“मुझे आश्चर्य नहीं आप रिट्रीट का संचालन करते हैं’” मेरे एक परिचित ने मेरे अभ्यास कक्षा में कहा l “आप एक अच्छी खुशबू हैं l” मैं उनकी टिप्पणी से हिल गया किन्तु प्रसन्न था, क्योंकि जिसे उसने मुझ में एक “खुशबू” के रूप में देखा, मेरी समझ में वह मसीह की शांति थी l यीशु का अनुसरण करते समय, वह हमें समझ से परे शांति देता है (फ़िलि. 4:7) और जो अन्दर से विकिरण करती है – चाहे हम इससे अवगत् न हों l
यीशु ने अपने चेलों को इसी शांति का वादा किया जब, उसने अपने अंतिम भोज पश्चात्, उनको अपनी मृत्यु और पुनरुत्थान हेतु तैयार किया l उसने उनसे कहा कि यद्यपि इस संसार में उनको क्लेश होगा, उनके साथ रहने और उनमें रहने के लिए पिता सत्य का आत्मा भेजेगा (यूहन्ना 14:16-17) l आत्मा उनको शिक्षित करेगा, उसकी सच्चाई याद दिलाएगा; उनको शांति देगा, उनको अपनी शांति देगा l यद्यपि जल्द ही वे परीक्षा का सामना करेंगे-धार्मिक अगुओं से भयानक सताव के साथ यीशु की मृत्यु-उसने उनको निडर रहने को कहा l पवित्र आत्मा की उपस्थिति हमेशा उनके साथ रहेगी l
यद्यपि परमेश्वर की संतान होकर हम कठिनाई का अनुभव करते हैं, हममें भी उसकी आत्मा रहती और हममें से बहती है l परमेश्वर की शांति हमारे सभी मुलाकात करनेवालों के लिए उसकी साक्षी है-चाहे स्थानीय बाज़ार, स्कूल, या कार्य हो या एक व्यायामशाला में l