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Articles by शेरिडन योयता

चमकते सितारे

 
शहर के बारे में सबसे पहली चीज़ जो मैंने देखी, वह थी इसके जुए के अड्डे। इसके बाद, इसकी भांग की दुकानें, "वयस्क" स्टोर, और दूसरों के दुर्भाग्य से पैसे कमाने वाले अवसरवादी वकीलों के विशाल विज्ञापन  (बिलबोर्ड)। हालाँकि मैंने पहले भी कई अवैध और अनैतिकता से भरे शहरों का दौरा किया था, लेकिन यह एक नए निम्न स्तर पर पहुँच गया। हालाँकि, जब मैंने अगली सुबह एक टैक्सी ड्राइवर से बात की, तो मेरा मूड ठीक हो गया। "मैं हर दिन परमेश्वर से उन लोगों को भेजने के लिए प्रार्थना करता हूं जिन्हें वह चाहते है कि मैं मदद करूँ।" उसने कहा। "जुआ खेलने वाले, वेश्याएँ, टूटे-फूटे घरों के लोग मुझे आँसू बहाते हुए अपनी समस्याएँ बताते हैं। मैं कार रोक देता हूँ। मैं सुनता हूँ। मैं उनके लिए प्रार्थना करता हूँ। यह मेरी सेवकाई   है।"   
 
यीशु के हमारे पतित संसार में उतरने का वर्णन करने के बाद (फिलिप्पियों 2:5–8), प्रेरित पौलुस मसीह में विश्वासियों को एक आह्वान देता है। जब हम परमेश्वर की इच्छा का अनुसरण करते हैं ( पद 13) और “जीवन के वचन”—सुसमाचार (वचन 16) को थामे रहते हैं—तो हम “टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्‍वर के निष्कलंक सन्तान ” होंगे जो “आकाश में तारों की तरह चमकेंगे” ( पद 15)। उस टैक्सी ड्राइवर की तरह, हमें यीशु के प्रकाश को अंधकार में लाना है।  
 
इतिहासकार क्रिस्टोफर डॉसन ने कहा कि मसीह में विश्वास करने वाले को दुनिया को बदलने के लिए केवल ईमानदारी से जीना है, क्योंकि जीने के उसी कार्य में “ईश्वरीय जीवन का सारा रहस्य समाहित है।” आइए हम परमेश्वर की आत्मा से प्रार्थना करें कि वह हमें यीशु के लोगों के रूप में ईमानदारी से जीने के लिए सशक्त बनाए, दुनिया के सबसे अंधेरे स्थानों में उसका प्रकाश चमकाए।    
 
—-शेरिडन वोयसी 
 

प्रत्येक जन आराधना करता है

 
मैंने हाल ही में एथेंस, ग्रीस का दौरा किया। इसके प्राचीन अगोरा में घूमते हुए - वह बाज़ार जहाँ दार्शनिक पढ़ाते थे और एथेंस के लोग आराधना करते थे - मैंने अपोलो और ज़ीउस की वेदियाँ देखीं, जो सभी एक्रोपोलिस की छाया में थीं, जहाँ कभी देवी एथेना की एक मूर्ति खड़ी थी। 
 
आज हम अपोलो या ज़ीउस के सामने नतमस्तक नहीं हो सकते, लेकिन समाज भी उतना ही धार्मिक है। उपन्यासकार डेविड फोस्टर वालेस ने कहा, "हर कोई पूजा करता है," और साथ ही चेतावनी दी: "अगर आप पैसे और चीज़ों की पूजा करते हैं... तो आपके पास कभी भी पर्याप्त नहीं होगा... अपने शरीर और सुंदरता की पूजा करें... और आप हमेशा बदसूरत महसूस करेंगे... अपनी बुद्धि की पूजा करें... [और] आप बेवकूफ़ महसूस करेंगे।" हमारे धर्मनिरपेक्ष युग के अपने देवता हैं, और वे अच्छे नहीं हैं । 
 
“एथेंस के निवासियों!” पौलुस ने अगोरा का दौरा करते हुए कहा, मैं देखता हूँ कि तुम हर बात में देवताओं के बड़े माननेवाले हो (प्रेरितों 17:22)। प्रेरित ने सच्चे परमेश्वर को एक सृष्टिकर्ता परमेश्वर के रूप में बताया है(पद 24-26) जो अपने आप को प्रकट करना चाहता है (पद 27) और उसने यीशु मसीह के पुनरुत्थान  द्वारा स्वयं को प्रकट किया(पद 31), यह परमेश्वर अपोलो और ज़ीउस  की तरह मानव रचित नहीं है । पैसे, सुंदरता या बुद्धि के विपरीत, उसकी आराधना करने से हम बर्बाद नहीं होंगे। 
हमारा "परमेश्वर" वह है जिस पर हम हमें उद्देश्य और सुरक्षा देने के लिए भरोसा रखते हैं। शुक्र है, जब हर सांसारिक परमेश्वर हमें विफल कर देता है, एकमात्र सच्चा परमेश्वर हमें मिलने के लिए तैयार होता है। (पद 27) 
 
