मुझे नहीं मालूम ये लोग मुझे कैसे खोज लेते हैं, किन्तु ई-मेल द्वारा लोग मुझे ख़ास अवसरों पर निमंत्रित करके सेवानिवृति का लाभ बताना चाहते हैं l यह अनेक वर्ष पहले हुआ जब मुझे सेवानिवृतों के लिए कार्य करनेवाली एक संस्था में, कार्य करने का निमंत्रण मिलने लगे l यह ताकीद एक ही बात कहते हैं : “आप वृद्ध हो रहे हैं l तैयार हो जाएँ!”

मैंने सब की उपेक्षा की है, किन्तु जल्द ही मुझे इनमें से किसी एक सभा में जाना होगा l मुझे इनके सलाहों पर क्रिया करना होगा l

कभी-कभी मैं वचन की बुद्धिमत्ता में समान ताकीद पाता हूँ l हम जानते हैं कि हमारे विषय परिच्छेद सच है, किन्तु हम अभी प्रतिउत्तर देने के लिए तैयार नहीं हैं l शायद रोमियों 14:13 के सामान परिच्छेद हो सकता है, “हम एक दूसरे पर दोष न लगाएँ l” या 2 कुरिन्थियों 9:6 की ताकीद, “जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा l” या फिलिप्पियों 1:27-28 की यह ताकीद : एक ही आत्मा में स्थिर रहो, और एक चित होकर सुसमाचार के विश्वास के लिए परिश्रम करते [रहो], और किसी बात में … भय नहीं [खाओ] l”

परमेश्वर का वचन पढ़ते समय, हमें महत्वपूर्ण ताकीद मिलती है l इन्हें पिता के हृदय से निकली बात समझकर गंभीरता से लें जिसे ज्ञात है क्या उसे आदर देता है और हमारे लिए सर्वोत्तम है l