ब्लॉगिंग समुदाय में दूसरों की तरह, मैं ब्रूस सी से कभी नहीं मिला l फिर भी, उसकी पत्नी द्वारा समूह को अपने पति की मृत्यु का समाचार देने पर, दूर-दूर से प्रतिउत्तरों के सिलसिले ने दर्शा दिया हमने एक मित्र खोया था l

ब्रूस सी ने अक्सर अपना हृदय हमारे सामने खोलकर, दूसरों के विषय अपनी चिंता प्रगट की थी और उनके लिए क्या महत्वपूर्ण था l हममें से अनेक ने यह महसूस किया कि हम उन्हें जानते थे l हम उस कोमल बुद्धिमत्ता का अभाव अनुभव करते जो क़ानून के लागू करने के वर्षों के अनुभव और मसीह में उनके विश्वास से हमें प्राप्त होती थी l

ब्रूस सी से ऑनलाइन संवाद को याद करते हुए, मुझे यीशु के प्रथम शताब्दी साक्षी द्वारा लिखित शब्दों से नूतन बोध मिला l नए नियम की प्रथम पत्री में पतरस ने रोमी साम्राज्य में बिखरे लोगों को संबोधित किया : “उससे(मसीह से) तुम बिन देखे प्रेम रखते हो” (1 पतरस 1:8) l

यीशु का एक व्यक्तिगत मित्र, पतरस, ऐसे लोगों को लिख रहा था जिन्होंने उसके विषय केवल सुना था जिसने उनकी परेशानियों में अधिक आशा रखने का कारण बना था l फिर भी, विश्वासियों के समुदाय के वृहत हिस्से के रूप में वे उससे प्रेम करते थे l उनको मालूम था कि अपने जीवन की कीमत पर, उसने उनको परमेश्वर के अनंत परिवार में शामिल किया था l