दीवारें ढाही गयी, एकता मिली
1961 से, बर्लिन की दीवार के कारण परिवार और दोस्त अलग हो गए थे। उस वर्ष पूर्वी जर्मन सरकार द्वारा बनाए गए अवरोध ने उसके नागरिकों को पश्चिम जर्मनी की ओर भागने से रोक दिया। वास्तव में, 1949 से संरचना के निर्माण के दिन तक, यह अनुमान लगाया गया है कि 25 लाख से अधिक पूर्वी जर्मनी के लोग पश्चिम की ओर चले गए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन 1987 में दीवार पर खड़े हुए सुविदित रूप से कहा, "इस दीवार को गिरा दो।" उनके शब्दों में परिवर्तन का व्यापक/प्रत्यक्ष झलक दिखा जो 1989 में दीवाल के ढाहे जाने के परिणति के साथ हुआ—जिसके परिणामस्वरूप जर्मनी का हर्षोल्लासपूर्ण पुनर्मिलन हुआ।
पौलुस ने यीशु द्वारा गिराई गई "अलग करनेवाले दीवार" के बारे में लिखा (इफिसियों 2:14)। यह दीवार यहूदियों (परमेश्वर के चुने हुए लोग) और अन्यजातियों (अन्य सभी लोगों) के बीच मौजूद था। यरूशलेम में हेरोदेस महान द्वारा बनवाया गया और इसे प्राचीन मंदिर में विभाजन दीवार (सोरेग/soreg) द्वारा दर्शाया गया था। इसने अन्यजातियों को मंदिर के बाहरी आँगन से परे प्रवेश करने से रोकता था, हालाँकि वे भीतरी आँगन देख सकते थे। लेकिन यीशु यहूदियों और अन्यजातियों और परमेश्वर और सब लोगों के बीच "शांति" और पुनर्मिलन लाए। उन्होंने “क्रूस पर बैर को नाश करके,” “अलग करनेवाले दीवार को . . . ढा दिया” (पद.14,16)। “मेल-मिलाप का सुसमाचार” इसे मसीह में विश्वास द्वारा सब को एकजुट होना सम्भव बना दिया (पद.17-18)।
आज कई चीजें हमें बांट सकती हैं। चूँकि ईश्वर हमें वह प्रदान करता है जिसकी हमें आवश्यकता है, आइए हम यीशु में मिली शांति और एकता को जीने का प्रयास करें (पद.19-22)।
प्यार में सामना करना
उन्होंने कई काम अच्छा से किया, लेकिन एक समस्या थी। सभी ने इसे देखा। फिर भी क्योंकि वह अपना अधिकांश काम बहुत अच्छा से पूरी करता था, इसलिए उसका क्रोध के समस्या को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं किया गया। वास्तव में, उसका सामना कभी नहीं किया गया। दुख की बात है कि इसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में कई लोगों को चोट पहुंचा। और, अंत में, इसके कारण उसका कैरियर समय से पहले ही खत्म हो गया, जो मसीह में इस भाई का बहुत अच्छा हो सकता था। काश मैंने बहुत पहले ही प्रेम में उसका सामना किया होता।
प्रेम में किसी के पाप का सामना कैसे करना चाहिए, परमेश्वर इसका सही तस्वीर उत्पत्ति 4 में, प्रदान करते है। कैन क्रोधित हो गया। एक किसान होने के नाते उन्होंने,"यहोवा के पास भूमि की उपज में से कुछ भेंट ले आया"(पद 3)। लेकिन परमेश्वर ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह उसे जो लाया था वह स्वीकार्य नहीं था। कैन की भेंट को अस्वीकार कर दिया गया था और वह "अति क्रोधित हुआ, और उसके मुँह पर उदासी छा गई।" (पद 5) तो परमेश्वर ने उसका सामना किया और कहा, “तू क्यों क्रोधित हुआ?"(पद 6) उसने फिर कैन से कहा कि वह अपने पाप से मुड़ जाए और अच्छा और सही का पीछा करें। दुख की बात है कि कैन ने परमेश्वर के वचनों को अनदेखा किया और एक भयानक कार्य किया।(पद 8)
