरा यही उद्देश्य है . . . और घोषणा करना सोने पर सुहागा(icing on the cake) है l” परमेश्वर के लिए हमारा अपना कार्य हमारे एक दर्शक के लिए उतना ही मधुर हो सकता है l
कैसा दोस्त है
मेरी माँ और हमारी पड़ोसी, घर के पीछे के आंगन के एक दूसरे के पसंदीदा पड़ोसी थे। दोनों मित्रतापूर्ण प्रतिद्वन्द्वी भी बन गये । दोनों हर सोमवार को अपने घर के बाहर कपड़े की तार पर अपने ताजे धुले कपड़े टांगने वाले पहले व्यक्ति बनने के लिए प्रतिस्पर्धा करते थे। "उसने मुझे फिर हरा दिया !" मेरी माँ कहती। लेकिन अगले सप्ताह, माँ शायद प्रथम आ जाती —दोनों अपनी दोस्ताना साप्ताहिक प्रतियोगिता का आनंद लेतीं। दस वर्षों तक घर के पीछे के आंगन की गली साझा करने के दौरान, दोनों ने एक-दूसरे की बुद्धि, कहानियाँ और आशा को भी साझा किया।
बाइबल ऐसी मित्रता के गुण के बारे में बड़ी गर्मजोशी (उत्साह) से बात करती है। सुलैमान ने कहा “मित्र सब समयों में प्रेम रखता है” (नीतिवचन 17:17)। उसने यह भी कहा, "मित्र के हृदय की मनोहर सम्मति से मन आनन्दित होता है" (27:9)। हमारा महान मित्र निश्चित रूप से यीशु है। अपने शिष्यों से प्रेमपूर्ण मित्रता का आग्रह करते हुए, उन्होंने उन्हें सिखाया, "इससे बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे।" (यूहन्ना 15:13)। अगले ही दिन, वह क्रूस पर वैसा ही करने वाले थे। उन्होंने उनसे यह भी कहा, "मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं" (पद 15)। फिर उन्होंने कहा, "यह मेरी आज्ञा है: एक दूसरे से प्रेम रखो" (पद 17)।
ऐसे शब्दों से, यीशु "अपने सुनने वालों को उन्नत कर रहे हैं," जैसा कि दार्शनिक निकोलस वॉल्टरस्टॉर्फ ने कहा, उन्हें निम्न मनुष्यों से अपना साथी और विश्वास पात्र में बदल कर। मसीह में, हम दूसरों से मित्रता करना सीखते हैं। कैसा दोस्त है जो हमें ऐसा प्रेम सिखाता है!
बुद्धिमान आनंद ढूँढना
महामारी जीत रही है — कोविड के मरीजों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध एक बड़े अस्पताल के आपातकालीन कक्ष के डॉक्टर को ऐसा ही लग रहा था। वह अपना सर्वश्रेष्ठ कैसे दे? छुट्टी के घंटों के दौरान, वह किसी छोटी चीज़ की बड़ी तस्वीरें लेकर आराम करते थे -व्यक्तिगत बर्फ के टुकड़े। डॉक्टर कहते है, ''यह सुनने में पागलपन जैसा लगता है।'' लेकिन कुछ छोटी लेकिन खूबसूरत चीजों में खुशी ढूंढना "मेरे सृष्टिकर्ता के साथ जुड़ने और दुनिया को इस तरह से देखने का एक अवसर है कि बहुत कम लोग इस पर ध्यान देने के लिए समय निकालते हैं।"
डॉक्टर ने कहा, बुद्धिमानी से ऐसे आनंद की तलाश करना - तनाव कम करने और प्रतिरोधक्षमता बनाने के लिए - चिकित्सा पेशे में एक उत्तम बात है। लेकिन बाकी सब के लिए, उनकी यह सलाह है: “आपको सांस लेनी होगी। आपको सांस लेने और जीवन का आनंद लेने का एक तरीका ढूंढना होगा।
भजनकार दाऊद ने यह विचार भजन 16 में व्यक्त किया जब उसने परमेश्वर में आनंद पाने की एक बुद्धिमान बात कही। उसने लिखा, “यहोवा मेरा भाग और मेरे कटोरे का हिस्सा है।” “इस कारण मेरा हृदय आनन्दित और मेरी आत्मा मगन हुई; मेरा शरीर भी चैन से रहेगा।” (पद 5, 9)।
दबाव को कम करने की कोशिश में लोग कई मूर्खतापूर्ण काम करते हैं। लेकिन इस डॉक्टर को बुद्धिमानी भरा रास्ता मिल गया - जिसने उसे सृष्टिकर्ता की ओर इशारा किया, जो हमें अपनी उपस्थिति का आनंद प्रदान करता है। । “तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा; तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है” (पद 11)। उसमें, हम सदैव आनंद पाते हैं।
