द्वितीय विश्व युद्ध के आरंभ में, हवाई बम्बारी से पोलैंड का वोरशो शहर बर्बाद हो गया l सीमेंट की ईंटें, टूटे पाइप, और टूटे कांच उस बड़े शहर में फैले हुए थे l व्यापारिक क्षेत्र में, हालांकि, ब्रिटिश एंड फॉरेन बाइबल सोसाइटी का एक क्षतिग्रस्त इमारत ढिठाई से खड़ा था l एक दीवार पर पढ़ने योग्य ये शब्द दिखाई दे रहे थे, “आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्तु मेरी बातें कभी नहीं टलेंगी” (मत्ती 24:35) l
यीशु के चेलों द्वारा “जगत के अंत” के विषय पूछने पर उसने उन्हें इन शब्दों से उत्साहित किया (पद.3) l किन्तु आज भी संकटमय स्थितियों में ये शब्द हमें साहस देते हैं l अपने टूटे सपनों के मलबे पर बैठे हुए, हम आज भी परमेश्वर के अक्षय चरित्र, प्रभुत्व, और प्रतिज्ञाओं से भरोसा प्राप्त कर सकते हैं l
भजनकार ने लिखा : “हे यहोवा तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है” (भजन 119:89) l किन्तु यह प्रभु के वचन से कहीं अधिक है; यह उसका चरित्र है l इसलिए भजनकार कह सका, “तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है” (पद.90) l
विध्वंसकारी स्थिति का सामना करते समय, हम उनको निराश अथवा आशा कह सकते हैं l क्योंकि परमेश्वर हमें हमारे हाल पर नहीं छोड़ेगा, हम भरोसे से आशा चुन सकते हैं l उसका स्थायी वचन उसके अचूक प्रेम का आश्वासन देता है l