हालाँकि हम दूसरों को पापपूर्ण व्यवहार से दूर होने के लिए मजबूर नहीं कर सकते, लेकिन हम करुणापूर्वक उनका सामना कर सकते हैं। हम "प्रेम में सच्चाई" बोल सकते हैं ताकि हम दोनों " मसीह में बढ़ते जाएँ"( इफिसियों 4:15) और, जैसे परमेश्वर हमें सुनने के लिए कान देते हैं, हम दूसरों से सत्य के कठिन शब्द भी स्वीकार कर सकते हैं।
जानना और प्रेम करना
खेल लेखक जोनाथन जार्क्स ने अपने सशक्त लेख "क्या मेरा बेटा तुम्हें जानता है?" में टर्मिनल (अंतिम चरण का) कैंसर से अपनी लड़ाई और दूसरों द्वारा अपनी पत्नी और छोटे बेटे की अच्छी देखभाल करने की इच्छा के बारे में लिखा। चौंतीस वर्षीय व्यक्ति ने यह लेख अपनी मृत्यु से ठीक छह महीने पहले लिखा था। जार्क्स, यीशु में विश्वास करने वाले, जार्क्स जिसके पिता की मृत्यु तब हो गई थी जब वह एक युवा वयस्क थे, उन्होंने पवित्रशास्त्र से कुछ वचन साझा किये जो विधवाओं और अनाथों की देखभाल के बारे में बताते है (निर्गमन 22:22; यशायाह 1:17; जेम्स 1:27)। और अपने दोस्तों को निर्देश देते हुए उन्होंने लिखा कि, "जब मैं तुम्हें स्वर्ग में देखूंगा, तो केवल एक ही चीज पूछूंगा- क्या तुमने मेरे बेटे और मेरी पत्नी की अच्छी तरह देखभाल करी ? . . . क्या मेरा बेटा तुम्हें जानता है?”
राजा दाऊद ने सोचा कि “क्या शाऊल के घराने में से कोई अब तक बचा है जिसको मैं [अपने प्रिय मित्र] योनातन के कारण प्रीति दिखाऊँ" (2 शमूएल 9:1)। योनातन का बेटा, मपीबोशेत, जो एक दुर्घटना के कारण "दोनों पैरों से लंगड़ा" था (पद- 3) (देखें 4:4), को राजा के पास लाया गया। दाऊद ने उस से कहा, तेरे पिता योनातान के कारण मैं निश्चय तुझको प्रीति दिखाऊंगा। और तेरे दादा शाऊल की सारी भूमि तुझे फेर दूंगा, और तू मेरी मेज पर नित्य भोजन किया कर” (9:7)। दाऊद ने मपीबोशेत की प्रेमपूर्ण देखभाल दिखाई, और यह संभव है कि समय के साथ वह वास्तव में उसे जान भी गया होगा (देखें 19:24-30)।
यीशु ने हमें दूसरों से वैसे ही प्रेम करने के लिए बुलाया है जैसे वह हमसे प्रेम करता है (यूहन्ना 13:34)।और जिस तरह वह हमारे अंदर और हमारे माध्यम से कार्य करता है, उसी तरह हम भी दूसरों को सही मायने में अच्छी तरह से जानें और उनसे प्रेम करें।
अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना
2021 में एक इंजीनियर की इच्छा थी कि वह इतिहास में किसी से भी अधिक दूर तक तीर चलाये ओर एक नया रिकार्ड़ बनाये। इसलिये उसने 2028 फीट के रिकॉर्ड पर निशाना साधा। नमक के समतल पर अपनी पीठ के बल लेटे हुए, उसने अपने आप बनाये, पैर से चलाये जाने वाले धनुष की ड़ोरी को पीछे खींच लिया, और निशाना लगाने के लिए तैयार हो गया। उसे उम्मीद थी कि यह एक मील (5280 फीट) से अधिक की दूरी का एक नया रिकॉर्ड होगा। गहरी साँस लेकर उसने तीर छोड़ दिया। पर एक मील तो क्या वास्तव में वह एक फुट से भी कम दूरी तक ही गया – और उसके पैर में जा लगा —और ओह! उसने काफी नुकसान पहुँचाया।