-शेरीडेन वोईसे 
 

स्मार्टफोन करुणा

क्या ड्राइवर ने आपके भोजन में देर कर दी थी? आप उसे वन-स्टार रेटिंग (one star rating) देने के लिए अपने फ़ोन का उपयोग कर सकते हैं। क्या दुकानदार ने आपके साथ रूखा व्यवहार किया? आप उसकी आलोचनात्मक समीक्षा लिख ​​सकते हैं। जबकि स्मार्टफ़ोन हमें खरीदारी करने, दोस्तों के साथ रहने और बहुत कुछ करने में सक्षम बनाते हैं, उन्होंने हमें सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे को रेट (मूल्यांकन) करने की शक्ति भी दी है। और यह एक समस्या हो सकती है. 
इस तरह से एक-दूसरे को रेटिंग देना (मूल्यांकन करना) समस्याग्रस्त है क्योंकि बिना संदर्भ (परिस्थितियाँ जाने बिना )के भी न्याय किया जा सकता है। परिस्थितियाँ उसके नियंत्रण से बाहर होने के कारण देर से डिलीवरी के लिए ड्राइवर को खराब रेटिंग दी जाती है। जब एक दुकानदार को नकारात्मक समीक्षा मिल जाती है हालांकि वह बीमार बच्चे के साथ पूरी रात जागी थी। हम इस तरह दूसरों को अनुचित रेटिंग देने से कैसे बच सकते हैं? 
परमेश्वर के चरित्र का अनुकरण करके I निर्गमन 34:6-7 में, परमेश्वर स्वयं को "दयालु और करुणामय" के रूप में वर्णित करता है - जिसका अर्थ है कि वह संदर्भ के बिना हमारी विफलताओं का न्याय नहीं करेगा; "क्रोध करने में धीमा" - जिसका अर्थ है कि वह एक बुरे अनुभव के बाद नकारात्मक समीक्षा सबके साथ साझा नहीं करेगा; "प्रेम से भरपूर" - जिसका अर्थ है कि उसके सुधार हमारी भलाई के लिए हैं, बदला लेने के लिए नहीं; और "पाप को क्षमा करना" - जिसका अर्थ है कि हमारे जीवन को हमारे वन-स्टार (one star) दिनों से परिभाषित नहीं किया जाना चाहिए। चूँकि परमेश्वर का चरित्र हमारा आधार है (मत्ती 6:33), हम उसका [परमेश्वर] अनुकरण करके अपने स्मार्टफ़ोन द्वारा उपयोग की जाने वाली कठोरता से बच सकते हैं। 
ऑनलाइन युग में, हम सभी दूसरों को कठोर रेटिंग दे सकते हैं। पवित्र आत्मा हमें आज थोड़ी सी करुणा लाने के लिए सशक्त करे। 
-शेरिडेन वोयसी 

परदेशियों का स्वागत

 
जैसे ही हजारों यूक्रेनी महिलाएं और बच्चे युद्ध से भागकर बर्लिन के रेलवे स्टेशन पर पहुंचे उन्हें यह देखकर  आश्चर्य हुआ कि जर्मन परिवार अपने घरों में शरणार्थियों को शरण देने के लिये अपने हाथों से बने विज्ञापन लेकर खड़े थे । एक में लिखा था “दो लोगों को रख सकते हैं।” दूसरे में था  “एक बड़ा कमरा उपलब्ध है।” एक महिला से यह पूछे जाने पर कि उसने अजनबियों को ऐसा अतिथि सत्कार (मेहमानदारी) क्यों दिया, उस महिला ने कहा कि उसकी माँ को नाज़ियों से भागते समय शरण की आवश्यकता पड़ी थी और अब वह भी ऐसी ज़रूरत में पड़े दूसरों लोगों की मदद करना चाहती थी। 
 
