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Articles by एमी बाउचर पाई

महान प्रेम

पवित्र सप्ताह के कुछ दिन पहले,  जब दुनिया भर के मसीही यीशु के बलिदान को याद करते हैं और उनके पुनरुत्थान का जश्न मनाते हैं, दक्षिण पश्चिम फ़्रांस के एक सुपरमार्केट में एक आतंकवादी ने धावा बोलकर गोलीबारी की और दो लोगों की हत्या कर दी। बातचीत के बाद,  आतंकवादी ने सभी को रिहा कर दिया पर एक को बंधक बनाकर रखा, जिसे उसने खुद को बचाने के लिए एक मानव ढाल के रूप में उपयोग किया। खतरे को जानते हुए,  पुलिस अधिकारी अरनौद बेल्ट्रैम ने अकल्पनीय काम किया : उन्होंने महिला की जगह स्वेच्छा से खुद को सौंपा । अपराधी ने उसे छोड़ दिया,  लेकिन आगे की  हाथापाई में बेल्ट्रैम घायल हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई । 
एक पास्टर जो उस पुलिस अधिकारी को जानते थे,  उन्होंने उसकी वीरता का जिम्मेदार यीशु में उनके विश्वास को ठहराया,  यूहन्ना 15:13  में उसके शब्दों की ओर इशारा करते हुए : “इससे बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिए अपना प्राण दे l” ये वे शब्द थे जो मसीह ने अपने शिष्यों के साथ उनके अंतिम भोजन के बाद कहे थे। उसने अपने दोस्तों से कहा कि “जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है,  वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो” (पद.12) और यह कि सबसे बड़ा प्रेम यह है कि एक दूसरे के लिये अपना प्राण दे दे (पद.13) । ठीक यही यीशु ने अगले दिन किया,  जब वह हमें हमारे पापों से बचाने के लिए क्रूस पर चढ़ा—जो केवल वही कर सकता था l  
हो सकता है हमें कभी भी अरनौद बेल्ट्रैम की वीरता का अनुसरण करने के लिए न बुलाया जाए। लेकिन जब हम परमेश्वर के प्रेम में बने रहते हैं, जब हम उसके महान प्रेम को साझा करना चाहते हैं तो अपनी योजनाओं और इच्छाओं को सामने रखते हुए  हम त्यागपूर्वक दूसरों की सेवा कर सकते हैं, । 

तरोताजगी देनेवाला मरुद्यान

जब एंड्रयू और उनका परिवार केन्या में सफारी की सैर पर गया, तो उन्हें एक छोटी सी झील में बार-बार आनेवाले कई तरह के जानवरों को देखने का आनंद मिला, जो हलचल भरे परिदृश्य में दिखाई दिए l जिराफ़, अफ़्रीकी बारासिंघे, दरियाई घोड़े, और जलपक्षी सभी इस जीवन देनेवाले पानी के स्रोत पर आते थे l जब एंड्रयू ने उनके आने और जाने का अवलोकन किया, उन्होंने सोचा कि कैसे “बाइबल एक दिव्य पानी के गड्ढे/झील की तरह है” —न केवल यह मार्गदर्शन और बुद्धि का स्रोत है, बल्कि यह एक ताज़ा मरुउद्यान है जहाँ जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग अपनी प्यास बुझा सकते हैं l 

एंड्रयू के अवलोकन ने भजनकार को प्रतिध्वनित किया जिसने लोगों को “धन्य” कहा जब वे ईश्वर की व्यवस्था से प्रसन्न होते हैं और उस पर ध्यान देते हैं, पुराने नियम में उनके निर्देश और आज्ञाओं का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जानेवाला शब्द l जो लोग पवित्रशास्त्र पर मनन करते हैं, वे “उस वृक्ष के समान हैं, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है,और अपनी ऋतु में फलता हैI” (भजन 1:3)जिस प्रकार एक पेड़ की जड़ें ताज़गी के स्रोत को खोजने के लिए मिट्टी में पहुँचती हैं, वैसे ही जो लोग वास्तव में परमेश्वर में विश्वास करते हैं और उनसे प्यार करते हैं, वे खुद को पवित्रशास्त्र में गहराई से जड़ पकड़ लेंगे और उन्हें वह ताकत मिलेगी जिसकी उन्हें ज़रूरत है l 

