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Articles by टॉम फेल्टेन

मुक्तिदायक आज्ञाकारिता

 
युवा किशोरी के चेहरे पर चिंता और शर्म झलक रही थी। 2022 के शीतकालीन ओलंपिक की ओर बढ़ते हुए, एक प्रसिद्ध स्केटर के रूप में उसकी सफलता बहुत बेजोड़ थी। एक के बाद एक मिली चैंपियनशिप की श्रृंखला ने उसे स्वर्ण पदक जीतने का दावेदार बना दिया था। लेकिन तभी एक जांच के नतीजे में उसके शरीर में एक अवैध (प्रतिबंधित) पदार्थ का पता चला। उम्मीदों और निंदा के भारी बोझ के दबाव के साथ, वह अपने फ्री–स्केट कार्यक्रम के दौरान कई बार गिरी और इसका परिणाम हुआ कि वह विजेता मंच पर खड़ी नहीं हुई — उसने कोई पदक नहीं जीता। घोटाले से पहले उसने बर्फ पर अपनी कला और रचनात्मकता का स्वतंत्र प्रर्दशन किया था, लेकिन अब नियम तोड़ने के आरोप ने उसके सपनों को कुचल दिया। 
मानवता के शुरुआती दिनों से ही, परमेश्वर ने आज्ञाकारिता के महत्व को प्रकट किया है क्योंकि हम अपनी स्वतंत्र इच्छा का प्रयोग करते हैं। अवज्ञा ने आदम, हव्वा और हम सभी के लिए विनाशकारी प्रभाव उत्पन्न किए क्योंकि क्योंकि पाप ने हमारे संसार को खंडित किया और मृत्यु का प्रवेश हुआ (उत्पत्ति 3:6–19)। ऐसा होना ज़रूरी नहीं था। 
परमेश्वर ने आदम और हव्वा से कहा था, “तुम किसी भी वृक्ष का फल बेखटके खा सकते हो परन्तु एक का नहीं” (2:16–17)। यह सोचते हुए कि उनकी आंखें खुल जायेगीं, और वे परमेश्वर के तुल्य होंगे, उन्होंने मना किये गये अच्छे और बुरे के ज्ञान के वृक्ष में से खाया (3:5; 2:17) और इससे पाप, लज्जा और मृत्यु संसार में आई। परमेश्र्वर अनुग्रह करके हमें स्वतंत्रता देते हैं और आनन्द के लिए और बहुत सी अच्छी वस्तुओं को देते हैं (यूहन्ना 10:10)। प्रेम में वह हमें हमारी भलाई के लिए उसकी आज्ञा मानने के लिए भी कहते है।  
वह हमें आज्ञाकारिता चुनने और आनंद से भरा और शर्म से मुक्त जीवन पाने में मदद करे। 
टॉम फेल्टेन 

अनुग्रह और परिवर्तन

 
अपराध चौंकाने वाला था, और इसे करने वाले व्यक्ति को जेल में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद के वर्षों में, एकान्त कारावास में उस व्यक्ति ने मानसिक और आत्मिक चंगाई की प्रक्रिया शुरू की। यह उसे पश्चाताप और यीशु के साथ एक बहाल रिश्ते की ओर ले गया। इन दिनों उसे अन्य कैदियों के साथ सीमित बातचीत की अनुमति दी गई है। और, परमेश्वर के अनुग्रह से, उसकी गवाही के द्वारा कुछ साथी कैदियों ने मसीह को उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण किया है—उसमें क्षमा पाकर।    
मूसा, हालाँकि अब विश्वास के एक महान व्यक्ति के रूप में पहचाना जाता है, उसने एक चौंकाने वाला अपराध भी किया। जब उसने "एक मिस्री को एक इब्री को पीटते हुए देखा,  उस ने इधर उधर देखा कि कोई नहीं है देखा और मिस्री को घात किया और बालू में छिपा दिया। " (निर्गमन 2:11-12)। इस पाप के बावजूद, परमेश्वर ने अपने अनुग्रह में अपने अपूर्ण सेवक के साथ कार्य समाप्त नहीं किया। बाद में, उसने अपने लोगों को उनके अत्याचार से मुक्त करने के लिए मूसा को चुना (3:10)। रोमियों 5:14 में, हम पढ़ते हैं, " तौभी आदम से लेकर मूसा तक मृत्यु ने उन लोगों पर भी राज्य किया, जिन्हों ने उस आदम के अपराध की नाईं जो उस आनेवाले का चिन्ह है, पाप न किया। " परन्तु निम्नलिखित पदों में पौलुस कहता है कि "परमेश्‍वर का अनुग्रह" हमारे लिए संभव करता है, चाहे हमारे पिछले पाप कुछ भी हों, हम उसके साथ परिवर्तित और धर्मी किए जा सकते हैं (पद. 15-16)।  
हम सोच सकते हैं कि हमने जो किया है वह हमें परमेश्वर की क्षमा को जानने और उसके सम्मान के लिए उपयोग किए जाने से अयोग्य बनाता है। लेकिन उसके अनुग्रह के कारण, यीशु में हम बदल सकते हैं और दूसरों को हमेशा के लिए बदलने में मदद करने के लिए स्वतंत्र हो सकते हैं।  
टॉम फेल्टेन  

