हमें परमेश्वर की सुनना ज़रूरी था l केवल तीन महीनों के लिए आकस्मिक कार्यवाही के कारण दो तरुण बच्चों के पालक माता-पिता बनने हेतु, उनके लिए भविष्य सम्बन्धी निर्णय लेना ज़रूरी था l अपने तीन बड़े बच्चों के साथ, इन बच्चों के पालक माता-पिता बनना हमारे लिए असुविधाजनक था और काम दूना और कठिन l एमी कार्माइकल के दैनिक मनन ने हमें गिनती 7 से मार्गदर्शित किया l
मेरी सोच में कहातियों को कैसा लगता था? एमी लिखती है l “अन्य सभी लेवी मिलाप के तम्बू की वस्तुओं को मरुभूमि में बैल-गाड़ी में ढोते थे l किन्तु कहातियों को पथरीले मार्गों पर जलती रेत में ‘पवित्र वस्तुओं’ को कन्धों पर ले जाना होता था l क्या उन्होंने शिकायत की, कि दूसरों का कार्य सरल है? शायद! किन्तु परमेश्वर जानता है कि कुछ वस्तुएँ अत्यंत पवित्र हैं और उनको कन्धों पर ले चलना होगा l
हमें उत्तर मिल गया था l हम अविकसित देश के एक बच्चे का बोझ उठाना चाहते थे, किन्तु कर नहीं पाए थे l वह बैल-गाड़ी की तरह सरल होता l अब हमारे पास दो ज़रूरतमंद अतिमूल्यवान बच्चे थे जिन्हें हमें “कन्धों पर” ले चलना था l
परमेश्वर के पास प्रत्येक के लिए भिन्न योजना है l हमें दूसरों का कार्य सरल लगता है, या अति मोहक लगता है l किन्तु प्रेमी पिता से प्राप्त किसी कार्य के विषय, हम क्यों फुसफुसाएं, “मैं नहीं कर सकती”?