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Articles by शेरिडन योयता

पांच अच्छी बातें

शोध के अनुसार, जो लोग अपने पास मौजूद चीज़ों के लिए जानबूझकर आभारी होते हैं, उन्हें बेहतर नींद, बीमारी के कम लक्षण और अधिक ख़ुशी मिलती है। वे प्रभावशाली लाभ हैं। मनोवैज्ञानिक हमारी भलाई को बेहतर बनाने के लिए एक "आभार पत्रिका" रखने का भी सुझाव देते हैं, जिसमें प्रत्येक सप्ताह पांच चीजें लिखी जाएं जिनके लिए हम आभारी हैं।

धर्मशास्त्र ने लंबे समय से कृतज्ञता को बढ़ावा दिया है। भोजन और विवाह (1 तीमुथियुस 4:3-5) से लेकर सृष्टि की सुंदरता (भजन संहिता 104) तक, बाइबल ने हमें ऐसी चीज़ों को उपहार के रूप में देखने और उनके लिए दाता को धन्यवाद देने के लिए बुलाया है। भजन संहिता 107 उन पांच चीजों की सूची देता है जिनके लिए इस्राएल विशेष रूप से आभारी हो सकता है: रेगिस्तान में उनका बचाव (पद 4-9), कैद से उनकी रिहाई (पद 10-16), बीमारी से उपचार (पद 18-22), समुद्र पर सुरक्षा (पद 23-32), और बंजर भूमि में उनका फलना-फूलना (पद 33-42)। भजन संहिता दोहराता है, "प्रभु को धन्यवाद दो, क्योंकि ये सभी परमेश्वर के "अनमोल प्रेम" के लक्षण हैं (पद 8, 15, 21, 31)।

क्या आपके पास नोटपैड है? अब आप उन पाँच अच्छी चीज़ों को क्यों नहीं लिखते जिनके लिए आप आभारी हैं? यह वह भोजन हो सकता है जिसका आपने अभी आनंद लिया, आपकी शादी या, इस्राएल की तरह, आपके आज तक के जीवन में परमेश्वर ने किस प्रकार आपकी रक्षा की। बाहर चहचहाते पक्षियों, अपनी रसोई की महक, अपनी कुर्सी के आराम, प्रियजनों की बुदबुदाहट के लिए धन्यवाद दें। प्रत्येक एक उपहार है और परमेश्वर के अचूक प्रेम का प्रतीक है।

 

भजन संहिता 72 नेता

जुलाई 2022 में, ब्रिटेन के प्रधान मंत्री को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि कई लोगों को लगा कि ईमानदारी में बहुत कमी हैं (नव नियुक्त प्रधान मंत्री ने कुछ ही महीनों बाद पद छोड़ दिया!)। यह घटना तब शुरू हुई जब देश के स्वास्थ्य मंत्री ने वार्षिक संसदीय प्रार्थना नाश्ते में भाग लिया, सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी की आवश्यकता के बारे में दोषी महसूस किया और इस्तीफा दे दिया। जब अन्य मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया, तो प्रधान मंत्री को एहसास हुआ कि उन्हें जाना होगा। यह एक उल्लेखनीय क्षण था, जो एक शांतिपूर्ण प्रार्थना सभा से आरंभ हुआ था।

यीशु में विश्वासियों को अपने राजनीतिक नेताओं के लिए प्रार्थना करने के लिए कहा गया है (1 तीमुथियुस 2:1-2), और भजन संहिता 72 ऐसा करने के लिए एक अच्छा मार्गदर्शक है, जो एक शासक के कार्य का विवरण और उसे प्राप्त करने में उनकी मदद करने के लिए प्रार्थना दोनों है। यह आदर्श नेता को न्यायप्रिय और सत्यनिष्ठ व्यक्ति के रूप में वर्णित करता है (पद॰ 1-2), जो कमजोरों की रक्षा करता है (पद 4), जरूरतमंदों की सेवा करता है (पद 12-13), और उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा होता है (पद 14)। कार्यालय में उनका समय "पृथ्वी को सींचने वाली वर्षा" (पद 6) की तरह है, जो भूमि में समृद्धि लाती है (पद 3, 7, 16)। जबकि केवल मसीहा ही ऐसी भूमिका को पूरी तरह से निभा सकता है (पद 11), नेतृत्व के बेहतर मानक क्या हो सकता है?

