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Articles by एमी बाउचर पाई

अच्छा चारवाहा

जब पास्टर वॉरेन ने सुना कि उनके चर्च में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और परिवार को छोड़ दिया है, तो उन्होंने परमेश्वर से प्रार्थना की कि वह उस व्यक्ति से कही पर अचानक से मिलने में उसकी मदद करें ताकि उन्हें उस व्यक्ति से बात-चीत करने का मौका मिल जाए। और परमेश्वर ने ऐसा ही किया! जब वारेन एक रेस्टोरेंट में गए तो उन्होंने उस सज्जन को पास ही में एक टेबल/मेज़ पर बैठे देखा। "क्या इस मेज़ पर दूसरे भूखे व्यक्ति के लिए कुछ जगह है?" उन्होंने पूछा, और जल्द ही,कुछ ही पलों में वे गहराई से अपनी भावनाए साझा कर रहे थे और एक साथ प्रार्थना कर रहे थे।

एक पास्टर के रूप में, वॉरेन अपने चर्च समुदाय के लोगों के लिए एक चरवाहे के रूप में कार्य कर रहे थे, यहाँ तक कि परमेश्वर ने भविष्यवक्ता यहेजकेल के माध्यम से कहा कि वह अपने झुंड की देखभाल करेगा। परमेश्वर ने अपनी बिखरी हुई भेड़ों की देखभाल करने, उन्हें बचाने और उन्हें एक साथ इकट्ठा करने की प्रतिज्ञा की (यहेजकेल 34:12-13) वह “उन्हें अच्छे चरागाह में चराएगा” और “खोई हुई को ढूँढ़ेगा और भटकी हुई को लौटा लाएगा”; वह "घायलों पर पट्टी बांधेगा, और निर्बलों को बलवन्त करेगा" (पद. 14-16) इनमें से प्रत्येक चित्र के माध्यम से अपने लोगों के लिए परमेश्वर का प्रेम प्रतिध्वनित होता है। यद्यपि यहेजकेल के शब्द परमेश्वर के भविष्य के कार्यों का अनुमान लगाते हैं, वे परमेश्वर और चरवाहे के अनंत हृदय को दर्शाते हैं जो एक दिन स्वयं को यीशु में प्रकट करेंगे।

चाहे हमारी स्थिति कुछ भी हो, परमेश्वर हम में से प्रत्येक के पास पहुँचता है, हमें बचाने की कोशिश करता है और हमें एक समृद्ध चरागाह में शरण देता है। वह चाहता है कि हम अच्छे चरवाहे का अनुसरण करें, वह जो अपनी भेड़ों के लिए अपना प्राण देता हैI (देखें यूहन्ना 10:14-15)

सिंहों की माँद से बाहर

जब  ताहिर और उसकी पत्नी डोन्या, यीशु में विश्वासी बन गये, तो वे जानते थे कि उन्होंने अपने देश में उत्पीड़न का जोखिम उठाया है। दरअसल, एक दिन ताहिर की आंखों पर पट्टी बांधी गई, हथकड़ी लगाई गई, कैद किया गया और अपने धर्म का त्याग करने का आरोप लगाया गया। मुकदमे में पेश होने से पहले वह और डोन्या सहमत थे कि वे यीशु को धोखा नहीं देंगे।

जब सजा सुनाई गई तो वह  हैरान हो गया। जज ने कहा, “पता नहीं क्यों, लेकिन मैं तुम्हें व्हेल और शेर के मुंह से निकालना चाहता हूं।” तब तहेर “जान गया  कि  ईश्वर कार्य कर रहा है”;  अन्यथा बाइबल में दो पदों का संदर्भ देने वाले न्यायाधीश की वह व्याख्या नहीं कर सकता था (देखें योना 2, दानिय्येल 6) । ताहिर को जेल से रिहा कर दिया गया और परिवार को बाद में कहीं और निर्वासन (किसी दूसरे देश में जाकर रहना) मिला।

