1891 में, लॉस एंजलेस में एक अचिन्हित कब्र में बीडी मेसन दफनाई गयी l यह दासत्व में जन्मी एक स्त्री के लिए असामान्य नहीं था, किन्तु बीडी जैसे प्रवीण किसी के लिए अद्भुत l 1856 में मुकदमा जीतकर, उसने अपने नर्सिंग कौशल और बुद्धिमान व्यावसायिक निर्णय से थोड़ी सम्पति जमा की l दुर्दशा में पड़े अप्रवासी और कैदी उससे नियमित सहायता लेने उसके घर पर इकट्ठे होने लगे l दासत्व के 16 वर्ष बाद ही, 1872 में, उसने अपने दामाद के साथ लॉस एंजलेस में प्रथम अफ़्रीकी मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च आरंभ करने में धन लगाया l

बीडी ने प्रेरित पौलुस के शब्दों को जीया : “मैं ने तुम्हें … करके दिखाया कि … परिश्रम करते हुए निर्बलों को संभालना और प्रभु यीशु के वचन स्मरण रखना : ‘लेने से देना धन्य है’” (प्रेरितों 20:35) l पौलुस अवसर प्राप्त था दासत्व का नहीं, फिर भी उसने मसीह और दूसरों की सेवा हेतु बंदी और शहीद का जीवन चुना l

1988 में, हितकारियों ने बीडी मेसन के नाम पर एक समाधी-प्रस्तर का अनावरण किया l लॉस एंजलेस के मेयर के साथ उस छोटे चर्च के लगभग 3,000 सदस्य उपस्थित थे जो उसके घर में एक शताब्दी से पहले आरंभ हुआ था l बीडी ने कहा था, “खुली मुट्ठी आशीषित है, क्योंकि बहुतायत से पाकर उसी तरह देती है l” उदारता से देनेवाली मुट्ठी ने समृद्ध विरासत प्राप्त किया l