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Articles by विन्न कॉलियर

स्वतंत्रता का परमेश्वर

राष्ट्रपति अब्राहन लिंकन ने गुलामी में रखे गए लोगों को ढाई वर्ष पहले मुक्त कराया था और विपक्ष ने आत्मसमर्पण कर दिया था, फिर भी टेक्सास राज्य ने अभी भी गुलाम लोगों की स्वतंत्रता को स्वीकार नहीं किया था l हालाँकि, 19 जून, 1865 को, गार्डन ग्रेज़र नामक सेना के एक सेनापति ने टेक्सास के एक शहर में प्रवेश किया और मांग की कि सभी गुलाम व्यक्तियों को रिहा कर दिया जाए l उस आश्चर्य और ख़ुशी की कल्पना कीजिए जब बेड़ियाँ टूट गयीं और बंधन में पड़े लोगों ने आजादी की घोषणा सुनी l 

परमेश्वर उत्पीड़ितों को देखता है, और अंततः वह अन्याय के बोझ तले दबे लोगों के लिए आज़ादी की घोषणा करेगा l यह अब भी उतना ही सच है जितना मूसा के दिनों में सच था l परमेश्वर ने एक जलती हुयी झाड़ी से उसे एक जरुरी सन्देश के साथ दर्शन दिए : “मैंने अपने प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं, उनके दुःख को निश्चय देखा है” (निर्गमन 3:7) l उसने न केवल इस्राएल के विरुद्ध मिस्र की क्रूरता देखी—बल्कि उसने इसके बारे में कुछ करने की योजना भी बनायी l परमेश्वर ने घोषणा की, “अब मैं उतर आया हूँ कि उन्हें . . . एक अच्छे और बड़े देश में . . . पहुंचाऊं” (पद.8) l उसका मकसद इस्राएल को आजादी की घोषणा करने का था, और मूसा उसका मुखपत्र/प्रवक्ता होगा l “मैं तुझे फिरौन के पास भेजता हूँ कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए” (पद.10) l 

हालाँकि परमेश्वर का समय उतनी जल्दी नहीं आएगा जितनी हम आशा करते हैं, एक दिन वह हमें सभी बन्धनों और अन्याय से मुक्त करेगा l वह उन सभी को आशा और मुक्ति देता है जो उत्पीड़ित हैं l 

 

खिलते रेगिस्तान

एक सदी पहले इथियोपिया के लगभग 40 प्रतिशत हिस्से में हरे-भरे जंगल थे, लेकिन आज यह लगभग 4 प्रतिशत रह गया है। फसलों के लिए रकबा साफ़ रहते हुए पेड़ों की रक्षा करने में विफल होने से  पारिस्थितिक संकट पैदा हो गया। हरे रंग के शेष छोटे-छोटे हिस्सों का अधिकांश हिस्सा चर्चों द्वारा संरक्षित है। सदियों से, स्थानीय इथियोपियाई रूढ़िवादी तेवाहिडो चर्चों ने बंजर जंगल के बीच में इन मरूद्यानों का पोषण किया है। यदि आप इसकी हवाई छविये देखें, तो आपको भूरे रेत से घिरे हरे-भरे द्वीप दिखाई देंगे। चर्च के अगुवे इस बात पर जोर देते हैं कि पेड़ों की देखभाल करना परमेश्वर की रचना के प्रबंधक के रूप में उनकी आज्ञाकारिता का हिस्सा है।

भविष्यवक्ता यशायाह ने इस्राएल को लिखा, जो एक मरू भूमि में रहते थे जहां नंगे रेगिस्तान और क्रूर सूखे का खतरा था। और यशायाह ने भविष्य की परमेश्वर की योजना का वर्णन किया, जहां “जंगल और सूखी भूमि आनन्दित होगी; जंगल आनन्दित और फूलेगा”(यशायाह 35:1)। परमेश्वर की यह मंशा है कि वह अपने लोगों को चंगा करे, लेकिन वह पृथ्वी को भी चंगा करना चाहता है। वह "नए आकाश और नई पृथ्वी का सृजन करेगा" (65:17)। परमेश्वर की नवीकृत दुनिया में, "रेगिस्तान फूलों से खिल उठेगा" (35:2 NIRV)।