ताहिर की आश्चर्यजनक रिहाई  में डेनियल की कहानी की प्रतिघ्वनि है। एक कुशल प्रशासक, उसे पदोन्नत किया जाने वाला था, जिससे उसके सहयोगियों को जलन हुई (दानिय्येल 6:3–5)। उसके पतन की साजिश रचते हुए, उन्होंने राजा दारा को, राजा के अलावा किसी और से प्रार्थना करने के खिलाफ एक कानून पारित करने के लिए मना लिया, जिसे दानिय्येल ने नजरअंदाज कर दिया। राजा दारा के पास उसे सिंहों की माँद में डालने के अलावा कोई चारा नहीं था (पद 16)। परन्तु परमेश्वर ने “दानिय्येल को बचाया”, उसे मृत्यु से बचाया (पद 27), जैसे उसने न्यायाधीश की आश्चर्यजनक रिहाई के द्वारा ताहिर को बचाया।

बहुत से विश्वासी आज यीशु का अनुसरण करने के लिए दुख उठाते  हैं, और कभी कभी उन्हें मार भी दिया जाता है। जब हम उत्पीड़न का सामना करते हैं तो हम अपने विश्वास को गहरा कर सकते हैं जब हम समझते हैं कि परमेश्वर के पास ऐसे तरीके हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। जान लें कि आप जिस भी लड़ाई का सामना करते हैं उसमें वह आपके साथ है।

परमेश्वर का हाथ

1939 में, हाल ही के ब्रिटेन के लिए युद्ध छिड़ने के साथ, किंग जॉर्ज VI ने अपने क्रिसमस दिवस रेडियो प्रसारण में यूनाइटेड किंगडम और राष्ट्रमण्डल के नागरिकों को परमेश्वर पर भरोसा रखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहा l एक कविता का हवाला देते हुए जो उनकी माँ को अनमोल लगी, उन्होंने कहा : “अँधेरे में बाहर जाओ, और अपना हाथ परमेश्वर के हाथ में रखो l / वही तुम्हारे लिए उजियाले से उत्तम, और ज्ञात मार्ग से अधिक सुरक्षित होगा l” वह नहीं जानता था कि नया साल क्या लेकर आएगा, लेकिन उसने आने वाले चिंताजनक दिनों में उन्हें “मार्गदर्शन और समर्थन” देने के लिए परमेश्वर पर भरोसा किया l 

परमेश्वर के हाथ की छवि बाइबल में कई स्थानों पर दिखायी देती है, जिसमें यशायाह की पुस्तक भी शामिल है l इस भविष्यद्वक्ता के द्वारा, परमेश्वर ने अपने लोगों को यह विश्वास करने के लिए बुलाया कि वह उनका सृष्टिकर्ता है, “आदि और . . . अंत”(यशायाह 48:12), उनके साथ शामिल रहेगा l जैसा कि वह कहता है, “मेरे ही हाथ ने पृथ्वी की नींव डाली, और मेरे ही दाहिने हाथ ने आकाश फैलाया”(पद.13) l उन्हें उस पर भरोसा करना चाहिए और कम शक्तिशाली लोगों की ओर नहीं देखना चाहिए l आखिरकार, वह उनका “छुड़ानेवाला और इस्राएल का पवित्र है”(पद.17) l 

नये वर्ष की ओर देखते हुए हमें चाहे जिसका भी सामना करना पड़े, हम किंग जॉर्ज और भविष्यद्वक्ता यशायाह के प्रोत्साहन का अनुसरण कर सकते हैं और परमेश्वर पर अपनी आशा और भरोसा रख सकते हैं l तब, हमारे लिए भी, हमारी शांति नदी की तरह होगी, हमारा ‘धर्म(खुशहाली) समुद्र की लहरों के समान” होगा(पद.18) l 

वास्तविक प्रेम

जैसे ही मैं अपनी सहेली मार्गरेट के पास बैठी, जो अस्पताल में अपने बिस्तर पर लेती हुयी थी, मैंने अन्य रोगियों, चिकित्सा कर्मचारियों और आगंतुकों की हलचल और गतिविधि का ध्यान रखी l पास ही अपनी बीमार माँ के साथ बैठी एक युवती ने मार्गरेट से पुछा, “वे सभी लोग कौन हैं जो आपसे मिलने आते रहते हैं?” उसने उत्तर दिया, “वे मेरे चर्च परिवार के सदस्य हैं!” युवती ने टिप्पणी की कि उसने ऐसा कभी नहीं देखा; उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे कई आगंतुक “वास्तिक प्यार की तरह उमड़ पड़े हों l” मार्गरेट ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “यह सब परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के प्रति हमारे प्रेम पर निर्भर करता है!”