किसी देश का स्वास्थ्य उसके पदाधिकारियों की ईमानदारी से संचालित होता है। आइए अपने राष्ट्रों के लिए "भजन संहिता 72 में वर्णित नेताओं" की तलाश करें और उनके लिए प्रार्थना करके इस भजन संहिता में पाए गए गुणों को अपनाने में उनकी मदद करें।

अपने सृजनहार को याद रखो

मैंने हाल ही में एक महिला के बारे में एक उपन्यास पढ़ा जो यह स्वीकार करने से इंकार कर देती है कि उसे लाइलाज कैंसर है। जब निकोला के परेशान दोस्त उसे सच्चाई का सामना करने के लिए मजबूर करते हैं, तो उसके टाल-मटोल का कारण सामने आता है। वह उनसे कहती है, ''मैंने अपना जीवन बर्बाद कर दिया है।'' यद्यपि प्रतिभा और धन के साथ पैदा हुई, “मैंने अपने जीवन में कुछ भी सार्थक नहीं किया। मैं लापरवाह थी, मैं कभी भी किसी चीज़ पर स्थिर नहीं रही।” अब यह महसूस करते हुए कि उसने बहुत कम हासिल किया है, दुनिया छोड़ने की संभावना का विचार निकोला के लिए बहुत दर्दनाक था। 

मैं लगभग उसी समय सभोपदेशक पढ़ रहा था और मुझे इसमें बिल्कुल विरोधाभास (अन्तर) नजर आया। इसका शिक्षक हमें मृत्यु की वास्तविकता से बचने नहीं देता, "क्योंकि अधोलोक में जहाँ तू जाने वाला है" (9:10)। और जबकि इसका सामना करना कठिन है (पद- 2), यह हमें अब हमारे पास मौजूद हर पल को महत्व देने के लिए प्रेरित करता है (पद- 4), समझ बूझ के अपने भोजन और परिवारों का आनंद लेना (पद- 7-9), उद्देश्यपूर्ण ढंग से काम करना (पद- 10) ), असाधारण कार्य करना और जोखिम उठाना (11:1, 6), और एक दिन इन सभी कार्यों से सम्बंधित उत्तर हम परमेश्वर को देंगे (पद 9; 12:13-14)।  निकोला के दोस्तों का कहना है कि अपने दोस्तों के प्रति उसकी वफादारी और उदारता साबित करती है कि उसका जीवन बर्बाद नहीं हुआ है। लेकिन शायद शिक्षक की सलाह हम सभी को हमारे जीवन के अंत में ऐसे संकट से बचा सकती है: अपने रचयिता (12:1) को याद रखें, उसके तौर-तरीकों का पालन करें, और जीने और प्रेम करने के हर अवसर को स्वीकार करें जो वह आज प्रदान करता है।

दीवारों पर स्वर्गदूत

जब वॉलेस और मेरी ब्राउन एक मरते हुए चर्च में पास्टर बनने के लिए इंग्लैंड के एक गरीब हिस्से में गए, तो उन्हें नहीं पता था कि एक गिरोग ने उनके चर्च और घर के परिसर को अपना मुख्यालय बना लिया है l दंपत्ति की खिड़कियों पर ईंटें फेंकी गयीं, उनके बाड़ों में आग लगा दी गयी और उनके बच्चों को धमकाया गया l दुर्व्यवहार महीनों तक जारी रहा; पुलिस इसे रोक न सकी l  

नहेम्याह की किताब बताती है कि कैसे इस्राएलियों ने यरूशलेम की टूटी हुयी दीवारों का पुनःनिर्माण किया l जब स्थानीय लोग “गड़बड़ी [डालने]” के लिए निकले, हिंसा की धमकी दी (नहेम्याह 4:8), तो इस्राएलियों ने “परमेश्वर से प्रार्थना की, और . . . पहरुए ठहरा दिए” (पद.9) l यह महसूस करते हुए कि परमेश्वर ने इस परिच्छेद द्वारा उनको निर्देशित किया है, ब्राउन, उनके बच्चे और कुछ अन्य लोग अपने चर्च की दीवारों के चारों ओर घूमकर, प्रार्थना की कि वह उनकी रक्षा के लिए स्वर्गदूतों को रक्षक के रूप में स्थापित करेगा l गिरोह ने मज़ाक उड़ाया, लेकिन अगले दिन, उनमें से केवल आधे ही आये l उसके अगले दिन, वहाँ केवल पांच थे, और उसके अगले दिन, कोई नहीं आया l ब्राउन लोगों को बाद में पता चला कि गिरोह ने लोगों को आतंकित करना छोड़ दिया है l 