सृष्टि के प्रति ईश्वर की देखभाल - जिसमें लोग भी शामिल हैं - हमें भी इसकी देखभाल करने के लिए प्रेरित करती है। हम उसकी परम योजना के साथ तालमेल बिठाकर जी सकते हैं जो की एक चंगा और निरोग संसार है - उसकी सृष्टि के रखवाले बनकर। हम सभी प्रकार के रेगिस्तानों को जीवन और सुंदरता से भरपूर बनाने में परमेश्वर के साथ शामिल हो सकते हैं।

 

यीशु — सच्चा शांतिदूत

30 दिसंबर, 1862 को अमेरिकी गृह युद्ध छिड़ गया। विरोधी सैनिकों ने एक नदी के विपरीत किनारों पर सात सौ गज की दूरी पर डेरा डाला। जैसे ही उन्होंने कैम्प फायर के आसपास खुद को गर्म किया, एक तरफ के सैनिकों ने अपने वायलिन और हारमोनिका उठाए और "यांकी डूडल" नामक धुन बजाना शुरू कर दिया। जवाब में, दूसरी तरफ के सैनिकों ने "डिक्सी" नामक धुन पेश की। उल्लेखनीय रूप से, दोनों पक्ष एक साथ मिलकर "होम, स्वीट होम" बजाते हुए समापन समारोह में शामिल हुए। अंधेरी रात में शत्रुओं ने संगीत साझा किया, एक अकल्पित शांति की झलक। हालाँकि, मधुर संघर्ष विराम अल्पकालिक था। अगली सुबह, उन्होंने अपने संगीत वाद्ययंत्र बंद कर दिए और अपनी राइफलें उठा लीं और 24,645 सैनिक मारे गए।

शांति स्थापित करने के हमारे मानवीय प्रयास अनिवार्य रूप से कमजोर पड़ रहे हैं। शत्रुताएँ एक स्थान पर समाप्त हो जाती हैं, और कहीं ओर भड़क उठती हैं। एक संबंधपरक विवाद में सामंजस्य स्थापित हो जाता है, लेकिन महीनों बाद फिर से संकट में फंस जाता है। शास्त्र हमें बताते हैं कि परमेश्वर ही हमारा एकमात्र भरोसेमंद शांति निर्माता है। यीशु ने स्पष्ट रूप से कहा, “तुम्हें मुझ में… शान्ति मिले” (16:33)। हमें यीशु में शांति है। जबकि हम उनके शांति निर्माण मिशन में भाग लेते हैं, यह परमेश्वर का मेल-मिलाप और नवीनीकरण है जो वास्तविक शांति को संभव बनाता है।

मसीह हमें बताते हैं कि हम संघर्ष से बच नहीं सकते। यीशु कहते हैं, “इस संसार में [हमें] क्लेश होंगे।” कलह बहुत है, "परन्तु ढाढ़स बाँधो!" वह आगे कहते हैं, "मैं ने संसार को जीत लिया है" (पद 33)। जबकि हमारे प्रयास अक्सर निरर्थक साबित होते हैं, हमारा प्यारा परमेश्वर (पद 27) इस अस्थिर दुनिया में शांति बनाता है।

 

