सर्जिकल टेक्नोलॉजी इंटरनेशनल दैनिकी के एक लेखानुसार अपनी गर्दन झुकाकर एक स्मार्ट फोन को देखना अपनी गर्दन पर 60 पौंड वजन उठाने के बराबर है l संसार के लाखों लोग प्रतिदिन 2-4 घंटे फोन में सन्देश पढ़ने और उससे सन्देश भेजने में लगाते हैं, जिसका परिणाम गर्दन और रीढ़ में हानि है जो स्वास्थ्य की एक बढ़ती चिंता है l

आत्मिक रूप से जीवन के बोझ से झुक जाना भी सरल है l कितनी बार हम समस्याओं से जिनका सामना हम करते हैं और अपने प्रेम करनेवालों की ज़रूरतों से निराश हो जाते हैं l भजनकार चिंता के इस बोझ को समझ गया फिर भी आशा को देखकर “स्वर्ग और पृथ्वी, और समुद्र, और उनमें जो कुछ है, [के सृष्टिकर्ता] के विषय लिखा; – [जो] अपना वचन सदा के लिए पूरा करता रहेगा l वह पिसे हुओं का न्याय चुकता है; और भूखों को रोटी देता है l … यहोवा झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है; यहोवा धर्मियों से प्रेम रखता है” (भजन 146:6-8) l

जब हम परमेश्वर की चिंता, उसकी महान सामर्थ्य, और उसके प्रेमी हृदय पर विचार करते हैं, हम अपने सिर उठाकर उसकी प्रशंसा कर सकते हैं l हम यह जानकार कि यहोवा सदा के लिए, … राज्य करता रहेगा (पद.10), पूरा दिन बिता सकते हैं l

जब हम झुके होते हैं वह हमें उठता है l प्रभु की प्रशंसा हो!