प्रार्थना का यह चमत्कारी उत्तर हमारी अपनी सुरक्षा का कोई सूत्र नहीं है, बल्कि यह एक अनुस्मारक है कि ईश्वर के कार्य का विरोध होगा और प्रार्थना के हथियार से उससे लड़ा जाना चाहिए l नहेम्याह ने इस्राएलियों से कहा, “प्रभु जो महान् और भय्योग्य है, उसी को स्मरण” करना (पद.14) l वह हिंसक दिलों को भी आजाद कर सकता है l 

मसीह में गहरी मित्रता

ख्राइस्ट कॉलेज, कैंब्रिज, इंग्लैंड के चैपल में एक स्मारक है, जो सत्रहवीं शताब्दी के दो चिकित्सकों, जॉन फिंच और थॉमस बेन्स को समर्पित है l “घनिष्ठ मित्र” के रूप में प्रसिद्ध  फिंच और बेन्स ने चिकित्सा अनुसन्धान पर सहयोग किया और साथ में राजनयिक यात्राएँ की l 1680 में बेन्स की मृत्यु पर फिंच ने उनकी “आत्माओं के टूटे विवाह” पर जो छतीस वर्षों तक चला था शोक व्यक्त किया l उनकी मित्रता स्नेह, निष्ठा और प्रतिबद्धता की थी l 

राजा दाऊद और योनातान भी उतने ही घनिष्ठ मित्र थे l उन्होंने गहरा आपसी स्नेह साझा किया (1 शमुएल 20:41), यहाँ तक कि एक-दूसरे के प्रति वचनबद्धता की शपथ भी ली (पद.8-17, 42) l उनकी दोस्ती अत्यधिक विश्वासयोग्यता से चिन्हित थी (1 शमुएल 19:1-2; 20:13), योनातान ने सिंहासन पर अपना अधिकार भी त्याग दिया ताकि दाऊद राजा बन सके (20:30-31; 23:15-18 देखें) l योनातान की मृत्यु पर, दाऊद ने शोक व्यक्त किया कि योनातान का उसके प्रति प्रेम “स्त्रियों के प्रेम से भी बढ़कर था” (2 शमुएल 1:26) l 

आज हम मित्रता की तुलना विवाह से करने में असहज महसूस कर सकते हैं, लेकिन शायद फिंच और बेन्स और दाऊद और योनातान जैसी मित्रता हमारी अपनी मित्रता को अधिक गहराई तक पहुँचने में मदद कर सकती हैं l यीशु ने अपने मित्रों का उसकी ओर झुकने का स्वागत किया (यूहन्ना 13:23-25) और वह स्नेह, निष्ठा और प्रतिबद्धता जो वह हमें दिखाता है वह हमारे द्वारा एक साथ बनायी जाने वाली गहरी मित्रता का आधार हो सकता है l 

यीशु के लिए दूसरों की सेवा करना

अभिनेत्री निशैल निकोल्स को मूल स्टार ट्रेक श्रृंखला में लेफ्टिनेंट उहुरा की भूमिका निभाने के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। यह भूमिका निभाना निकोलस के लिए एक व्यक्तिगत जीत थी, जिससे वह एक प्रमुख टीवी शो में पहली अफ्रीकी अमेरिकी महिलाओं में से एक बन गईं। लेकिन इससे बड़ी जीत होने वाली थी।

निकोल्स ने वास्तव में अपने थिएटर के काम पर लौटने के लिए स्टार ट्रेक के पहले सीज़न के बाद इस्तीफा दे दिया था। लेकिन फिर वह मार्टिन लूथर किंग जूनियर से मिलीं, जिन्होंने उनसे न छोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, पहली बार, अफ्रीकी अमेरिकियों को टीवी पर बुद्धिमान लोगों के रूप में देखा जा रहा है जो कुछ भी कर सकते हैं, यहां तक कि अंतरिक्ष में भी जा सकते हैं। लेफ्टिनेंट उहुरा की भूमिका निभाकर, निकोलस एक बड़ी जीत हासिल कररही थी - अश्वेत महिलाओं और बच्चोंको दिखा रही थी किवे क्या बन सकते हैं।