शहर में आनंद

जब फ्रांस और अर्जेंटीना 2022 विश्व कप फाइनल में मैच खेले, तो यह एक अविश्वसनीय प्रतियोगिता थी जिसे कई लोगों ने "इतिहास का सबसे महान विश्व कप मैच" करार दिया। जैसे ही अतिरिक्त समय में अंतिम सेकंड समाप्त हुए, स्कोर 3-3 से बराबर हो गया, जिससे फुटबॉल टीमों को पेनल्टी किक का सामना करना पड़ा। अर्जेंटीना के विजयी गोल करने के बाद पूरा देश जश्न में डूब गया। दस लाख से अधिक अर्जेंटीनी लोगों ने ब्यूनस आयर्स शहर पर कब्ज़ा कर लिया। ड्रोन फ़ुटेज सोशल मीडिया पर फैल गया जिसमें यह कर्कश, आनंद भरा दृश्य दिखाई दे रहा है। बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे शहर " आनंद के विस्फोट" से कांप उठा। 

आनंद हमेशा एक अद्भुत उपहार है। हालाँकि, नीतिवचन में यह वर्णन किया गया है कि कैसे एक शहर, एक लोग, उस आनंद का अनुभव कर सकते हैं जो और भी गहरा होता है और लंबे समय तक रहता है। नीतिवचन कहता है, "जब धर्मी लोग समृद्ध होते हैं, तो नगर आनन्दित होता है" (11:10)। जब जो लोग वास्तव में मानवता के लिए परमेश्वर की योजनाओं के अनुसार जीते हैं, वे किसी समुदाय को प्रभावित करना शुरू करते हैं, तो यह अच्छी खबर का संकेत देता है क्योंकि इसका मतलब है कि परमेश्वर का न्याय ज़ोर पकड़ रहा है। लालच कम हो जाता है, गरीबों को सहारा मिलता है, उत्पीड़ितों की रक्षा की जाती है। जब भी परमेश्वर के अनुसार जीवन जीने का सही तरीका फलता-फूलता है, तब वह शहर में आनंद और "आशीर्वाद" होता है (पद 11)।

यदि हम वास्तव में परमेश्वर के मार्गों पर चल रहे हैं, तो परिणाम सभी के लिए अच्छी खबर होगी। हम जिस तरह से रहेंगे वह हमारे आसपास के समुदाय को बेहतर और अधिक संपूर्ण बनाएगा। परमेश्वर हमें दुनिया को ठीक करने के अपने काम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हैं। वह हमें शहर में आनंद लाने के लिए आमंत्रित करता है।

 

बुनियादी बातों को भूलना

दशकों तक, मैकडॉनल्ड्स ने अपने क्वार्टर पाउंडर (एक चौथाई) बर्गर के साथ फास्ट फूड पर राज किया। 1980 के दशक में, एक प्रतिद्वंद्वी कंपनी ने मैकडॉनल्ड्स कंपनी को शिखर से हटाने का एक बेहतरीन उपाय सोचा। A&W ने थर्ड पाउंड (एक तिहाई) बर्गर की पेशकश की – जो मैकडॉनल्ड्स से भी बड़ा था - और उसे उसी कीमत पर बेचा । इससे भी अधिक, A&W बर्गर ने कई अंध-स्वाद वाले परीक्षण (एक उत्पाद नमूनाकरण विधि जिसमें लोगों को मूल्यांकन किए जा रहे ब्रांड के बारे में जानकारी नहीं होती है) भी जीते। लेकिन बर्गर बुरी तरह असफ़ल रहा उसे किसी ने भी नहीं खरीदा I आख़िरकार, उन्होंने इसे भोजनसूची(मेन्यु) से हटा दिया। खोज करने से पता चला कि उपभोक्ताओं ने हिसाब गलत लगाया और सोचा कि थर्ड पाउंड बर्गर क्वार्टर पाउंडर से छोटा है। एक बहुत ही शानदार विचार विफल हो गया क्योंकि लोग बुनियादी बातों से चूक गए।