बाहरी सुन्दरता से बढ़ कर भीतरी गुण होते हैं

जोस, यीशु में एक युवा विश्वासी, अपने भाई के चर्च में गया l जैसे ही उसने आराधना से पहले आराधनालय में प्रवेश किया, उसे देखते ही उसके भाई का चेहरा उतर गया। जोस के दोनों बाहों पर टैटू थे, जो उसके टी-शर्ट पहनने के कारण दिखाई दे रहे थे। उसके भाई ने उसे घर जाकर एक लंबी बाजू की शर्ट पहनने को कहा, क्योंकि जोस के कई टैटू उसके अतीत के तौर-तरीकों को दर्शाते थे। जोस को अचानक अच्छा नहीं लगा। लेकिन एक अन्य व्यक्ति ने भाइयों की बातचीत सुन ली और जोस को पास्टर के पास लाया, और उन्हें बताया कि क्या हुआ था। पास्टर मुस्कुराए और अपनी कमीज के बटन खोल दिए, जिससे उनकी छाती पर एक बड़ा सा टैटू दिखाई दे रहा था—जो उनके अपने अतीत का था। उन्होंने जोस को आश्वासन दिया कि क्योंकि परमेश्वर ने उसे भीतर से बाहर तक शुद्ध किया है, उसे अपनी बाहों को ढंकने की जरूरत नहीं है। 
दाऊद ने परमेश्वर द्वारा शुद्ध किए जाने के आनंद का अनुभव किया था। उसके सामने अपने पाप का अंगीकार करने के बाद, राजा दाऊद ने लिखा,  “क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढांपा गया हो!” (भजन संहिता 32:1) । वह अब दूसरों के साथ “जिनके हृदय शुद्ध हैं!” “आनन्द से जयजयकार” कर सकता था (पद. 11)। प्रेरित पौलुस ने बाद में रोमियों 4:7-8 में भजन संहिता 32:1-2 को उद्धृत किया, एक भाग जो घोषणा करता है कि यीशु में विश्वास उद्धार और उसके सामने एक शुद्ध अवस्था की ओर ले जाता है (रोमियों 4:23-25 देखें)। 
यीशु में हमारी पवित्रता सतह से कहीं अधिक है, क्योंकि वह हमारे हृदयों को जानता और शुद्ध करता है (1 शमूएल 16:7; 1 यूहन्ना 1:9)। आज हम उसके शुद्धिकरण के कार्य में आनन्दित हों। 

एक छोटी शुरुआत

1883 में पूरा होने पर ब्रुकलिन ब्रिज को  “दुनिया का आठवां आश्चर्य”  माना जाता था। लेकिन   ढांचे की सफलता के लिए पुल की एक टावर से दूसरी  तक एक एकल, पतला तार बांधा जाना जरूरी था। इसलिये पहले तार में अतिरिक्त तार, तीन दूसरे केबलों  के साथ,  तब तक जोड़े गए जब तक ये एक साथ बुन कर एक बडा केबल तैयार नहीं हुआ।  समाप्त होने पर प्रत्येक केबल ने, जो पांच हजार से अधिक गैल्वेनाइज्ड तारों से बना था, अपने  समय के सबसे  लंबे  सस्पैन्शन (लटकते हुये) पुल  को सहारा देने में  मदद करी। जिसकी शुरूआत कुछ छोटे से हुई वह ब्रुकलिन ब्रिज के एक बड़े हिस्से में बदल गया।

यीशु का जीवन की शुरूआत भी एक छोटे ढ़ंग से हुई।  एक छोटे से शहर में एक बच्चे का जन्म हुआ और उसे  एक चरनी में (जानवरों को खिलाने वाली कुंड) रखा गया (लूका 2:7) । भविष्यद्वक्ता मीका ने उसके  दीन जन्म की भविष्यवाणी करते हुए लिखा,  “हे बेतलेहेम, प्राताए यदि तू ऐसा छोटा है कि यहूदा के हजारों में गिना नहीं जाता, तौभी तुझ में से मेरे लिये एक पुरूष निकलेगा, जो इस्राएलियों में प्रभुता करने वाला होगा” (मीका 5:2; मत्ती 2:6) भी देखें। एक छोटी सी शुरुआत, लेकिन यह शासक और चरवाहा  अपनी  प्रसिद्धि और मिशन को  “पृथ्वी की छोर तक देखेगा”  (मीका 5:4)।