नये सिरे से चलना
जब स्कूल के शीर्ष छात्रों को शैक्षिक उपलब्धि के लिए श्रेष्ठता प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ तो तालियाँ गूंज उठीं l लेकिन कार्यक्रम समाप्त नहीं हुआ था l अगले पुरस्कार में उन छात्रों को सम्मानित किया गया जो स्कूल के “सर्वश्रेष्ठ” नहीं थे, बल्कि उनमें सबसे अधिक सुधार हुआ था l उन्होंने असफल ग्रेड बढ़ाने, विघटनकारी व्यवहार को सुधारने, या बेहतर उपस्थिति के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए कड़ी मेहनत की थी l उनके माता-पिता मुस्कराए और तालियाँ बजायीं, यह स्वीकार करते हुए कि उनके बच्चे उच्च पथ की ओर बढ़ रहे हैं—अपनी पिछली कमियों पर नहीं बल्कि एक नए रास्ते पर चल रहे हैं l
हृदय को छू लेने वाला दृश्य इस बात की एक छोटी सी तस्वीर पेश करता है कि हमारे स्वर्गिक पिता हमें कैसे देखते हैं—हमारे पुराने जीवन में नहीं बल्कि अब, मसीह में, अपने बच्चों के रूप में l यूहन्ना ने लिखा, “परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया” (यूहन्ना 1:12) l
कितना प्रेमपूर्ण दृष्टिकोण है! इसलिए पौलुस ने नए विश्वासियों को याद दिलाया कि एक समय “[तुम] अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे”(इफिसियों 2:1) l लेकिन वास्तव में, “हम उसके बनाए हुए है, और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिए सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहले से हमारे करने के लिए तैयार किया [है]” (पद.10) l
इस प्रकार, पतरस ने लिखा, हम “एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा [हैं], इसलिए कि जिसने [हमें] अंधकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट [करें]”(1 पतरस 2:9-10) l परमेश्वर की दृष्टि में, हमारे पुराने मार्ग का हम पर कोई दावा नहीं है l आइये स्वयं को परमेश्वर की दृष्टिकोण से देखें—और नए सिरे से चले l
परमेश्वर का उदार प्रेम
उन्हें उस सैन्यकर्मी के रूप में जाना जाता है, जो प्रतिदिन अपने कार्य की जिम्मेदारी लेते हैं और इसके लिए किसी और को दोषी नहीं ठहराते हैं, के विषय उनके आरंभिक भाषण को ऑनलाइन 100 मिलियन(10 करोड़) बार देखा गया l लेकिन सेवानिवृत नेवी सील एडमिरल(अधिकारी) विलियम मैकरैवेन एक और सबक भी उतना ही दिलचस्प बताते हैं l मध्य पूर्व में एक सैन्य अभियान के दौरान, मैकरैवेन ने दुखद रूप से स्वीकार किया कि एक निर्दोष परिवार के कई सदस्य गलती से मारे गए थे l यह मानते हुए कि परिवार से ईमानदाऋ से माफ़ी मांगनी चाहिए, मैकरैवेन ने दुखी पिता से माफ़ी मांगने का साहस किया l
“मैं एक सैनिक हूँ,” मैकरैवेन ने एक अनुवादक के द्वारा उससे कहा l “लेकिन मेरे भी बच्चे है, और मेरा दिल तुम्हारे लिए दुखी है l” उस मनुष्य की प्रतिक्रिया? उन्होंने मैकरैवेन को क्षमा का उदार उपहार दिया l जैसे कि उस आदमीं के जीवित बेटे ने उससे कहा, “बहुत-बहुत धन्यवाद l हम आपके खिलाफ अपने दिल में कुछ भी नहीं रखेंगे l”
प्रेरित पौलुस ने ऐसे उदार अनुग्रह के बारे में लिखा : “परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो” (कुलुस्सियों 3:12) l वह जानता था कि जीवन विभिन्न तरीकों से हमारी परीक्षा लेगा, इसलिए उसने कुलुस्से के चर्च में विश्वासियों को निर्देश दिया : “यदि किसी को किसी पर दोष देने का कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो; जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किये, वैसे ही तुम भी करो” (पद.13) l
