रेल से शिकागो जाते समय, मैंने हमेशा “व्यवहार के अलिखित नियमावली” का अनुसरण किया – जैसे, पड़ोस में बैठे लोगों से बात न करना जिन्हें आप नहीं जानते l मुझ जैसे व्यक्ति के लिए जो कभी अपरिचित से न मिला हो, कठिन था l मुझे नए लोगों से संवाद पसंद है! यद्यपि मैंने इस नियमावली का पालन किया, मैंने जाना कि लोग अखबार में क्या पढ़ते हैं से हम उनके विषय कुछ सीख सकते हैं l इसलिए मैं देखता था वे पहले क्या पढ़ते थे: व्यवसाय? स्पोर्ट्स? राजनीति? सामयिक घटनाएँ? उनका चुनाव उनकी रूचि बताती थीl

हमारे चुनाव हमेशा सारगर्भित हैं l बिल्कुल, हमारे हृदयों में क्या है इसके लिए परमेश्वर को हमारे चुनाव जानने की ज़रूरत नहीं l किन्तु बातें जिनमें हमारा समय निवेश होता है, ध्यान रहता है प्रगट करते हैं l जिस तरह यीशु ने कहा, “जहाँ तुम्हारा धन है, वहाँ तुम्हारा मन भी लगा रहेगा” (लूका 12:34) l हमारे विषय वह क्या सोचता है के बावजूद, हमारी वास्तविक स्थिति हमारे समय के उपयोग, धन, और हमारे गुणों के उपयोग से प्रगट हो जाता है l जब हम उसकी इच्छानुसार इन संसाधनों का निवेश करेंगे, तब हमारे हृदय उसके साथ समस्वर हैं l

परमेश्वर का हृदय उसके लोगों की ज़रूरतें और उसके राज्य के विस्तार के लिए है l आपके चुनाव उससे और दूसरों से आपके हृदय के विषय क्या कहती है?