हमारे जीवनों में कभी कभार ही समस्या मुक्त समय होता है, किन्तु आक्रमण कभी-कभी भयावह होता है।
रोज़ ने 1994 में रुआण्डा के जातिसंहार में अपने दो छोटी बेटियों के सिवाय अपने पूरे परिवार का वध होते देखा। इस समय अनेक विधवाओं के मध्य वह भी एक निर्धन विधवा है। किन्तु वह हार माननेवाली नहीं है। उसने दो अनाथ बच्चों को गोद लेकर पाँच लोगों के परिवार में भोजन और स्कूल फीस के लिए परमेश्वर पर निर्भर है। मसीही साहित्य का अनुवाद एक स्थानीय भाषा में करती है और दूसरी विधवाओं के लिए वार्षिक सम्मेलन आयोजित करती है। अपनी कहानी बताते समय रोज़ रोने लगी। उसके जीवन की हर समस्या का एक सरल उपाय है। “इसके लिए, “उसने कहा, “मेरे पास यीशु है।“
परमेश्वर स्पष्ट जानता है आप किसका सामना कर रहे हैं। यशायाह ताकीद देता है कि हमारे विषय परमेश्वर का ज्ञान इतना अन्तरंग है, जैसे उसकी हथेली पर हमारा नाम खुदा हुआ है(यशा. 49:16)। हम कभी-कभी दूसरों की जरुरतें भूल जाते हैं, हमारे निकट के लोगों की भी, किन्तु परमेश्वर हमारी हर जरुरत जानता है। और उसने हमारे मार्गदर्शन, सांत्वना, और सामर्थ हेतु पवित्र आत्मा दिया है।
इस समय उन चुनौतियों पर विचार करें जो आपके सामने हैं, और उसकी विश्वासयोग्यता एवं देखभाल को याद करके प्रत्येक के सामने ये शब्द लिख दें: “इसके लिए मेरे पास यीशु है।“