कभी–कभी हम गलत महत्वकांक्षा के साथ लाक्षणिक (प्रतीकात्मक) रूप से अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार सकते हैं (अपना नुकसान कर सकते हैं)। याकूब और यूहन्ना जानते थे कि महत्वाकांक्षी रूप से कुछ अच्छा चाहने का क्या मतलब होता है,लेकिन गलत कारणों (उद्देश्य) के लिए। उन्होंने यीशु से माँगा, कि “तेरी महिमा में हम में से एक तेरे दहिने और दूसरा तेरे बांए बैठे।” (मरकुस 10:37)। यीशु ने शिष्यों से कहा था कि वे “बारह सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करेंगे।” (मत्ती 19:28) इसलिए यह देखना आसान है कि उन्होंने यह अनुरोध क्यों किया। समस्या ? वे स्वार्थी रूप से मसीह की महिमा में अपना ऊंचा दर्जा और शक्ति की तलाश कर रहे थे। यीशु ने उनसे कहा कि उनकी महत्वाकांक्षा गलत है (मरकुस 10:38) बरन “जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने।” (पद 43)।
जब हम मसीह के लिए अच्छे और महान कार्य करने का लक्ष्य रखते हैं, तो क्या हम उसकी बुद्धि और मार्गदर्शन की तलाश कर सकते हैं — विनम्रतापूर्वक दूसरों की सेवा करें जिस प्रकार मसीह ने बहुत ही अच्छी तरह से किया (पद 45)।
खुले स्थान ढूँढना
अपनी पुस्तक मार्जिन(Margin) में, डॉ. रिचर्ड स्वेन्सन लिखते हैं, “हमारे पास सांस लेने के लिए थोड़ी जगह होनी चाहिए l हमें सोचने के लिए स्वतंत्रता और चंगा करने के लिए अनुमति चाहिए l हमारे रिश्ते वेग/गति से भूखे मर रहे हैं . . . हमारे बच्चे धरती पर घायल हैं, हमारे उच्च गति वाले नेक इरादों से कुचले जा रहे हैं l क्या ईश्वर अब थकान का समर्थक है? क्या वह अब लोगों को शांत जल के पास नहीं ले जाता? अतीत के उन पूर्ण खुले स्थानों को किसने लूटा, और हम उन्हें कैसे वापस ला सकते हैं?” स्वेन्सन कहते हैं कि हमें जीवन में कुछ शांत, उपजाऊ “भूमि” की ज़रूरत है जहाँ हम ईश्वर में विश्राम पाएँ और उससे मिल सकें l
क्या वह गूंजता है? खुली जगहों की तलाश करना मूसा अच्छी तरह से जानता था l “हठीले” लोगों की अगुवाई करते हुए (निर्गमन 33:5), वह अक्सर परमेश्वर की उपस्थिति में विश्राम और मार्गदर्शन के लिए अलग जाता था l अपने “मिलापवाले तम्बू” (पद.7) में “यहोवा मूसा से इस प्रकार आमने-सामने बातें करता था, जिस प्रकार कोई अपने भाई से” (पद.11) l यीशु भी “जंगलों में अलग जाकर प्रार्थना किया करता था” (लूका 5:16) l दोनों ने पिता के साथ अकेले समय बिताने के महत्व को समझा l
हमें भी अपने जीवन में मार्जिन/गुंजाइश बनाना चाहिए, विश्राम में और ईश्वर की उपस्थिति में बिताए कुछ अधिक और खुले स्थान l उसके साथ समय बिताने से हमें बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी—हमारे जीवन में स्वस्थ सीमाएं और हदें ऐसी होंगी ताकि हमारे पास उसे और दूसरों को अच्छी तरह से प्यार करने के लिए बैंडविड्थ/bandwidth उपलब्ध हो l
आइए आज हम खुले स्थानों में ईश्वर की खोज करें l
व्यक्तिगत जिम्मेदारी
मैं जो महसूस कर रहा था मेरे मित्र के आँखों ने प्रकट किया—डर! हम दोनों किशोरों ने खराब व्यवहार किया था और अब शिविर निदेशक के सामने डर रहे थे। वह व्यक्ति, जो हमारे पिताओं को अच्छी तरह से जानता था, उसने प्यार से लेकिन स्पष्ट रूप से बताया कि हमारे पिता बहुत निराश होंगे। अपने अपराध के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी का भार महसूस करते हुए —हम मेज के नीचे छुपना चाह रहे थे।