व्यवस्थाविवरण की पुस्तक में परमेश्वर इस्राएलियों को अपने देश से दूर रहने वालों की देखभाल करने के लिए कहता है। क्यों? क्योंकि वह अनाथों, विधवाओं, और परदेशियों का रक्षक है (10:18), और क्योंकि इस्राएली जानते थे कि इस तरह के असुरक्षित और खतरनाक हालातों में होने से क्या महसूस होता है:“क्योंकि तुम भी मिस्र में परदेशी थे” (पद 19)। सहानुभूति उनकी देखभाल को प्रेरित करने के लिए थी। 
 
लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है। जब सारपत की विधवा ने परदेशी एलिय्याह का अपने घर में स्वागत किया तो वह आशीषित हुई  (1 राजा 17:9–24), ठीक वैसे ही जैसे इब्राहीम को तीन परदेशी आगंतुकों ने आशीष दी थी (उत्पत्ति 18:1–15)। परमेश्वर अक्सर मेहमानदारी का उपयोग मेजबान को आशीर्वाद देने के लिए करते हैं, केवल मेहमान को नहीं।  
अपने घर में अजनबियों का स्वागत करना कठिन है, पर हो सकता है कि वे जर्मन परिवार वास्तविक लाभार्थी हैं। जब हम भी परमेश्वर की सहानुभूति के साथ कमजोरों के प्रति सहानुभूति दिखाते हैं तो हम उन वरदानों से चकित हो सकते हैं जो वह हमें उनके द्वारा देता है। 
शेरिडेन वोयसी 
 

कौन सा ज्ञान?

ईस्टर 2018 से ठीक पहले, एक आतंकवादी ने बाजार में प्रवेश किया, दो लोगों की हत्या कर दी और एक तीसरी महिला को बंधक बना लिया। जब महिला को मुक्त करने के प्रयास विफल हो गए, तो एक पुलिसकर्मी ने आतंकवादी को एक प्रस्ताव दिया: महिला को छोड़ दो और उसकी जगह उसे ले जाओ। यह प्रस्ताव चौंकाने वाला था क्योंकि यह लोकप्रिय ज्ञान के खिलाफ था। आप हमेशा किसी संस्कृति की "बुद्धिमत्ता" को उसके द्वारा मनाए जाने वाले कथनों से पहचान सकते हैं, जैसे कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने वाले सेलिब्रिटी उद्धरण। एक लोकप्रिय उद्धरण में लिखा है, "सबसे बड़ा साहसिक कार्य जो आप कर सकते हैं वह है अपने सपनों का जीवन जीना।" एक और कहता है, "सबसे पहले खुद से प्यार करो और बाकी सब अपने आप हो जाएगा।" एक तीसरा कहता है, "जो तुम्हें करना है, वह अपने लिए करो।" अगर पुलिस अधिकारी ने ऐसी सलाह मानी होती, तो वह खुद को पहले रखता और भाग जाता। 
याकूब प्रेरित कहता है कि इस संसार में दो प्रकार की बुद्धि है: एक “सांसारिक” है, और दूसरी “स्वर्गीय” है। पहले वाली को स्वार्थी महत्वाकांक्षा और गड़बड़ी (विकार) द्वारा चिन्हित किया गया है (याकूब 3:14-16); तो दूसरी को नम्रता, अधीनता और मेल-मिलाप के द्वारा चिन्हित किया गया है (पद 13, 17-18)। सांसारिक ज्ञान स्वयं को सबसे पहले रखता है। स्वर्गीय ज्ञान दूसरों का पक्ष लेता है, जो विनम्र कर्मों के जीवन की ओर अगुवाई करता है (पद 13)। उस आतंकवादी ने पुलिस अधिकारी के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, और उस बंधक को स्वतंत्र करके पुलिसकर्मी को गोली मार दी, और उस ईस्टर पर संसार ने एक निर्दोष व्यक्ति को किसी दूसरे के लिए मरते हुए देखा। स्वर्गीय ज्ञान विनम्र कार्यों की ओर अगुवाई इसलिए करता है क्योंकि यह परमेश्वर को स्वयं से ऊपर रखता है (नीतिवचन 9:10)। आज आप किस ज्ञान का अनुसरण कर रहे हैं? 
—शेरिडेन वोयसी 