अपने आप को परमेश्वर की बुद्धि के अधीन करना हमारी नींव को उसमें गहराई से जोड़े रखेगा; हम “भूसी के समान नहीं होंगे जो पवन से उड़ाई जाती हैI” (पद.4) जब हम मनन करते हैं कि परमेश्वर ने हमें बाइबल में क्या दिया है, तो हम पोषण प्राप्त करते हैं जो हमें स्थायी फल उत्पन्न करने की ओर ले जा सकता है l 

जीवन का जल

एंड्रिया का घरेलू जीवन अस्थिर था, और वह चौदह साल की उम्र में घर छोड़ कर चली गई थी, नौकरी ढूंढ रही थी और दोस्तों के साथ रह रही थी। प्यार और स्वीकृति/समर्थन के लिए तरसते हुए, वह बाद में एक ऐसे व्यक्ति के साथ रहने लगी जिसने उसे ड्रग्स(नशीले पदार्थ) लेने की आदत डाल दी, उसने उसे शराब में मिला दिया जिसे वह पहले से ही नियमित रूप से पीती थी। लेकिन संबंध और पदार्थों(नशीले) ने उसकी लालसाओं को पूरा नहीं किया। वह खोजती रही, और कई वर्षों के बाद वह यीशु में विश्वास रखने वाले कुछ विश्वासियों से मिली जो उसके पास आये थे और उसके साथ प्रार्थना करने कि पेशकश की। कुछ महीनों के बाद, आखिरकार उसे वह मिल गया जो उसकी प्रेम की प्यास को बुझा सकता था— वह था यीशु।

जिस सामरी स्त्री से येशु ने कुएं पर पानी मांगा था, उस स्त्री ने भी अपनी प्यास बुझाई। वह दिन की गर्मी में वहाँ थी (यूहन्ना 4:5-7), शायद अन्य महिलाओं की नज़रों और आलोचनाओं से बचने के लिए, जो उसके कई पतियों के इतिहास और उसके वर्तमान व्यभिचारी संबंधों को जानती होंगी (पद 17-18) जब यीशु उसके पास आया और उससे पीने के लिए पानी माँगा, तो उसने उस दिन के सामाजिक सम्मेलनों को रोक दिया, क्योंकि वह, एक यहूदी शिक्षक के रूप में, सामान्य रूप से एक सामरी महिला से संगत नहीं कर सकता था। लेकिन वह उसे जीवन के जल का उपहार देना चाहता था जो उसे अनन्त जीवन की ओर ले जाएगा (पद.10) वह उसकी प्यास बुझाना चाहता था।

जब हम यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करते हैं, तो हम भी इस जीवन के जल को पीते हैं। हम तब दूसरों के साथ एक प्याला साझा कर सकते हैं जब हम उन्हें उनका अनुसरण करने के लिए आमंत्रित करते हैं।

अच्छा चारवाहा

जब पास्टर वॉरेन ने सुना कि उनके चर्च में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और परिवार को छोड़ दिया है, तो उन्होंने परमेश्वर से प्रार्थना की कि वह उस व्यक्ति से कही पर अचानक से मिलने में उसकी मदद करें ताकि उन्हें उस व्यक्ति से बात-चीत करने का मौका मिल जाए। और परमेश्वर ने ऐसा ही किया! जब वारेन एक रेस्टोरेंट में गए तो उन्होंने उस सज्जन को पास ही में एक टेबल/मेज़ पर बैठे देखा। "क्या इस मेज़ पर दूसरे भूखे व्यक्ति के लिए कुछ जगह है?" उन्होंने पूछा, और जल्द ही,कुछ ही पलों में वे गहराई से अपनी भावनाए साझा कर रहे थे और एक साथ प्रार्थना कर रहे थे।

एक पास्टर के रूप में, वॉरेन अपने चर्च समुदाय के लोगों के लिए एक चरवाहे के रूप में कार्य कर रहे थे, यहाँ तक कि परमेश्वर ने भविष्यवक्ता यहेजकेल के माध्यम से कहा कि वह अपने झुंड की देखभाल करेगा। परमेश्वर ने अपनी बिखरी हुई भेड़ों की देखभाल करने, उन्हें बचाने और उन्हें एक साथ इकट्ठा करने की प्रतिज्ञा की (यहेजकेल 34:12-13) वह “उन्हें अच्छे चरागाह में चराएगा” और “खोई हुई को ढूँढ़ेगा और भटकी हुई को लौटा लाएगा”; वह "घायलों पर पट्टी बांधेगा, और निर्बलों को बलवन्त करेगा" (पद. 14-16) इनमें से प्रत्येक चित्र के माध्यम से अपने लोगों के लिए परमेश्वर का प्रेम प्रतिध्वनित होता है। यद्यपि यहेजकेल के शब्द परमेश्वर के भविष्य के कार्यों का अनुमान लगाते हैं, वे परमेश्वर और चरवाहे के अनंत हृदय को दर्शाते हैं जो एक दिन स्वयं को यीशु में प्रकट करेंगे।