यह मुझे उस समय की याद दिलाता है जब याकूब और यूहन्ना ने यीशु से उसके राज्य में दो सर्वोत्तम पद मांगे थे (मरकुस 10:37)। ऐसे पदों पर कितनी व्यक्तिगत जीत होगी! यीशु ने न केवल उनके अनुरोध की दर्दनाक वास्तविकताओं को समझाया ( पद 38-40) बल्कि उन्हें उच्च लक्ष्यों की ओर बुलाया, यह कहते हुए, "जो कोई तुम्हारे बीच में बड़ा होना चाहता है वह आपका सेवक बने" ( पद 43)। उनके अनुयायियों को अकेले व्यक्तिगत जीत की तलाश नहीं करनी थी, बल्कि उनकी तरह, दूसरों की सेवा के लिए अपने पद का उपयोग करना था ( पद 45)।

अफ्रीकी अमेरिकियों को मिली बड़ी जीत के लिएनिशैल निकोल्स स्टार ट्रेक के साथ बनी रहीं । हम भी कभी भी अकेले व्यक्तिगत जीत से संतुष्ट न हों बल्कि जो भी पद प्राप्त करें उसका उपयोग उसके नाम पर दूसरों की सेवा करने के लिए करें।

क्रिसमस के बाद का दिन

क्रिसमस के दिन की सारी खुशियों के बाद, अगला दिन निराशाजनक सा महसूस हुआ। हम दोस्तों के साथ रात भर रुके लेकिन ठीक से सो नहीं पाए। जब हम घर जा रहे थे तो हमारी कार खराब हो गई। फिर बर्फ गिरने लगा। हम कार छोड़कर बर्फबारी और ओलावृष्टि के बीच टैक्सी से घर के तरफ चल पड़े थे।

 

हम अकेले नहीं हैं जो क्रिसमस के बाद निराशा महसूस किए। चाहे वह अत्यधिक खाने से हो, जिस तरह से रेडियो से कैरोल अचानक गायब हो जाते हैं, या यह तथ्य कि पिछले सप्ताह हमने जो उपहार खरीदे थे वे अब आधी कीमत पर बिक्री पर हैं, क्रिसमस के दिन का जादू जल्दी ही ख़त्म हो सकता है!

 

बाइबल हमें यीशु के जन्म के अगले दिन के बारे में कभी नहीं बताती। लेकिन हम कल्पना कर सकते हैं कि बेथलहम तक चलने के बाद, आवास के लिए संघर्ष, जन्म देने में मरियम का दर्द, और चरवाहों का बिना बताए आना-जाना (लूका 2:4-18), से मरियम और युसूफ थक गये थे। फिर भी जब मरियम ने अपने नवजात को गोद में उठाया, मैं कल्पना कर सकता हूँ कि वह स्वर्गदूत से अपनी मुलाकात (1:30-33), इलीशिबा का आशीर्वाद (पद.42-45), और अपने बच्चे की नियति के बारे में स्वयं के एहसास (पद.46-55) पर विचार कर रही होगी । मरियम ने अपने मन में ऐसी बातों पर "सोचती रही" (2:19), जिसने उस दिन की थकान और शारीरिक पीड़ा को हल्का कर दिया होगा।

 

हम सब के पास "बकवास" के दिन होते हैं, शायद क्रिसमस के अगले दिन भी। आइए मरियम के तरह, उस व्यक्ति पर विचार करके उनका सामना करें जो हमारे दुनिया में आया, अपनी उपस्थिति से इसे हमेशा के लिए रोशन कर दिया।

क्रिसमस दुविधा

डेविड और एंजी को लगा कि उन्हें विदेश जाने के लिए बुलाया गया है, और इसके बाद जो फलदायी सेवकाई हुयी वह उसकी पुष्टि करते हुए प्रतीत हुआ। लेकिन उनके इस कदम का एक नकारात्मक पहलू भी था। डेविड के बुजुर्ग माता-पिता अब क्रिसमस अकेले बिताएंगे। डेविड और एंजी ने उपहारों को जल्दी पोस्ट करके और क्रिसमस की सुबह फोन करके अपने माता-पिता के अकेलेपन को कम करने की कोशिश की। लेकिन उनके माता-पिता वास्तव में उन्हें चाहते थे। डेविड के आय से केवल कभी-कभार घर जाने की अनुमति मिलती थी, वे और क्या कर सकते थे? डेविड को बुद्धि की आवश्यकता थी।