यीशु  का जन्म बहुत सादगी और दीनता से एक छोटे से स्थान में हुआ था, और पृथ्वी पर उसका जीवन  अपने आप को दीन बनने में समाप्त हुआ, और एक  क्रूस  पर एक अपराधी की मृत्यु  सही (फिलिप्पियों 2:8)। लेकिन अपने अपार बलिदान से उसने हमारे और परमेश्वर के बीच की  दूरी को दूर किया और सभी विश्वास करने वालों को उद्धार दिया। इस समय में, आप विश्वास के द्वारा यीशु में परमेश्वर का महान उपहार प्राप्त कर सकते हैं। और यदि आप विश्वास करते हैं, तो जो उसने आपके लिए किया है उसके  लिये, आप नए सिरे से नम्रतापूर्वक उसकी स्तुति करें।

हम किसकी सुनते हैं

“मुझे आपातकाल की घोषणा करनी होगी l मेरे पायलट की मृत्यु हो गयी है l” डॉग वाइट(Daug White) ने घबराकर अपनी उड़ान की निगरानी कर रहे नियंत्रण टावर से ये शब्द कहे l उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद, डॉग परिवार की चार्टर्ड निजी विमान के पायलट की अचानक मृत्यु हो गयी l डॉग ने उच्च विकसित विमान उड़ाने में केवल तीन महीने के प्रशिक्षण के साथ कॉकपिट में कदम रखा l इसके बाद उन्होंने एक स्थानीय हवाई अड्डे पर नियंत्रकों की बात ध्यान से सुनी, जिन्होंने विमान की लैंडिंग के दौरान उनसे बात की l बाद में, डॉग ने कहा, “[उन्होंने] मेरे परिवार को लगभग निश्चित अग्निमय मृत्यु से बचाया l”

हमारे पास एक ऐसा व्यक्ति है जो अकेले ही हमें जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है l मूसा ने इस्राएलियों से कहा, “तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे मध्य से . . . मेरे समान एक नबी को उत्पन्न करेगा; तू उसी की सुनना”(व्यवस्थाविवरण 18:15) l यह प्रतिज्ञा परमेश्वर द्वारा अपने लोगों के लिए प्रदान किये गए नबियों की एक श्रृंखला की ओर संकेत करता है, लेकिन इसमें उद्धारकर्ता/अभिषिक्त/Messiah के बारे में भी बात की गई है l पतरस और स्तिफनुस दोनों ने बाद में कहा कि यह परम भविष्यद्वक्ता यीशु था(प्रेरितों के काम 3:19-22; 7:37, 51-56) l वह अकेले ही हमें परमेश्वर के प्रेमपूर्ण और बुद्धिमान निर्देशों को बताने आया था(व्यवस्थाविवरण 18:18) l 

मसीह के जीवन के दौरान, परमेश्वर पिता ने कहा, “यह मेरा प्रिय पुत्र है, इसकी सुनो!”(मरकुस 9:7) l बुद्धिमानी से जीने और इस जीवन में सत्यानाश होने और जलने से बचने के लिए, आइये यीशु को सुने क्योंकि वह पवित्रशास्त्र(बाइबल) और पवित्र आत्मा द्वारा बोलता है l उसे सुनने से बहुत फर्क पड़ता है l 

चेतावनी की ध्वनि

कच्ची मछली और वर्षा का जल l तिमोथी नाम का एक ऑस्ट्रेलियाई नाविक तीन महीने तक केवल इन्हीं प्रावधानों पर जीवित रहा l तूफ़ान से क्षतिग्रस्त बेड़ा/लकड़ी के लट्ठो को बांधकर बनाया गया नौकाcatamaran] पर असहाय होकर, वह उम्मीद खो रहा था—प्रशांत महासागर में भूमि से 1,200 मील दूर डोल रहा था l लेकिन तभी मेक्सीकन टूना नाव(मछली पकड़ने वाली नाव) के चालाक दल ने उसकी अस्थिर नाव को देखा और उसे बचा लिया l बाद में, दुबले-पतले और मौसम से पीड़ित व्यक्ति ने कहा, “मेरी जान बचाने वाले कप्तान और मछली पकड़ने वाली कंपनी का, मैं बहुत आभारी हूँ!”

