प्रतिवर्ष हमारा वनस्पतिक उद्यान सम्पूर्ण विश्व में एक क्रिसमस उत्सव आयोजित करता है l मेरी प्रिय प्रदर्शन फ़्रांसिसी क्रिसमस है l चरनी के चारों ओर गड़ेरिये और उपहारों संग ज्योतिषियों के पारम्परिक दृश्य से हटकर इसमें फ़्रांसिसी ग्रामीण बालक यीशु को रोटी, दाखरस, पनीर, फूल, आदि उपहार अर्पित करते हैं जो परमेश्वर ने उन्हें उपजाने में सहायता की है l यह मुझे प्रभु के भवन में अपने मेहनत का प्रथम फल लाने की पुराने नियम की आज्ञा स्मरण कराती है (यहे. 23: 16-19) l क्रिसमस का यह चित्रण वर्णन करता है कि सब कुछ परमेश्वर ने दिया है, और हम उसमें से ही उसे कुछ दे सकते हैं l
जब पौलुस ने रोमियों से स्वयं को जीवित बलिदान करके परमेश्वर को अर्पित करने को कहा, वह उन्हें अपने को परमेश्वर को लौटाने को कह रहा था (रोमि. 12:1) l इसमें वे उपहार सम्मिलित थे जो उसने उन्हें दी थी, जीविकोपार्जन की क्षमता भी l हम जानते हैं परमेश्वर लोगों को विशेष योग्यता देता है l कोई, दाऊद की तरह, कुशल संगीतज्ञ (1 शमू.16: 18), कुछ, बसलेल और ओहोलीआब, की तरह कलात्मक कार्यों में कुशल कारीगर थे (निर.35:30-35) l दुसरे लेखन, शिक्षण, बागवानी, आदि बातों में कुशल होते हैं l
जब हम परमेश्वर को लौटाते हैं जो उसने पहले हमें दिया हैं, हम उसे सम्पूर्ण उपहार अर्थात अपने को देते हैं l