क्या चीज़ हमें ऐसा दयालु, क्षमाशील हृदय रखने में सक्षम बनाती है? परमेश्वर का उदार प्रेम l जैसा कि पौलुस ने निष्कर्ष निकाला, “इस सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबंध है बाँध लो” (पद.14) l
मसीह में आपस में मिले रहना बेहतर है
डॉ. टिफ़नी घोल्सन ने अपने छोटे से अमेरिकी शहर ईस्ट सेंट लुइस, इलिनोइस में अपराध का प्रभाव देखा था । हालाँकि, 2023 तक, शहर में हत्याओं में 31 प्रतिशत की गिरावट और कुल मिलाकर अपराध में 37 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। क्या हुआ? भागेदारी। एक साथ काम करते हुए, शहर के सार्वजनिक सुरक्षा प्रवर्तन समूह - जिसमें राज्य और शहर की पुलिस, शहर का स्कूल जिला और एक आस्था संगठन शामिल है - ने सभी नागरिकों के लिए स्थिति को बदलने के लिए संयुक्त प्रयास किए।
"हम कहते हैं कि यह एक शादी है," डॉ. घोल्सन ने कहा, शहर साझेदारी के सभी सदस्य नागरिकों की मदद के लिए इसमें शामिल हो रहे हैं। स्कूल डिस्ट्रिक्ट के रैपअराउंड वेलनेस सेंटर, जिसका वह नेतृत्व करती हैं, में अपराध या दुर्घटनाओं से प्रभावित बच्चों की सहायता के लिए स्कूल के सामाजिक कार्यकर्ताओं, नर्सों और कर्मचारियों को शामिल किया जाता है। अन्य एजेंसियां अपनी ताकत साझा करती हैं। पुलिस सड़क पर लोगों से अधिक बातचीत करने और सुनने के लिए प्रतिबद्ध है।
भजनहार दाऊद ने लिखा, " देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहें!" (भजन 133:1) दाऊद ने आगे कहा, " मेल, हेर्मोन् पर्वत की ओस के समान ताज़गी देने वाला है" (पद 3 )। दाऊद उन लोगों का जिक्र कर रहे थे जो परमेश्वर में एकमात्र विश्वास रखते हैं। सिद्धांतों या राजनीति से विभाजित होने के बजाय, हम एक हैं। यह अवधारणा मायावी लग सकती है, फिर भी यह सभी को आशीष देती है। विश्वासियों के लिए एक-दूसरे के प्रति चिंता दिखाना एक सुंदर लक्ष्य है - विशेषकर हमारे शहरों में जिन्हें यीशु के प्रेम की सख्त जरूरत है।
अकेले/अनाथों का मित्र
जब हौली कुक नौकरी के लिए लन्दन गयीं तो उनका एक भी मित्र नहीं था l उसे सप्ताहांत(weekend) दुखदायी लगता था l वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, निराश महसूस करने के मामले में यह शहर अपने आप में सबसे ऊपर है—जबकि पड़ोसी लिस्बन, पुर्तगाल, में केवल 10 फ़ीसदी निवासियों की तुलना में 55 फ़ीसदी लन्दनवासियों का कहना है कि वे अकेले हैं l
सम्बन्ध/लगाव/वास्ता के लिए, हौली ने अपने डर को खारिज कर दिया और द लन्दन लोनली गर्ल्स क्लब(The London Lonely Girls Club) नामक एक सोशल मीडिया समूह बनाया और इसमें लगभाग पैतीस हजार लोग शामिल हुए l हर कुछ सप्ताहों में छोटे समूह की बैठकें पार्क पिकनिक, कला पाठ, आभूषण कार्यशालाएं, रात्रिभोज और यहाँ तक कि पिल्लों(puppies) के साथ आउटडोर व्यायाम सत्र की पेशकश करती हैं l
अकेलेपन की चुनौती नयी नहीं है, न ही अलगाव की हमारी भावनाओं को चंगा करनेवाला l दाऊद ने लिखा, हमारा अनंत परमेश्वर, “परमेश्वर अनाथों का घर बसाता है; और बंदियों को छुड़ाकर संपन्न करता है” (भजन 68:6) l परमेश्वर से मसीह-समान मित्रों के लिए रास्ता बताना हमारे लिए एक पवित्र विशेषाधिकार है और, इस प्रकार, एक अनुरोध जिसे हम स्वतंत्र रूप से उसके पास ले जा सकते हैं l दाऊद ने आगे कहा, “परमेश्वर अपने पवित्र धाम में, अनाथों का पिता और विधवाओं का न्यायी है” (पद.5) l “धन्य है प्रभु, जो प्रतिदिन हमारा बोझ उठता है” (पद.9) l
यीशु क्या ही प्यारा मित्र है! वह हमें हमेशा के मित्र देता है, जिसका आरम्भ हर पल उसकी गौरवशाली उपस्थिति से होती है l जैसा कि हौली कहती है, “मित्र का समय आत्मा के लिए अच्छा होता है l”