तिमोथी ने अपनी कटु अनुभव के बाद धन्यवाद दिया, लेकिन दानिय्येल नबी ने संकट से पहले, उसके दौरान और बाद में एक धन्यवादी हृदय प्रकट किया l अन्य यहूदियों के साथ यहूदा से बेबीलोन में निर्वासित किये जाने के बाद(दानिय्येल 1:1-6), दानिय्येल शासन में आ गया लेकिन उसे अन्य अगुओं से धमकी मिली जो उसे मरवाना चाहते थे(6:1-7) l उसके शत्रुओं ने बेबीलोन के राजा से एक आदेश पर हस्ताक्षर करवाया कि जो कोई भी “किसी और . . . देवता से विनती करे, वह सिंहों की मांद में डाल दिया जाए”(पद.7) l सच्चे परमेश्वर से प्रेम करने और  उसकी सेवा करने वाला दानिय्येल, क्या करता? “जैसा वह . . . अपने परमेश्वर के सामने घुटने टेककर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता [रहा]”(पद.10) l उसने धन्यवाद दिया, और अपने धन्यवादी हृदय को पुरुस्कृत किया गया क्योंकि परमेश्वर ने उसके जीवन को बचाया उसे सम्मान दिलाया(पद.26-28) l 

जैसा कि प्रेरित पौलुस ने लिखा, परमेश्वर हमें “हर बात में धन्यवाद [करने]” में सहायता करें(1 थिस्सलुनीकियों 5:18) l चाहे हम किसी संकट का सामना कर रहे हों या अभी-अभी उसमें से निकले  हों, एक धन्यवादी प्रतिक्रया उसका सम्मान करती है और हमारे विश्वास को बनाए रखने में मदद करती है l 

एक खूबसूरत आश्चर्य

जोती हुयी भूमि में एक रहस्य था—कुछ छिपा हुआ l अपने विवाह की पचासवीं वर्षगाँठ की तैयारी में, ली विल्सन(Lee Wilson) ने अपनी पत्नी को शायद सबसे भव्य पुष्प उपहार देने के लिए अपनी अस्सी एकड़ भूमि अलग कर दी थी l उसने गुप्त रूप से सूरजमुखी के अनगिनत बीज बोए जिनसे अंततः 1.2 मिलियन(1,200,000) सुनहरे पौधे बन गए—जो उनकी पत्नी के पसंदीदा थे l जब सूरजमुखी ने अपने पीले मुकुट/सिर उठाए, तो रिनीRenee) ली(Lee) के प्यार के खूबसूरत प्रदर्शन से हैरान हो गयी l 

नबी यशायाह के द्वारा यहूदा के लोगों से बात करते हुए, परमेश्वर ने उनके साथ एक रहस्य साझा किया : “यद्यपि वे अभी देख नहीं सकते थे, उसके प्रति उनकी अविश्वासयोग्यता के लिए उनके विरुद्ध न्याय का वादा करने के बाद,(यशायाह 3:1-4:1), एक नया और सुनहरा दिन उदय होगा l “उस समय इस्राएल के बचे हुओं के लिए यहोवा की डाली, भूषण और महिमा ठहरेगी, और भूमि की उपज, बड़ाई और शोभा ठहरेगी”(4:2) l हाँ, उन्हें बेबीलोन के हाथों तबाही और दासत्व का अनुभव होगा, लेकिन फिर एक सुन्दर “डाली”—भूमि से एक नयी कोपल—दिखायी देगी l उसके लोगों में से बचे हुए अलग किये हुए लोग (“पवित्र,” पद.3), शुद्ध किये हुए (पद.4), और उसके द्वारा प्रेमपूर्वक नेतृत्व और देखभाल किये हुए (पद.5-6) l 

हमारे दिन अंधकारमय लग सकते हैं, और परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं की पूर्ति छिपी हुयी है l लेकिन जब हम विश्वास के साथ उससे जुड़े रहेंगे, एक दिन उसकी सभी “बहुमूल्य और बड़ी प्रतिज्ञाएँ” पूरी हो जाएंगी(2 पतरस 1:4) l एक खूबसूरत नया दिन इंतज़ार कर रहा है l   