यीशु ने चेतावनी दी कि बुनियादी बातों को भूल जाना कितना आसान है। धार्मिक नेताओं ने, जिस सप्ताह उन्हें क्रूस पर चढ़ाने की, और उन्हें फंसाने और बदनाम करने की योजना बनाई, एक महिला के बारे में एक अजीब, काल्पनिक दृश्य प्रस्तुत किया जो सात बार विधवा हो चुकी थी (मत्ती 22:23-28)। यीशु ने, इस बात पर जोर देते हुए उनसे कहा कि यह जटिल दुविधा कोई समस्या नहीं थी। बल्कि, उनकी समस्या यह थी कि वे "पवित्रशास्त्र और परमेश्वर की सामर्थ्य को नहीं जानते”( पद- 29)। यीशु ने ज़ोर देकर कहा कि धर्मग्रंथों का प्राथमिक उद्देश्य तार्किक या दर्शन-शास्‍त्र संबंधी पहेलियों का उत्तर देना नहीं है। बल्कि, उनका प्राथमिक उद्देश्य हमें यीशु को जानने और उनसे प्यार करने और उनमें "अनन्त जीवन पाने" के लिए प्रेरित करना है (यूहन्ना 5:39)। ये वे बुनियादी बातें हैं जिन्हें अगुवे भूल गए।

हम भी अक्सर बुनियादी बातें भूल जाते हैं। बाइबल का मुख्य उद्देश्य जीवित यीशु से मुलाकात करना है। इससे चूकना दिल तोड़ देने वाला होगा।

सुखद विश्वास

दया मृत्यु( मानवीय तरीके से मारना) दिए जाने से कुछ दिन पहले एक महिला ने रूडी को एनिमल शेल्टर (पशु आश्रय स्थल) से बचाया; और कुत्ता उसका साथी बन गया। दस साल तक, रूडी लिंडा के बिस्तर के पास शांति से सोया, लेकिन फिर वह अचानक उसके बगल में कूदने लगा और उसका चेहरा चाटने लगा। लिंडा ने उसे डांटा, लेकिन हर रात रूडी ने वही व्यवहार दोहराया। लिंडा ने कहा, "जैसे ही मैं बैठती थी वह मेरे चेहरे को चाटने के लिए मेरी गोद में कूदने लगता था।"

जब वह रूडी को ओबेडीइएंस (आज्ञापालन) स्कूल में ले जाने की योजना बना रही थी, तभी उसने विचार करना शुरू किया कि रूडी कितना जिद्दी था और कैसे वह हमेशा उसके जबड़े पर एक ही स्थान पर उसे चाटता था। थोड़ी झेंपते हुए, लिंडा एक डॉक्टर के पास गई जिसने उसे बताया कि उसे उसकी जाँच में माइक्रोस्कोपिक ट्यूमर (हड्डी का कैंसर) मिला। डॉक्टर ने लिंडा से कहा कि अगर वह अधिक देर तक इंतजार करती तो शायद उसकी मौत हो जाती। लिंडा ने रूडी की स्वाभाविक प्रवृत्ति पर भरोसा किया था और वह खुश थी कि उसने ऐसा किया ।

पवित्र शास्त्र हमें बार-बार बताता हैं कि परमेश्वर पर भरोसा करने से जीवन और आनंद मिलता है। भजनकार कहता है, ''क्या ही धन्य है वह पुरुष जो यहोवा पर भरोसा करता है।'' (40:4)। कुछ अनुवाद इस बात को और भी स्पष्ट करते हैं: "खुश हैं वे जो प्रभु पर भरोसा करते हैं" (पद- 4 NRSV)। भजन संहिता में खुशी बहुतायत के बारे में बताती है – जो है एक भड़कने वाली, उत्साहपूर्ण खुशी है ।

जब हम परमेश्वर पर भरोसा करते हैं, तो अंतिम परिणाम गहरी, वास्तविक खुशी होती है। यह विश्वास आसानी से नहीं आ सकता है, और परिणाम वह नहीं होंगे जो हम कल्पना करते हैं। फिर भी हम बहुत खुश होंगे की हमने परमेश्वर पर भरोसा किया । 