आसमान की ओर देखें
एलेक्स स्माले चाहते हैं कि हर कोई या तो थोड़ा जल्दी जागे-या तो दिन के अंत में थोड़ा रुकें। क्यों? ताकि सूर्योदय और सूर्यास्त को निहार सके। विस्मयकारी मौसम प्रभावों पर एक ब्रिटिश अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता स्माल्ली के अनुसार, वे क्षणभंगुर क्षण दिन के सबसे खूबसूरत, विस्मयकारी समय होते हैं। नीले आसमान या चमचमाती रात के दृश्यों से भी अधिक, एक आश्चर्यजनक सूर्योदय या सूर्यास्त मूड में सुधार कर सकता है, सकारात्मक भावनाओं को बढ़ा सकता है और तनाव को कम कर सकता है। स्माले कहते हैं, "जब आप कोई विशाल और जबरदस्त या कुछ ऐसा देखते हैं जो विस्मय की भावना पैदा करता है, तो आपकी अपनी समस्याएं कम हो सकती हैं और इसलिए आप उनके बारे में इतनी चिंता नहीं करते हैं।"
आश्चर्य पर उनके निष्कर्ष भविष्यवक्ता यिर्मयाह के समान हैं: “हे प्रभु यहोवा, तू ने अपनी बड़ी शक्ति और बढ़ाई हुई भुजा से आकाश और पृय्वी को बनाया है; तेरे लिये कुछ भी कठिन नहीं है” (यिर्मयाह 32:17)।
राजा दाऊद ने भी परमेश्वर की रचना को देखा और कहा, ''आकाश परमेश्वर की महिमा का वर्णन करता है; आकाशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है” (भजन संहिता 19:1)। जहाँ तक सूर्य की बात है, “वह आकाश के एक छोर से उगता है, और दूसरे छोर तक चक्कर लगाता है; इसकी गर्माहट से कुछ भी वंचित नहीं है।” इसलिए, दाऊद लिखता है, " यहोवा की व्यवस्था खरी है, और प्राण को जिलाती है" (पद 6)। ईश्वर की गौरवशाली रचना सर्वशक्तिमान सृष्टिकर्ता को दर्शाती है। क्यों न आज आकाश की ओर देखने और उसमें आश्चर्य करने के लिए समय निकाला जाए!
मसीह में हमारा नया स्वभाव
हमारा शंकुधारी वृक्ष चीड़ और सुइयाँ गिरा रहा था। वृक्ष चिकित्सक ने इस पर एक नज़र डाली और समस्या बताई। "यह सिर्फ एक शंकुवृक्ष है," उन्होंने कहा। मुझे बेहतर स्पष्टीकरण की आशा थी। या एक उपाय। लेकिन उस व्यक्ति ने कंधे उचकाते हुए फिर से कहा, "यह सिर्फ शंकुवृक्ष है।" स्वभावतः, पेड़ सुइयां गिराता है। यह बदल नहीं सकता।
शुक्र है, हमारा आध्यात्मिक जीवन अपरिवर्तनीय कार्यों या दृष्टिकोणों तक सीमित नहीं है। पौलुस ने इफिसुस में नए विश्वासियों को इस मुक्तिदायक सत्य को बताने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "अन्यजातियों की समझ अंधकारमय हो गई है", उनके मन परमेश्वर के लिए बंद हो गए हैं। उनके हृदय कठोर थे जिनमें "हर प्रकार की अशुद्धता" थी और वे केवल सुख-विलास और लालच की खोज में रहते थे (इफिसियों 4:18-19)।
लेकिन "चूंकि तुमने यीशु और उसकी सच्चाई के बारे में सुना है" और प्रेरित ने लिखा, "अपने पुराने पापी स्वभाव और अपने पूर्व जीवन के तरीके को त्याग दो" (पद 22)। पौलुस ने बताया कि कैसे हमारा पुराना स्वभाव “वासना और धोखे से भ्रष्ट हो गया है।” उन्होंने कहा, “आत्मा को आपके विचारों और दृष्टिकोणों को नवीनीकृत करने दें। अपने नए स्वभाव को धारण करें, जो परमेश्वर के समान बनाया गया है - वास्तव में धर्मी और पवित्र" (पद 22-24)।
फिर उन्होंने जीने के नए तरीके गिनाए। झूठ बोलना बंद करो। क्रोध का विरोध करें, कोसना बंद करो, चोरी करना छोड़ो। "इसके बजाय, अपने हाथों का उपयोग अच्छी मेहनत के लिए करें, और फिर जरूरतमंदों को उदारतापूर्वक दें" (पद 28)। मसीह में हमारी नई आत्मा हमें हमारे बुलावे के योग्य जीवन जीने की अनुमति देती है, जो हमारे उद्धारकर्ता के मार्ग के अनुरूप है।