परमेश्वर ने सपन्याह को यहूदा के लोगों के लिए एक संदेश दिया जिसमें पाप के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी के बारे में शक्तिशाली वचन था (सपन्याह 1:1, 6-7)। यहूदा के शत्रुओं के विरुद्ध जो न्याय लाएगा (अध्याय 2) का वर्णन करने के बाद वह, अपनी आँखें अपने दोषी, फुदकते लोगों की ओर फेरा (अध्याय 3)। “हाय बलवा करनेवाली और अशुद्ध और अंधेर से भरी हुई नगरी!” परमेश्वर ने घोषणा किया, “...परन्तु वे सब प्रकार के बुरे-बुरे काम यत्न से करने लगे।” (पद 7)।
उसने अपने लोगों के ठंडे हृदयों को देखा था—उनकी आत्मिक उदासीनता, सामाजिक अन्याय, और बदसूरत लालच—और वह प्रेमपूर्ण अनुशासन ला रहा था। और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि व्यक्ति "नेता," "न्यायाधीश," "भविष्यद्वक्ता" था (पद. 3-4)—हर कोई उसके सामने दोषी था।
प्रेरित पौलुस ने यीशु के उन विश्वासियों को जो पाप में बने रहे, निम्नलिखित लिखा, “पर अपनी कठोरता और हठीले मन के अनुसार उसके क्रोध के दिन के लिये, जिसमें परमेश्वर का सच्चा न्याय प्रगट होगा, अपने लिये क्रोध कमा रहा है। वह हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला देगा।” (रोमियों 2:5-6)। इसलिए, यीशु की सामर्थ में, आइए हम ऐसे तरीके से जिएं जो हमारे पवित्र, प्यारे पिता का सम्मान करे और हमें कोई पछतावा न हो।
स्वतंत्र आज्ञाकारिता
युवा किशोरी के चेहरे पर चिंता और शर्म झलक रही थी। 2022 के शीतकालीन ओलंपिक की ओर बढ़ते हुए, एक प्रसिद्ध स्केटर के रूप में उसकी सफलता बहुत बेजोड़ थी। एक के बाद एक मिली चैंपियनशिप की श्रृंखला ने उसे स्वर्ण पदक जीतने का कारण बना दिया था। लेकिन तभी एक जांच के नतीजे से उसके शरीर में एक अवैध (प्रतिबंधित)पदार्थ का पता चला। उम्मीदों और निंदा के भारी बोझ के दबाव के साथ, वह अपने फ्री–स्केट कार्यक्रम के दौरान कई बार गिरी और इसका परिणाम हुआ कि वह विजेता मंच पर खड़ी नहीं हुई— उसने कोई पदक नहीं जीता । घोटाले से पहले उसने बर्फ पर अपनी कला और रचनात्मकता का स्वतंत्र प्रर्दशन किया था, लेकिन अब नियम तोड़ने के आरोप ने उसके सपनों को कुचल दिया।
मानवता के शुरुआती दिनों से, जब हम अपनी स्वतंत्र इच्छा से चलते हैं तो परमेश्वर ने आज्ञाकारिता के महत्व को प्रकट किया है । अनाज्ञाकारिता ने आदम, हव्वा, और हम सभी के लिए विनाशकारी प्रभावों को जन्म दिया, क्योंकि पाप ने हमारे संसार को खंडित किया और मृत्यु का प्रवेश हुआ (उत्पत्ति 3:6–19) ऐसा नहीं होना चाहिए था। परमेश्वर ने आदम और हव्वा से कहा था, “तुम किसी भी वृक्ष का फल बेखटके खा सकते हो परन्तु एक का नहीं” (2:16–17)। यह सोचते हुए कि उनकी आंखें खुल जायेगीं, और वे परमेश्वर के तुल्य होंगे, उन्होंने मना किये गये अच्छे और बुरे के ज्ञान के वृक्ष में से खाया (3:5; 2:17) और इससे पाप, लज्जा और मृत्यु संसार में आई।
परमेश्र्वर अनुग्रह करके हमें स्वतंत्रता देते हैं और आनन्द लेने के लिए और बहुत सी अच्छी वस्तुओं को देते हैं (यूहन्ना 10:10) । प्रेम में वह हमें हमारी भलाई के लिए उसकी आज्ञा मानने के लिए भी कहते है। वह हमें आज्ञाकारिता चुनने और आनंद से भरा और शर्म से मुक्त जीवन पाने में मदद करे।
अनुग्रह और परिवर्तन