यीशु में एक साथ भिन्न

व्यापार विश्लेषक फ्रांसिस इवांस ने एक बार 125 बीमा सेल्समैनों का अध्ययन किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें सफल होने में क्या बात मदद करती है। आश्चर्यजनक रूप से, योग्यता प्रमुख कारक नहीं थी l इसके बजाय, इवांस ने पाया कि ग्राहक उन्हीं सेल्समैन से खरीदारी करने के लिए अधिक इच्छुक थे जिनकी राजनीति, शिक्षा और कद-काठी उनके जैसी ही थी। विद्वान इसे होमोफिली(homophily) कहते हैं: अपने जैसे लोगों को पसंद करने की प्रवृत्ति।  
होमोफिली जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी काम कर रही है, जहाँ हम अपने जैसे लोगों से शादी करने और उनसे दोस्ती करने की प्रवृत्ति रखते हैं। स्वाभाविक होते हुए भी होमोफिली अनियंत्रित होने पर विनाशकारी हो सकती है। जब हम केवल "अपनी तरह" के लोगों को पसंद करते हैं, तो समाज नस्लीय, राजनीतिक और आर्थिक आधार पर टूट सकता है। 
पहली शताब्दी में, यहूदी यहूदियों के, यूनानी यूनानियों के साथ रहे, और अमीर और गरीब कभी भी घुलमिल नहीं पाए l और फिर भी, रोमियों 16:1-16 में, पौलुस रोम की कलीसिया के वर्णन में,  प्रिस्किल्ला और अक्विला(यहूदी), इपैनितुस(यूनानी) फीबे(बहुतों का उपकार करनेवाली”, इसलिए शायद धनवान), और फिलुलुगुस (दासों के लिए सामान्य नाम) को शामिल कर सकता था l ऐसे अलग-अलग लोगों को एक साथ क्या लाया था? यीशु—जिसमें “न तो यहूदी है और न अन्यजाति, न दास और न स्वतंत्र” (गलातियों 3:28) l   
अपने जैसे लोगों के साथ रहना, काम करना और चर्च जाना स्वाभाविक है l यीशु हमें उससे आगे ले जाता है l इस संसार में जो विभिन्न रेखाओं से बटी हुयी है, वह हमें एक ऐसे लोग बना रहा है जो एक साथ हैं पर अलग हैं—एक परिवार के रूप में एक हैं l  
—शेरिडैन वोयसे 

निचले डेक के लोग

 
मेरा एक मित्र अफ़्रीका मर्सी नामक एक अस्पताल जहाज़ पर काम करता है, जो विकासशील देशों में मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाएँ ले जाता है। कर्मचारी प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों की सेवा करते हैं जिनकी बीमारियों का अन्यथा इलाज नहीं हो पाता। 
टी.वी. क्रू जो समय-समय पर जहाज पर चढ़ते हैं, अपने कैमरे को उसके अद्भुत चिकित्सा कर्मचारियों पर केंद्रित करते हैं। कभी-कभी वे अन्य क्रू सदस्यों का साक्षात्कार लेने के लिए डेक के नीचे जाते हैं, लेकिन मिक जो काम करता है उस पर आम तौर से किसी का ध्यान नहीं जाता। 
मिक, एक इंजीनियर, इस बात से आश्चर्यचकित है कि उसे कहाँ काम सौंपा गया है - जहाज के सीवेज प्लांट में। प्रतिदिन चालीस हजार लीटर तक कचरा उत्पन्न होने के कारण, इस जहरीले पदार्थ का प्रबंधन करना एक गंभीर कार्य है। मिक के पाइपों और पंपों की देखभाल के बिना, अफ़्रीका मर्सी का जीवनदायी कार्य रुक जाएगा। 
मसीही सेवकाई में "ऊपर डेक" पर मौजूद लोगों की सराहना करना आसान है, जबकि नीचे कक्ष में मौजूद लोग अनदेखे रह जाते है। जब कुरिन्थियों ने बड़े वरदानों वाले लोगों को दूसरों से ऊपर उठाया, तो पौलुस ने उन्हें याद दिलाया कि प्रत्येक विश्वासी की मसीह के कार्य में एक भूमिका है (1 कुरिन्थियों 12:7-20), और प्रत्येक वरदान महत्वपूर्ण है, चाहे वह चमत्कारी चंगाई हो या दूसरों की मदद करना (पद 27-31). वास्तव में, भूमिका जितनी कम प्रमुख होती है, वह उतने ही अधिक सम्मान पाने की हकदार होती है(पद 22-24)। 
क्या आप "निचले डेक" के व्यक्ति हैं? तो अपना सिर ऊंचा उठाएं। आपका कार्य परमेश्वर द्वारा आदरयोग्य है और हम सभी के लिए अत्यावश्यक है। 
 

 