परमेश्वर जो दें उसका इस्तेमाल करना

ऑस्ट्रेलिया में ब्रिस्बेन सिटी हॉल 1920 के दशक की चकित कर देने वाला एक परियोजना थी। सफ़ेद सीढ़ियाँ उसी खदान के संगमरमर से बनी हैं जिसका उपयोग माइकल एंजेलो ने अपनी डेविड स्कल्पचर (दाउद मूर्ति) के लिए किया था। टावर (मीनार) वेनिस के सेंट मार्क बेसिलिका को प्रतिबिंबित करता था, और तांबे का गुंबद दक्षिणी गोलार्ध (southern hemisphere) में सबसे बड़ा था। बिल्डरों का इरादा शिखर को सजाने के लिए एक विशाल शांति दूत बनाने का था;   लेकिन इसमें एक समस्या थी: पैसे नहीं बचे। प्लम्बर फ्रेड जॉनसन बचाव के लिए आए। उन्होंने लगभग एक सौ वर्षों से टॉवर की शोभा बढ़ाने वाले प्रतिष्ठित गोले को तैयार करने के लिए एक टॉयलेट सिसर्न(टंकी), एक पुराने लैंप पोस्ट (बत्ती का खंभा) और स्क्रैप धातु (रद्दी सामानजिसमें प्रयुक्त माल से दोबारा कुछ बनाया जा सके) के टुकड़ों का उपयोग किया।

फ्रेड जॉनसन के पास जो कुछ भी था उन्होंने उसका उपयोग किया हम भी उन्ही की तरह, जो कुछ भी हमारे पास है - बड़ा या छोटा – उसके साथ परमेश्वर के काम में शामिल हो सकते हैं। जब परमेश्वर ने मूसा से इस्राएल को मिस्र से बाहर निकालने के लिए कहा, तो मूसा ने यह कह कर टालना चाहा कि: “यदि वे मेरा विश्वास नहीं करेंगे .......और न मेरी सुनेंगे?" (4:1) तब परमेश्वर ने एक सरल प्रश्न के साथ उत्तर दिया: “तेरे हाथ में वह क्या है?" (पद- 2)I मूसा के पास एक लाठी, एक साधारण लकड़ी थी। परमेश्वर ने उससे लाठी को ज़मीन पर फेंकने के लिए कहा, "तब वह सर्प बन गयी" (पद-3)। तब उन्होंने मूसा को सर्प को उठाने का आदेश दिया, और वह फिर से लाठी बन गयी। परमेश्वर ने मूसा को समझाया कि, उसे बस इतना ही करना था कि वह लाठी उठाए और बाकी काम करने के लिए उन पर भरोसा करे। वह उल्लेखनीय रूप से इस्राएल को मिस्रियों से बचाने के लिए मूसा के हाथ में मौजूद उस लाठी का उपयोग करेंगे (7:10–12; 17:5–7)। 

हमारे पास जो कुछ है वह शायद हमें काफी न लगे, लेकिन परमेश्वर के लिए, हमारे

साथ में बेहतर

एक फोटोग्राफर ने स्टारलिंग(गहरे रंग का एक छोटा पक्षी) और उनके मनमोहक दृश्य, जिसे गुनगुनाना(murmurations) कहा जता है, की तस्वीरें खींचने में कई साल बिताए, जहाँ हज़ारों स्टारलिंग आकाश में तरल गति से उड़ते हैं l एक नियोजित, घूमती हुए लहर या नमूना/पैटर्न के बहुरूपदर्शक(kaleidoscope) में बहते हुए एक विशाल, गहरे ब्रुशस्ट्रोक (brushstroke) के नीचे बैठने जैसा है l डेनमार्क में, वे इस अस्फुट भाषा/गुनगुनाने वाले अनुभव को ब्लैक सन(Black Sun) कहते हैं l सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि कैसे स्टारलिंग पक्षी सहज रूप से अपने निकटतम साथी का अनुसरण करते हैं, इतने करीब उड़ते हैं कि अगर कोई चूक जाए, तो उन्हें बड़े पैमाने पर आपदा का सामना करना पड़ेगा l हालाँकि, स्टारलिंग एक दूसरे की रक्षा के लिए अस्फुट भाषा का उपयोग करते हैं l जब एक बाज़ नीचे आता है, तो ये छोटे जिव सामूहिक रूप से आगे बढ़ते हैं, शिकारी को पीछे छोड़ते हैं जो अकेले होने पर उन्हें आसानी से उठा ले जा सकता है l 