अद्भुत शिक्षा

सोफिया रॉबर्ट्स ने पहली बार ओपन हार्ट सर्जरी देखी जब वह लगभग ग्यारह वर्ष की थीं। हालाँकि  ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया को देखने के लिए उसकी उम्र थोड़ी कम लग सकती है , लेकिन आपको यह बताना आवश्यक है कि उसके पिता, डॉ. हेरोल्ड रॉबर्ट्स जूनियर, एक हृदय सर्जन हैं। 2022 में, सोफिया - जो अब तीस साल की है और एक सर्जरी रेजिडेंट चिकित्सक है - उसने अपने पिता के साथ मिलकर एक सफल महाधमनी (ऑर्टिक) वाल्व बदलाव किया। हेरोल्ड ने कहा, “इससे बेहतर क्या हो सकता है? मैंने जिस बच्ची को साइकिल चलाना सिखाया . . . अब, उसे यह सिखाना कि मानव हृदय का ऑपरेशन कैसे किया जाता है, बहुत ही अद्भुत बात है।" 

 

कुछ ही होंगे जो बच्चे को सर्जरी करना सिखाए, पर सुलैमान आने वाली पीढ़ी को कुछ और सिखाने के महत्व का वर्णन करता है - परमेश्वर और उसके मार्गों का आदर करना। बुद्धिमान राजा ने बड़े उत्साह से अपने पुत्र के साथ वो सब बांटा जो उसने परमेश्वर के साथ उसके रिश्ते में सीखा: “मेरे बेटे, . . .अपने सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना” (नीतिवचन 3:1, 5), “यहोवा का भय मानना” (पद 7), “यहोवा का आदर करना” (पद 9), और “यहोवा के अनुशासन का तिरस्कार मत करना” ( पद 11). सुलैमान जानता था कि परमेश्वर अपने बच्चों से "प्रेम करता है" और "प्रसन्न" होता है जो स्वेच्छा से उसका सुधार और मार्गदर्शन ग्रहण करते हैं (पद 12)।

आइए अगली पीढ़ी को सिखाएं कि हमारे अद्भुत, महिमामय परमेश्वर पर भरोसा रखना, उनका भय मानना, उनका आदर करना और विनम्रतापूर्वक उनके अनुरूप ढलने का क्या मतलब है। ऐसा करने में उसके साथ साझेदार होना एक अत्याधिक सौभाग्य है और हाँ , बहुत ही अद्भुत भी!

इंतज़ार के काबिल

एक ठहराव के बारे में बातें करें(Talk about a layover) l फिर स्ट्रिंगर को तूफ़ान के कारण विलंबित हुई उड़ान में चढ़ने के लिए अठारह घंटे इंतज़ार करना पड़ा l हालाँकि, उनका धैर्य और दृढ़ता काम आई l न केवल उसे अपने गंतव्य तक उड़ान भरने और महत्वपूर्ण व्यावसायिक बैठकों में समय पर पहुँचने का अवसर मिला, बल्कि वह उड़ान में एकमात्र यात्री भी था! अन्य सभी यात्रियों ने हार मान ली या अन्य व्यवस्थाएँ की l फ्लाइट परिचारक ने उसे जो भी खाने की चीज़ चाहिए दी, और स्ट्रिंगर कहते हैं, “बेशक, मैं आगे की पंक्ति में बैठा था l जब पूरा विमान आपके पास है तो क्यों नहीं?” परिणाम निश्चित रूप से इंतज़ार के लायक था l 

अब्राहम ने वह भी सहन किया जो एक लम्बी देरी जैसा महसूस हुआ होगा l बहुत पहले जब उसे अब्राम के नाम से जाना जाता था, परमेश्वर ने उससे कहा था कि वह उसे “एक बड़ी जाति [बनाएगा]” और “भूमण्डल के सारे कुल [उसके] द्वारा आशीष पाएंगे” (उत्पत्ति 12:2-3) l पचहत्तर वर्षीय व्यक्ति के लिए केवल एक ही समस्या थी (पद.4) : वह बिना उत्तराधिकारी के एक महान राष्ट्र कैसे बन सकता था? और यद्यपि उसकी प्रतीक्षा कभी-कभी अधूरी रह जाती थी (उसने और पत्नी सारै ने कुछ गलत विचारों के साथ परमेश्वर को अपना वादा पूरा करने में “सहायता” करने का प्रयास किया—देखें 15:2-3; 16:1-2, जब “पुत्र इसहाक उत्पन्न हुआ तब अब्राहम एक सौ वर्ष का था”(21:5) l उसके विश्वास का बाद में इब्रानियों के लेखक द्वारा गुणगान किया गया(11:8-12) l

इंतज़ार करना कठिन हो सकता है l और, अब्राहम की तरह, हम इसे पूरी तरह से नहीं कर सकते है l लेकिन जब हम प्रार्थना करते हैं और ईश्वर की योजनाओं में आराम करते हैं, तो क्या वह हमें दृढ़ रहने में मदद कर सकता है l उसमें, यह हमेशा प्रतीक्षा के लायक है l