अपनी प्रतिक्रया में, मार्गरेट ने शिष्य यूहन्ना की बात दोहराई, जिसने अपने अंतिम वर्षों में प्रेम से भरे तीन पत्र लिखे थे l अपने पहले पत्र में उसने कहा, “परमेश्वर प्रेम है, और जो प्रेम में बना रहता है वह परमेश्वर में बना रहता है, और परमेश्वर उसमें बना रहता है”(1 यूहन्ना 4:16) l अर्थात्, जो लोग स्वीकार करते हैं कि “यीशु परमेश्वर का पुत्र है”(पद.15) उनमें परमेश्वर “अपनी आत्मा” के द्वारा वास करता है(पद.13 l हम प्रेमपूर्वक दूसरों की देखभाल कैसे कर सकते हैं? “हम इसलिए प्रेम करते हैं, कि पहले उसने हम से प्रेम किया”(पद.19) l 

परमेश्वर के प्रेम के उपहार के कारण, मार्गरेट से मिलना मेरे लिए या हमारे चर्च के अन्य लोगों के लिए किसी कठिनाई जैसा महसूस नहीं हुआ l मैंने जितना दिया उससे कहीं अधिक पाया, न केवल मार्गरेट से, बल्कि उसके उद्धारकर्ता, यीशु के बारे में उसकी सौम्य गवाही को देखकर l आज परमेश्वर आपके द्वारा दूसरों से कैसे प्रेम कर सकता है?

जीवन भर के लिए मित्र

हम खाने की मेज पर बैठे थे जब मेरे नौ वर्षीय नाती ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं बिलकुल नानी की तरह हूँ l मुझे पढ़ना पसंद है!” उसकी बातों से मेरे दिल में ख़ुशी आ गयी, मैंने उस साल के बारे में सोचा जब वह बीमार था और स्कूल न जाकर घर पर ही रहता था l उसके एक लम्बी झपकी लेने के बाद, हम साथ-साथ बैठकर पढ़ने लगे l मैं अपनी माँ से मिली प्रेमपूर्ण पुस्तकों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए खुश थी l 

लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण विरासत नहीं है जिसे मैं अपने नाती-नातनियों को सौंपना चाहती हूँ l मैं प्रार्थना करती हूँ कि विश्वास की जो विरासत मैंने अपने माता-पिता से प्राप्त की है और जिसे मैं अपने बच्चों को सौंपना चाहती हूँ, उससे मेरे नाती-नातनियों को भी विश्वास की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी l 

तीमुथियुस के पास एक धर्मनिष्ट माँ और नानी—और एक आध्यात्मिक गुरु, प्रेरित पौलुस की विरासत थी l प्रेरित ने लिखा, “मुझे तेरे उस निष्कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहले तेरी नानी लोइस और तेरी माता यूनीके में था, और मुझे निश्चय है कि तुझ में भी है”(2 तीमुथियुस 1:5) l 

शायद हम सोच सकते हैं कि हमारा जीवन दूसरों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनने के लिए पर्याप्त रूप से सकारात्मक नहीं है l हो सकता है कि जो विरासत हमें मिली वह अच्छी नहीं थी l लेकिन हमारे बच्चों, पोते-पोतियों/ नाती-नातनियों या किसी भी बच्चे के जीवन में विश्वास की विरासत बनाने में कभी देर नहीं होती है l परमेश्वर की सहायता से, हम विश्वास के बीज बोते हैं l यह वही है जो विश्वास को बढ़ाता है(1 कुरिन्थियों 3:6-9) l 

खुरचा हुआ मक्खन

जे.आर.आर. टॉकिंस की पुस्तक द फेलोशिप ऑफ़ द रिंग्स(The Fellowship of the Rings) में, बिल्बो बैग्गिंस ने छह दशकों तक, अँधेरे शक्तियों वाली एक जादुई अंगूठी वहन करने का प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया l धीरे-धीरे उसकी संक्षारक(corrosive) प्रकृति/स्वभाव से परेशान होकर, वह जादूगर गंडाल्फ़ से कहता है, “क्यों, मैं बिलकुल दुबला, फैला हुआ महसूस करता हूँ, यदि आप जानते हैं कि मेरा क्या मतलब है : मक्खन की तरह जिसे रोटी पर बहुत अधिक खुरच दिया गया है l” वह आराम की खोज में अपना घर छोड़ने का फैसला करता है, कहीं “शांति और सुकून में, जहाँ आसपास बहुत सारे सम्बन्धी/रिश्तेदार न हों l”

