हमदोनों पति-पत्नी द्वारा मिलकर एक लेखन प्रोजेक्ट करने में विदित मुख्य बाधा विलम्ब था l उसका काम मेरा कार्य सम्पादित कर मुझे नियत रखना था; मेरा काम उसे उत्तेजित करना था l ज़्यादातर, उसकी संस्था और धीरज समय सीमा और मार्गदर्शन में मेरे बर्दाश्त करने की क्षमता को जीवित रखा l

मैंने एक दिन में एक सीमा तक लेखन की प्रतिज्ञा की l मैंने पहला घंटा मेहनत से पार किया l कार्य से संतुष्ट मैंने थोड़ा विश्राम करना चाहा l विश्राम से पूर्व, समय समाप्त l जानकार कि समस्या है, मैंने इससे निकलना चाहा l मैंने मेरी पत्नी के  छोड़े हुए कुछ कार्य पूर्ति की सोची जिसके करने से मुझे हमेशा शाबासी मिलती थी l

मेरी योजना असफल हो गई l

कभी-कभी मैं परमेश्वर के साथ भी ऐसे खेल खेलता हूँ l वो मेरे जीवन से ख़ास लोगों की सेवा और खास काम पूरा करवाना चाहता है l योना की तरह, जो परमेश्वर का काम पाकर दूसरी दिशा में चला गया (योना 4:2), मुझे अपनी भावनाओं को अलग रखना होगा l मैं अक्सर परमेश्वर को अपने भले काम अथवा आत्मिक गतिविधियों द्वारा प्रभावित करना चाहता हूँ जबकि वह अपनी प्राथमिकताओं के प्रति मेरी आज्ञाकारिता मांगता है l निश्चय मेरी योजना असफल होगी l

क्या आप परमेश्वर की इच्छा से भाग रहे हैं l मुझ पर भरोसा रखें : वास्तविक समर्पण अर्थात् उसकी सामर्थ्य और उसके तरीके l