अपराध चौंकाने वाला था, और इसे करने वाले व्यक्ति को जेल में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद के वर्षों में, एकान्त कारावास में मनुष्य ने मानसिक और आध्यात्मिक चंगाई की प्रक्रिया शुरू की। यह पश्चाताप और यीशु के साथ एक बहाल रिश्ते की ओर ले गया। इन दिनों उन्हें अन्य कैदियों के साथ सीमित बातचीत की अनुमति दी गई है। और, परमेश्वर के अनुग्रह से, उसकी गवाही के द्वारा कुछ साथी कैदियों ने मसीह को उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण किया है—उसमें क्षमा पाकर।
मूसा, हालाँकि अब विश्वास के एक महान व्यक्ति के रूप में पहचाना जाता है, उसने एक चौंकाने वाला अपराध भी किया। जब उसने "एक मिस्री को एक इब्री को पीटते हुए" देखा, तब उसने "यहाँ और उस ओर" देखा और "मिस्री को घात किया" (निर्गमन 2:11-12)। इस पाप के बावजूद, परमेश्वर ने अपने अनुग्रह में अपने अपूर्ण सेवक के साथ कार्य समाप्त नहीं किया। बाद में, उसने अपने लोगों को उनके अत्याचार से मुक्त करने के लिए मूसा को चुना (3:10)। रोमियों 5:14 में, हम पढ़ते हैं, "तौभी आदम से लेकर मूसा तक मृत्यु ने उन लोगों पर भी राज्य किया, जिन्हों ने उस आदम के अपराध की नाईं जो उस आने वाले का चिन्ह है, पाप न किया। " परन्तु निम्नलिखित पदों में पौलुस कहता है कि "परमेश्वर का अनुग्रह" हमारे लिए संभव करता है, चाहे हमारे पिछले पाप कुछ भी क्यु न हों, हम उसके साथ परिवर्तित और सही किए जा सकते हैं (पद. 15-16)।
हम सोच सकते हैं कि हमने जो किया है वह हमें परमेश्वर की क्षमा को जानने और उसके सम्मान के लिए उपयोग किए जाने से अयोग्य बनाता है। लेकिन उनकी कृपा के कारण, यीशु में हम बदल सकते हैं और दूसरों को हमेशा के लिए बदलने में मदद करने के लिए स्वतंत्र हो सकते हैं।
सतह के नीचे
जोस, यीशु में एक युवा विश्वासी, अपने भाई के चर्च में जा रहा था। जैसे ही उसने सेवा से पहले पवित्र स्थान में प्रवेश किया, उसे देखते ही उसके भाई का चेहरा उतर गया। जोस के टैटू, दोनों बाहों को ढंकते हुए, टी-शर्ट पहनने के कारण से दिखाई दे रहे थे। उसके भाई ने उसे घर जाने और एक लंबी बाजू की शर्ट पहनने को कहा, क्योंकि जोस के कई टैटू उसके अतीत के तौर-तरीकों को दर्शाते थे। जोस को अचानक गंदा लगा। लेकिन एक अन्य व्यक्ति ने भाइयों की बातचीत सुन ली और जोस को पादरी के पास लाया, उसे बताया कि क्या हुआ था। पादरी मुस्कुराय और अपनी कमीज के बटन खोल दिए, जिससे उनकी छाती पर एक बड़ा सा टैटू दिखाई दे रहा था—जो उनके अपने अतीत का था। उन्होंने जोस को आश्वासन दिया कि क्योंकि परमेश्वर ने उसे अंदर बाहर से शुद्ध किया है, उसे अपनी बाहों को ढंकने की जरूरत नहीं है।
दाऊद ने परमेश्वर द्वारा शुद्ध किए जाने के आनंद का अनुभव किया था। उसके सामने अपने पाप का अंगीकार करने के बाद, राजा दाऊद ने लिखा, “क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढ़ापा गया हो!” (भजन संहिता 32:1 एनएलटी)। वह अब दूसरों के साथ “आनन्द से जयजयकार” कर सकता था “जिनके हृदय शुद्ध हैं!” (वी। 11 एनएलटी)। प्रेरित पौलुस ने बाद में रोमियों 4:7-8 में भजन संहिता 32:1-2 को उद्धृत किया, एक भाग जो बताता है कि यीशु में विश्वास उद्धार और उसके सामने एक शुद्ध प्रस्तुत होने की ओर ले जाता है (रोमियों 4:23-25 देखें)।
यीशु में हमारी पवित्रता सतह से कहीं अधिक है, क्योंकि वह हमारे हृदयों को जानता और शुद्ध करता है (1 शमूएल 16:7; 1 यूहन्ना 1:9)। आज हम उसके शुद्धिकरण के कार्य में आनन्दित हों।