टॉकिन की कहानी का यह पहलु मुझे पुराने नियम के एक नबी के अनुभव की याद दिलाता है l इज़ेबेल से भागते समय और झूठे नबियों के साथ युद्ध के बाद थके हुए एलिय्याह को कुछ आराम की सख्त ज़रूरत थी l कमजोर महसूस करते हुए, उसने परमेश्वर से उसे मरने देने की प्रार्थना करते हुए कहा, " हे यहोवा, बस है”(1 राजा 19:4) l उसके सो जाने के बाद, परमेश्वर के दूत ने उसे जगाया ताकि वह खा-पी सके l वह फिर सो गया, और बाद में स्वर्गदूत द्वारा दिया गया भोजन अधिक खा लिया l पुनः ऊर्जा प्राप्त करने के बाद, उसके पास परमेश्वर के पर्वत तक चालीस दिन की पैदल यात्रा के लिए पर्याप्त शक्ति थी l 

जब हम थके हुए महसूस करते हैं, तो हम भी सच्ची ताज़गी के लिए परमेश्वर की ओर देख सकते हैं l हमें अपने शरीर की देखभाल करने की आवश्यकता हो सकती है, साथ ही हम उससे उसकी आशा, शांति और विश्राम से भरने के लिए भी प्रार्थना करते हैं l यहाँ तक कि जैसे स्वर्गदूत ने एलिय्याह की देखभाल की, हम भरोसा कर सकते हैं कि परमेश्वर हम पर अपनी ताज़गी भरी उपस्थिति प्रदान करेगा (मत्ती 11:28 देखें) l 

यीशु का चरित्र दर्शाना

अफगानिस्तान में एक चुनौतीपूर्ण दौरे के बाद, ब्रिटिश सेना में एक सार्जेंट/हवलदार स्कॉट थक गया l उसे याद आया : “मैं एक अँधेरी जगह में था l” परन्तु जब उसने “यीशु को खोजकर उसका अनुसरण करना आरम्भ किया,” तो उसका जीवन मौलिक रूप से बदल गया l अब वह मसीह के प्रेम को दूसरों के साथ साझा करना चाहता है, विशेष रूप से सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ, जिनके साथ वह प्रतिस्पर्धात्मक खेलों(Invictus Games) में भाग लेता है, जो घायल और चोटिल सदस्यों और सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है l 

स्कॉट के लिए, बाइबल पढ़ना, प्रार्थना करना और स्तुति गीत सुनना उसे खेलों में जाने से पहले तैयार करता है l तब परमेश्वर उसे “यीशु के चरित्र को दर्शाने और वहाँ प्रतिस्पर्धा करने वाले साथी सेवानिवृत्त सैनिकों के प्रति दयालुता, नम्रता और अनुग्रह दिखाने” में मदद करता है l 

स्कॉट ने यहाँ आत्मा के कुछ फलों का उल्लेख किया है जिनके बारे में प्रेरित पौलुस ने गलातिया के विश्वासियों को लिखा था l उन्होंने झूठे शिक्षकों के प्रभाव में संघर्ष किया, इसलिए पौलुस ने उन्हें “आत्मा के नेतृत्व में” होने के कारण, परमेश्वर और उसके अनुग्रह के प्रति सच्चे बने रहने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश की(गलातियों 5:18) l ऐसा करने से, तब वे आत्मा का फल उत्पन्न करेंगे—“प्रेम, आनंद, शांति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम”(पद.22-23) l 

परमेश्वर की आत्मा के हमारे भीतर रहने से, हम भी आत्मा की भलाई और प्रेम के साथ खिल पड़ेंगे l हम भी अपने आस-पास के लोगों के प्रति नम्रता और दयालुता दिखाएंगे l 