हम अकेले होने की तुलना में एक साथ बेहतर हैं l सभोपदेशक कहता है, “एक से दो अच्छे हैं . . . क्योंकि यदि उनमें से एक गिरे, तो दूसरा उसको उठाएगा . . फिर यदि दो एक संग सोएँ तो वे गर्म रहेंगे” (4:9-11) l अकेले, हम अलग-थलग हैं और आसान शिकार हैं l हम दूसरों के आश्वासन या सुरक्षा के बिना असुरक्षित हैं l 

लेकिन साथियों के साथ हम मदद देते और लेते हैं l सभोपदेशक कहता हैं, “यदि कोई अकेले पर प्रबल हो तो हो, परन्तु दो उसका सामना कर सकेंगे l जो डोरी तीन तागे से बटी हो वह जल्दी नहीं टूटती” (पद.12) l हम एक साथ बेहतर हैं क्योंकि ईश्वर हमारी अगुवाई करता है l 

बेकार चीज़ों (फेंकी हुई) से सौंदर्य

मेरी पत्नी मिस्का के पास इथियोपिया का एक हार और चक्करदार बालियां हैं। उनकी सुन्दर सादगी वास्तविक कला को प्रकट करती है। हालाँकि, इन  के बारे में सबसे आश्चर्यजनक बात उनकी कहानी है। दशकों के भीषण संघर्ष और गृह युद्ध के कारण, इथियोपिया का भूगोल बेकार हो चुके तोपखाने के गोलों और कारतूसों से भरा पड़ा है।इथियोपियाई लोग आशा के एक कार्य के रूप में, जली हुई धरती को छानते हैं (साफ करना),और कूड़ा-कचरा साफ करते हैं।और कारीगर गोले और कारतूसों के बचे हुये हिस्सों से (अवशेषों) सेआभूषण बनाते हैं।

जब मैंने यह कहानी सुनी, तो मैंने मीका द्वारा साहसपूर्वक परमेश्वर के वादे की घोषणा की गूँज सुनी। एक दिन, भविष्यवक्ता ने घोषणा की, लोग "अपनी तलवारें पीटकर हल के फाल, और अपने भालों से हंसिया बनाएंगे" (4:3)। मारने और अपंग करने के लिए बनाए गए उपकरण, परमेश्वर की शक्तिशाली कार्रवाई के कारण, जीवन का पोषण करने के लिए बनाए गए उपकरणों में बदल जाएंगे। परमेश्वर के आने वाले दिन में, भविष्यवक्ता ने जोर देकर कहा, "तब एक जाति दूसरी जाति के विरूद्ध तलवार फिर न चलाएगीऔर लोग आगे को युद्ध विद्या न सीखेंगे।" (पद3)।

मीका की घोषणा की उसके समय में कल्पना करना हमारे समय से अधिक कठिन नहीं था। पुराने इस्राएल की तरह, हम हिंसा और युद्ध का सामना करते हैं, और यह असंभव लगता है कि दुनिया कभी भी बदल सकती है। लेकिन परमेश्वर ने हमसे वादा किया है कि उनकी दया और इलाज से, यह आश्चर्यजनक दिन आ रहा है। तो फिर, हमें अब इस सत्य को जीना शुरू करें। परमेश्वर अब भी अपना काम करने में हमारी मदद करते हैं, बेकार चीज़ों को सुंदर चीज़ों में बदलते हैं।