जब मेरी बेटी ने मुझे अपने स्कूल के भोजनालय की समस्या बताई, मैंने तुरंत उसका हल खोजने पर विचार किया l किन्तु तब ही एक दूसरा विचार आया l संभवतः परमेश्वर ने ऐसा होने दिया कि वह उसे कार्य करते हुए देख सके और उसे बेहतर जान सके l उसे बचाने के स्थान पर, मैंने उसके लिए प्रार्थना करने का निर्णय किया l समस्या मेरे बिना समाप्त हो गई!
यह स्थिति मेरी छोटी बेटी को बताती है कि परमेश्वर उसकी चिंता करता है, कि वह उसकी प्रार्थना सुनता है l बाइबिल बताती है कि बचपन में यह पाठ सीखना महत्वपूर्ण है l यदि हम “[बच्चे] को उसी मार्ग की शिक्षा दें जिसमें उसको चलना चाहिए, और वह बुढ़ापे में भी उससे न हटेगा” (नीति. 22:6) l जब हम बच्चों को यीशु और उसकी सामर्थ्य के विषय अवगत् कराते हैं, हम उनको भटक जाने की अवस्था में एक आश्रय देते हैं और उनके सम्पूर्ण जीवन की आत्मिक उन्नत्ति हेतु एक आधार l
एक बच्चे में विश्वास जगाने पर विचार करें l प्रकृति में परमेश्वर की अभिकल्पना दर्शाएँ, परमेश्वर की सहायता की कहानी बताएँ, या बातें सही होने पर बच्चे को अपने साथ धन्यवाद देने हेतु आमंत्रित करें l परमेश्वर आपके द्वारा सभी पीढ़ियों को उसकी भलाई घोषित करने में उपयोग करेगा l