चाहे हमारी स्थिति कुछ भी हो, परमेश्वर हम में से प्रत्येक के पास पहुँचता है, हमें बचाने की कोशिश करता है और हमें एक समृद्ध चरागाह में शरण देता है। वह चाहता है कि हम अच्छे चरवाहे का अनुसरण करें, वह जो अपनी भेड़ों के लिए अपना प्राण देता हैI (देखें यूहन्ना 10:14-15)

सिंहों की माँद से बाहर

जब  ताहिर और उसकी पत्नी डोन्या, यीशु में विश्वासी बन गये, तो वे जानते थे कि उन्होंने अपने देश में उत्पीड़न का जोखिम उठाया है। दरअसल, एक दिन ताहिर की आंखों पर पट्टी बांधी गई, हथकड़ी लगाई गई, कैद किया गया और अपने धर्म का त्याग करने का आरोप लगाया गया। मुकदमे में पेश होने से पहले वह और डोन्या सहमत थे कि वे यीशु को धोखा नहीं देंगे।

जब सजा सुनाई गई तो वह  हैरान हो गया। जज ने कहा, “पता नहीं क्यों, लेकिन मैं तुम्हें व्हेल और शेर के मुंह से निकालना चाहता हूं।” तब तहेर “जान गया  कि  ईश्वर कार्य कर रहा है”;  अन्यथा बाइबल में दो पदों का संदर्भ देने वाले न्यायाधीश की वह व्याख्या नहीं कर सकता था (देखें योना 2, दानिय्येल 6) । ताहिर को जेल से रिहा कर दिया गया और परिवार को बाद में कहीं और निर्वासन (किसी दूसरे देश में जाकर रहना) मिला।

ताहिर की आश्चर्यजनक रिहाई  में डेनियल की कहानी की प्रतिघ्वनि है। एक कुशल प्रशासक, उसे पदोन्नत किया जाने वाला था, जिससे उसके सहयोगियों को जलन हुई (दानिय्येल 6:3–5)। उसके पतन की साजिश रचते हुए, उन्होंने राजा दारा को, राजा के अलावा किसी और से प्रार्थना करने के खिलाफ एक कानून पारित करने के लिए मना लिया, जिसे दानिय्येल ने नजरअंदाज कर दिया। राजा दारा के पास उसे सिंहों की माँद में डालने के अलावा कोई चारा नहीं था (पद 16)। परन्तु परमेश्वर ने “दानिय्येल को बचाया”, उसे मृत्यु से बचाया (पद 27), जैसे उसने न्यायाधीश की आश्चर्यजनक रिहाई के द्वारा ताहिर को बचाया।

बहुत से विश्वासी आज यीशु का अनुसरण करने के लिए दुख उठाते  हैं, और कभी कभी उन्हें मार भी दिया जाता है। जब हम उत्पीड़न का सामना करते हैं तो हम अपने विश्वास को गहरा कर सकते हैं जब हम समझते हैं कि परमेश्वर के पास ऐसे तरीके हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। जान लें कि आप जिस भी लड़ाई का सामना करते हैं उसमें वह आपके साथ है।

परमेश्वर का हाथ

1939 में, हाल ही के ब्रिटेन के लिए युद्ध छिड़ने के साथ, किंग जॉर्ज VI ने अपने क्रिसमस दिवस रेडियो प्रसारण में यूनाइटेड किंगडम और राष्ट्रमण्डल के नागरिकों को परमेश्वर पर भरोसा रखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहा l एक कविता का हवाला देते हुए जो उनकी माँ को अनमोल लगी, उन्होंने कहा : “अँधेरे में बाहर जाओ, और अपना हाथ परमेश्वर के हाथ में रखो l / वही तुम्हारे लिए उजियाले से उत्तम, और ज्ञात मार्ग से अधिक सुरक्षित होगा l” वह नहीं जानता था कि नया साल क्या लेकर आएगा, लेकिन उसने आने वाले चिंताजनक दिनों में उन्हें “मार्गदर्शन और समर्थन” देने के लिए परमेश्वर पर भरोसा किया l 

