मैं अपने कोरियाई फिल्म कलाकार के ट्विटर पृष्ठ पर उसे नोट लिखना चाही l मैंने सर्वोत्तम संदेश लिखकर उत्तर का इंतज़ार किया l उनकी तरह के कलाकार के पास प्रतिदिन बहुत प्रशंसकों के पत्र आते हैं l फिर भी, उत्तर की उम्मीद थी l किन्तु मैं निराश हुई l
धन्यवाद हो, हम जानते हैं परमेश्वर उत्तर देता है l वह “परमप्रधान” और “सर्वशक्तिमान” है (भजन 91:1) l उसका आसन ऊंचा और सामर्थ्य असीमित, फिर भी हमारी पहुँच में l परमेश्वर नेवता देता है : “मुझे पुकारो, मैं सुनूंगा” (पद.15) l
एक प्राचीन दंत-कथानुसार एक राजा ने बुनकरों से अपने लिए चित्रयवनिका (tapestry) और वस्त्र बुनने को कहा l राजा ने बुनकरों को रेशम और नमूना देकर किसी भी कठिनाई में तुरंत उसकी सहायता लेने का सख्त निर्देश दिया l एक युवा बुनकर आनंदित और सफल था जबकि दूसरे हमेशा कठिनाई का अनुभव कर रहे थे l अपनी सफलता पर उसने कहा, “क्या आपने ध्यान दिया मैंने कितनी बार राजा को पुकारा?” उनका उत्तर था, “हाँ, किन्तु वह बहुत व्यस्त है, और हमने सोचा उसे बार-बार परेशान करना ठीक नहीं l” युवक का उत्तर था, “मैंने उसकी बात मानी, और उसने हमेशा प्रसन्नता से मेरी मदद की!”
हमारा परमेश्वर उस राजा की तरह किन्तु उससे कहीं महान l वह प्रेमी है और हमारी सबसे छोटी ज़रूरत और धीमी फुसफुसाहट के विषय भी चिंतित l