 

नीतिवचन 3 बुद्धि-प्राप्ति का एक क्रैश कोर्स(crash course) है, जो हमें यह दिखाता है कि हम अपनी परिस्थितियों को परमेश्वर के पास ले जाकर इसे प्राप्त कैसे करें (पद.5-6), इसके विभिन्न गुणों जैसे प्रेम और विश्वासयोग्यता (पद. 3-4, 7-12), और शांति और दीर्घायु के रूप में इसके लाभ का वर्णन करता है (पद. 13-18)। एक मार्मिक टिप्पणी में, यह कहा गया है कि परमेश्वर हमें "अपने विश्वास में" लेकर ऐसी बुद्धि देता है (पद. 32)। वह अपना समाधान उन लोगों को फुसफुसाता है जो उसके करीब हैं।

 

एक रात अपनी समस्या के बारे में प्रार्थना करते हुए, डेविड को एक विचार आया। अगले क्रिसमस के दिन, उसने और एंजी ने अपने सबसे अच्छे कपड़े पहने, मेज को तड़क-भड़क/टिनसेल(tinsel) से सजाया, और भुना हुआ रात्रिभोज लाए। डेविड के माता-पिता ने भी ऐसा ही किया। फिर, प्रत्येक टेबल पर एक लैपटॉप रखकर, उन्होंने वीडियो लिंक के द्वारा एक साथ भोजन किया। लगभग ऐसा महसूस हुआ जैसे वे एक ही कमरे में हैं। तब से यह एक पारिवारिक परंपरा बन गई है।

परमेश्वर ने दाऊद को अपने भरोसे में लिया और उसे बुद्धि दी। वह हमारे समस्याओं का रचनात्मक समाधान फुसफुसा कर सुनाना पसंद करता है।

चमकते सितारे

शहर के बारे में सबसे पहली चीज़ जो मैंने नोटिस की वह थी इसकी गरीबी। इसके बाद, शराब की दुकानें, “झुग्गियाँ।”, बड़े विज्ञापन संकेतक, उपभोक्तावादी निर्माताओं के लिए, जो दूसरों से पैसे कमाते हैं। मैंने पहले भी कई अवैध और अनैतिकता से भरे शहरों का दौरा किया था, लेकिन यह एक नए निचले स्तर तक पहुँचने का आभास हो रहा था।

हालाँकि, जब अगली सुबह मैंने एक टैक्सी ड्राइवर से बात की तो मेरा मूड अच्छा हो गया। उन्होंने कहा, "मैं हर दिन परमेश्वर से उन लोगों को भेजने के लिए प्रार्थना करता हूं जिन्हें वह चाहते है कि मैं मदद करूँ।" “नशेड़ी, वेश्याएं, टूटे घरों के लोग मुझे रोते हुए अपनी समस्याएं बताते हैं। मैं कार रोकता हूं। मैं सुनता है। मैं उनके लिए प्रार्थना करता हूं।' यह मेरी सेवा है।” 

हमारे पतित संसार में यीशु के अवतरण का वर्णन करने के बाद (फिलिप्पियों 2:5-8), प्रेरित पौलुस मसीह में विश्वासियों को एक आह्वान देता है। जैसे ही हम परमेश्वर की इच्छा (पद 13) का पालन करते हैं और "जीवन का वचन"—सुसमाचार (पद 16) को पकड़ते हैं—तो हम "टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्‍वर के निष्कलंक सन्तान" होंगे जो "जलते दीपकों के समान दिखाई देते हैं।"(पद 15)। उस टैक्सी ड्राइवर की तरह, हमें यीशु की रोशनी को अंधेरे में लाना है। 

इतिहासकार क्रिस्टोफर डॉसन ने कहा, मसीह में विश्वास करने वाले को दुनिया को बदलने के लिए केवल ईमानदारी से जीना होगा, क्योंकि जीने के उसी कार्य में "दिव्य जीवन का सारा रहस्य समाहित है।" आइए परमेश्वर की आत्मा से हम यीशु के लोगों के रूप में ईमानदारी से जीने के लिए सशक्त बनाने के लिए कहें, जो दुनिया के सबसे अंधेरे स्थानों में अपनी रोशनी चमकाएं।