परमेश्वर के हाथ की छवि बाइबल में कई स्थानों पर दिखायी देती है, जिसमें यशायाह की पुस्तक भी शामिल है l इस भविष्यद्वक्ता के द्वारा, परमेश्वर ने अपने लोगों को यह विश्वास करने के लिए बुलाया कि वह उनका सृष्टिकर्ता है, “आदि और . . . अंत”(यशायाह 48:12), उनके साथ शामिल रहेगा l जैसा कि वह कहता है, “मेरे ही हाथ ने पृथ्वी की नींव डाली, और मेरे ही दाहिने हाथ ने आकाश फैलाया”(पद.13) l उन्हें उस पर भरोसा करना चाहिए और कम शक्तिशाली लोगों की ओर नहीं देखना चाहिए l आखिरकार, वह उनका “छुड़ानेवाला और इस्राएल का पवित्र है”(पद.17) l 

नये वर्ष की ओर देखते हुए हमें चाहे जिसका भी सामना करना पड़े, हम किंग जॉर्ज और भविष्यद्वक्ता यशायाह के प्रोत्साहन का अनुसरण कर सकते हैं और परमेश्वर पर अपनी आशा और भरोसा रख सकते हैं l तब, हमारे लिए भी, हमारी शांति नदी की तरह होगी, हमारा ‘धर्म(खुशहाली) समुद्र की लहरों के समान” होगा(पद.18) l 

वास्तविक प्रेम

जैसे ही मैं अपनी सहेली मार्गरेट के पास बैठी, जो अस्पताल में अपने बिस्तर पर लेती हुयी थी, मैंने अन्य रोगियों, चिकित्सा कर्मचारियों और आगंतुकों की हलचल और गतिविधि का ध्यान रखी l पास ही अपनी बीमार माँ के साथ बैठी एक युवती ने मार्गरेट से पुछा, “वे सभी लोग कौन हैं जो आपसे मिलने आते रहते हैं?” उसने उत्तर दिया, “वे मेरे चर्च परिवार के सदस्य हैं!” युवती ने टिप्पणी की कि उसने ऐसा कभी नहीं देखा; उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे कई आगंतुक “वास्तिक प्यार की तरह उमड़ पड़े हों l” मार्गरेट ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “यह सब परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के प्रति हमारे प्रेम पर निर्भर करता है!”

अपनी प्रतिक्रया में, मार्गरेट ने शिष्य यूहन्ना की बात दोहराई, जिसने अपने अंतिम वर्षों में प्रेम से भरे तीन पत्र लिखे थे l अपने पहले पत्र में उसने कहा, “परमेश्वर प्रेम है, और जो प्रेम में बना रहता है वह परमेश्वर में बना रहता है, और परमेश्वर उसमें बना रहता है”(1 यूहन्ना 4:16) l अर्थात्, जो लोग स्वीकार करते हैं कि “यीशु परमेश्वर का पुत्र है”(पद.15) उनमें परमेश्वर “अपनी आत्मा” के द्वारा वास करता है(पद.13 l हम प्रेमपूर्वक दूसरों की देखभाल कैसे कर सकते हैं? “हम इसलिए प्रेम करते हैं, कि पहले उसने हम से प्रेम किया”(पद.19) l 

परमेश्वर के प्रेम के उपहार के कारण, मार्गरेट से मिलना मेरे लिए या हमारे चर्च के अन्य लोगों के लिए किसी कठिनाई जैसा महसूस नहीं हुआ l मैंने जितना दिया उससे कहीं अधिक पाया, न केवल मार्गरेट से, बल्कि उसके उद्धारकर्ता, यीशु के बारे में उसकी सौम्य गवाही को देखकर l आज परमेश्वर आपके द्वारा दूसरों से कैसे प्रेम कर सकता है?