यीशु का चरित्र दर्शाना

अफगानिस्तान में एक चुनौतीपूर्ण दौरे के बाद, ब्रिटिश सेना में एक सार्जेंट/हवलदार स्कॉट थक गया l उसे याद आया : “मैं एक अँधेरी जगह में था l” परन्तु जब उसने “यीशु को खोजकर उसका अनुसरण करना आरम्भ किया,” तो उसका जीवन मौलिक रूप से बदल गया l अब वह मसीह के प्रेम को दूसरों के साथ साझा करना चाहता है, विशेष रूप से सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ, जिनके साथ वह प्रतिस्पर्धात्मक खेलों(Invictus Games) में भाग लेता है, जो घायल और चोटिल सदस्यों और सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है l 

स्कॉट के लिए, बाइबल पढ़ना, प्रार्थना करना और स्तुति गीत सुनना उसे खेलों में जाने से पहले तैयार करता है l तब परमेश्वर उसे “यीशु के चरित्र को दर्शाने और वहाँ प्रतिस्पर्धा करने वाले साथी सेवानिवृत्त सैनिकों के प्रति दयालुता, नम्रता और अनुग्रह दिखाने” में मदद करता है l 

स्कॉट ने यहाँ आत्मा के कुछ फलों का उल्लेख किया है जिनके बारे में प्रेरित पौलुस ने गलातिया के विश्वासियों को लिखा था l उन्होंने झूठे शिक्षकों के प्रभाव में संघर्ष किया, इसलिए पौलुस ने उन्हें “आत्मा के नेतृत्व में” होने के कारण, परमेश्वर और उसके अनुग्रह के प्रति सच्चे बने रहने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश की(गलातियों 5:18) l ऐसा करने से, तब वे आत्मा का फल उत्पन्न करेंगे—“प्रेम, आनंद, शांति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम”(पद.22-23) l 

परमेश्वर की आत्मा के हमारे भीतर रहने से, हम भी आत्मा की भलाई और प्रेम के साथ खिल पड़ेंगे l हम भी अपने आस-पास के लोगों के प्रति नम्रता और दयालुता दिखाएंगे l 

खोज और बचाव

कुछ दोस्त इंग्लिश चैनल (अटलांटिक महासागर की एक शाखा) में नौका विहार करने गए, इस उम्मीद में कि तूफानी मौसम का जो अनुमान लगाया गया था वो बदल जाएगा। लेकिन हवाएँ तेज़ हो गईं और लहरें भी अशांत होने लगी, जिससे उनके जहाज की सुरक्षा खतरे में पड़ गई, इसलिए उन्होंने मदद के लिए आर.एन.एल.आई (रॉयल नेशनल लाइफबोट इंस्टीट्यूशन) को रेडियो संदेश भेजा। कुछ तनावपूर्ण क्षणों के बाद, उन्होंने दूर से अपने बचावकर्ताओं को देखा और राहत महसूस की कि वे जल्द ही सुरक्षित हो जाएंगे। जैसा कि मेरे मित्र ने बाद में कृतज्ञतापूर्वक इस बात को कहा, "चाहे लोग समुद्र के नियमों की उपेक्षा करें या नहीं, आर.एन.एल.आई फिर भी बचाव के लिए आता है।"  

जब वह यह कहानी सुना रहे थे, तो मैं यीशु के बारे में सोचने लगी कि कैसे उन्होंने परमेश्वर के खोज-और-बचाव मिशन का संचालन किया। वह मनुष्य के रूप में इस पृथ्वी पर आ गए, हम में से एक के समान ही जिए। अपनी मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा, उन्होंने हमें एक बचाव योजना प्रदान की जब हमारे पाप और आज्ञा ना मानने के कारण हम परमेश्वर से अलग किए हुए थे। इस सत्य पर पौलुस द्वारा ज़ोर दिया गया है जब वह गलातिया की कलीसिया को लिखता है: “प्रभु यीशु मसीह . . . हमें वर्तमान बुरे युग से बचाने के लिये हमारे पापों के लिये अपने आप को दे दिया” (गलातियों 1:3-4)। पौलुस गलातियों को याद दिलाता है कि कैसे उन्हें यीशु की मृत्यु के द्वारा नए जीवन का वरदान मिला है ताकि वे दिन-प्रतिदिन परमेश्वर का आदर करें। यीशु, हमारा बचानेवाला, उसने स्वेच्छा से हमारे लिए अपनी जान दी ताकि हम खोए न। उनके ऐसा करने के द्वारा से, हमारे पास परमेश्वर के राज्य में जीवन है, और हम कृतज्ञ होकर इस जीवन- बचाने वाली खबर को अपने आस-पास के लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।