त्यागित विश्वास

 
जून 1965 में, छह टोंगन किशोर रोमांच की तलाश में अपने द्वीप घर से रवाना हुए। लेकिन जब पहली रात एक तूफान ने उनके मस्तूल और पतवार को तोड़ दिया, तो वे दक्षिण प्रशांत महासागर में 'अटा' के निर्जन द्वीप पर पहुंचने से पहले कई दिनों तक बिना भोजन या पानी के बहते रहे। यह उनके ढूंढे जाने से लगभग पंद्रह महीने पहले है। 
लड़कों ने जीवित रहने के लिए 'अता' पर एक साथ काम किया, एक छोटा सा खाद्य उद्यान स्थापित किया, बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए पेड़ों के तनों को खोखला किया, यहां तक कि एक अस्थायी व्यायामशाला भी बनाया। जब एक लड़के का पैर टीले से गिरने के कारण टूट गया, तो बाकियों ने उसे लाठियों और पत्तों की मदद से ठीक किया। बहस को अनिवार्य सुलह के साथ अंत किया जाता था, और प्रत्येक दिन की शुरआत और अंत गा के और प्रार्थना करके होती थी। जब लड़के इस कठिन परीक्षा से स्वस्थ होकर निकले, तो उनके परिवार आश्चर्यचकित रह गए - उनका अंतिम संस्कार हो चुका था। 
पहली शताब्दी में यीशु में विश्वासी होना एक अलग अनुभव हो सकता है। अपने विश्वास के कारण सताए जाना और अक्सर परिवार से अलग कर दिया जाना , किसी व्यक्ति को भटका हुआ महसूस करा सकता है। ऐसे त्यागे हुए लोगों को प्रेरित पतरस ने प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वें संयमी होकर प्रार्थना के लिये सचेत रहें (1 पतरस 4:7), एक दूसरे से अधिक प्रेम करें (पद 8), और काम पूरा करने के लिए जो भी वरदान उन्हें मिले है उसका उपयोग करें (पद 10-11)। समय आने पर, परमेश्वर उन्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्त करेगा (5:10)। 
परीक्षा के समय में, "त्यागित विश्वास" की आवश्यकता होती है। हम प्रार्थना करते हैं और एकजुटता से काम करते हैं, और परमेश्वर हमें इसमें मदद करते हैं। 
 

गो–कार्ट ठीक करना

 
मेरे बचपन के घर का गैरेज कई यादें समेटे हुए है। हर शनिवार की सुबह, मेरे पिताजी हमारी कार को गैरेज़ से निकालकर ड्राइववे में पार्क कर देते थे, ताकि हमारे पास काम करने के लिए जगह हो जाये — मेरी पसंदीदा एक टूटी हुई गो–कार्ट(एक छोटी रेसिंग कार) को ठीक करने के लिये, जो हमें कहीं से मिली थी। उस गैराज में, हमने उसमें नए पहिए लगाये, प्लास्टिक की एक अच्छी विंडशील्ड लगाई, और जब मेरे पिताजी सड़क पर ट्रैफिक को देख रहे होते थे तो मैं ड्राइववे पर उत्तेजना के साथ दौड़ाता था! पीछे मुड़कर देखता हूं, तो उस गैरेज में केवल गो–कार्ट को ठीक करने के अलावा कहीं ज़्यादा कुछ चल रहा था। एक छोटे लड़के को उसके पिता द्वारा आकार दिया जा रहा था - और इस प्रक्रिया में उसे परमेश्वर की एक झलक मिल रही थी।  
मनुष्यों को परमेश्वर के अपने स्वभाव के अनुरूप बनाया गया है (उत्पत्ति 1:27–28)। मानव पालन पोषण का मूल परमेश्वर में भी है, क्योंकि “वह पिता है, जिस से स्वर्ग और पृथ्वी पर हर एक घराने का नाम रखा जाता है” (इफिसियों 3:14–15)। जिस तरह माता पिता बच्चों को दुनिया में लाकर परमेश्वर की जीवन देने वाली क्षमताओं का अनुकरण करते हैं, जब वे अपने बच्चों का पालन–पोषण और सुरक्षा करते हैं, तो वे अपने आप में नहीं बल्कि पिता परमेश्वर के गुणों को व्यक्त करते हैं। वह एक ऐसा नमूना (मॉडल) है जिस पर सभी परवरिश (पेरेंटिंग) आधारित हैं। 
मेरे पिता पूरी तरह से निपुण तो नहीं थे। हर पिता और माता की तरह उनका पालन–पोषण कभी कभी स्वर्ग की नकल करने में विफल रहा। लेकिन जब अक्सर परमेश्वर की नकल की, तो इसने मुझे परमेश्वर के अपने पालन–पोषण और सुरक्षा की एक झलक दिखाई — ठीक वहीं पर जहां हमने गैराज के फर्श पर गो–कार्ट ठीक करी।