जीवन भर के लिए मित्र

हम खाने की मेज पर बैठे थे जब मेरे नौ वर्षीय नाती ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं बिलकुल नानी की तरह हूँ l मुझे पढ़ना पसंद है!” उसकी बातों से मेरे दिल में ख़ुशी आ गयी, मैंने उस साल के बारे में सोचा जब वह बीमार था और स्कूल न जाकर घर पर ही रहता था l उसके एक लम्बी झपकी लेने के बाद, हम साथ-साथ बैठकर पढ़ने लगे l मैं अपनी माँ से मिली प्रेमपूर्ण पुस्तकों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए खुश थी l 

लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण विरासत नहीं है जिसे मैं अपने नाती-नातनियों को सौंपना चाहती हूँ l मैं प्रार्थना करती हूँ कि विश्वास की जो विरासत मैंने अपने माता-पिता से प्राप्त की है और जिसे मैं अपने बच्चों को सौंपना चाहती हूँ, उससे मेरे नाती-नातनियों को भी विश्वास की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी l 

तीमुथियुस के पास एक धर्मनिष्ट माँ और नानी—और एक आध्यात्मिक गुरु, प्रेरित पौलुस की विरासत थी l प्रेरित ने लिखा, “मुझे तेरे उस निष्कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहले तेरी नानी लोइस और तेरी माता यूनीके में था, और मुझे निश्चय है कि तुझ में भी है”(2 तीमुथियुस 1:5) l 

शायद हम सोच सकते हैं कि हमारा जीवन दूसरों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनने के लिए पर्याप्त रूप से सकारात्मक नहीं है l हो सकता है कि जो विरासत हमें मिली वह अच्छी नहीं थी l लेकिन हमारे बच्चों, पोते-पोतियों/ नाती-नातनियों या किसी भी बच्चे के जीवन में विश्वास की विरासत बनाने में कभी देर नहीं होती है l परमेश्वर की सहायता से, हम विश्वास के बीज बोते हैं l यह वही है जो विश्वास को बढ़ाता है(1 कुरिन्थियों 3:6-9) l 

खुरचा हुआ मक्खन

जे.आर.आर. टॉकिंस की पुस्तक द फेलोशिप ऑफ़ द रिंग्स(The Fellowship of the Rings) में, बिल्बो बैग्गिंस ने छह दशकों तक, अँधेरे शक्तियों वाली एक जादुई अंगूठी वहन करने का प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया l धीरे-धीरे उसकी संक्षारक(corrosive) प्रकृति/स्वभाव से परेशान होकर, वह जादूगर गंडाल्फ़ से कहता है, “क्यों, मैं बिलकुल दुबला, फैला हुआ महसूस करता हूँ, यदि आप जानते हैं कि मेरा क्या मतलब है : मक्खन की तरह जिसे रोटी पर बहुत अधिक खुरच दिया गया है l” वह आराम की खोज में अपना घर छोड़ने का फैसला करता है, कहीं “शांति और सुकून में, जहाँ आसपास बहुत सारे सम्बन्धी/रिश्तेदार न हों l”

टॉकिन की कहानी का यह पहलु मुझे पुराने नियम के एक नबी के अनुभव की याद दिलाता है l इज़ेबेल से भागते समय और झूठे नबियों के साथ युद्ध के बाद थके हुए एलिय्याह को कुछ आराम की सख्त ज़रूरत थी l कमजोर महसूस करते हुए, उसने परमेश्वर से उसे मरने देने की प्रार्थना करते हुए कहा, " हे यहोवा, बस है”(1 राजा 19:4) l उसके सो जाने के बाद, परमेश्वर के दूत ने उसे जगाया ताकि वह खा-पी सके l वह फिर सो गया, और बाद में स्वर्गदूत द्वारा दिया गया भोजन अधिक खा लिया l पुनः ऊर्जा प्राप्त करने के बाद, उसके पास परमेश्वर के पर्वत तक चालीस दिन की पैदल यात्रा के लिए पर्याप्त शक्ति थी l 

जब हम थके हुए महसूस करते हैं, तो हम भी सच्ची ताज़गी के लिए परमेश्वर की ओर देख सकते हैं l हमें अपने शरीर की देखभाल करने की आवश्यकता हो सकती है, साथ ही हम उससे उसकी आशा, शांति और विश्राम से भरने के लिए भी प्रार्थना करते हैं l यहाँ तक कि जैसे स्वर्गदूत ने एलिय्याह की देखभाल की, हम भरोसा कर सकते हैं कि परमेश्वर हम पर अपनी ताज़गी भरी उपस्थिति प्रदान करेगा (मत्ती 11:28 देखें) l