बाँह के शल्यचिकित्सा के कई सप्ताह बाद बाहर जाने से मैं डरती थी l बाँह-स्लिंग के उपयोग से मैं आरामदायक थी, किन्तु मेरे चिकित्सकों ने उसका उपयोग रोक दिया l उसी समय मैंने यह कथन देखी :: इस मुकाम पर अनियंत्रित माहौल में अतिसंवेदनशीलता के दृश्य संकेत को छोड़कर स्लिंग का उपयोग हतोत्साहित किया जाता है l”
आहा, यह बात! मैं उत्साहित व्यक्ति के मुझे गले लगाने से, एक बेखबर मित्र के अचानक मुझसे टकराने से डरती थी l चोट के भय से मैं अपने बेबी-ब्लू स्लिंग सुरक्षित थी l
अतिसंवेदनशीलता भयभीत करता है l हम चाहते हैं कि हमारे व्यक्तित्व के कारण लोग हमें प्रेम और स्वीकार करें किन्तु अपने व्यक्तित्व की सच्चाईयों के खुलने पर अस्वीकरण से डरते हैं l क्या होगा यदि वे जान जाएँगे कि हम स्मार्ट, दयालु या अच्छे नहीं हैं?
किन्तु परमेश्वर का परिवार होने के कारण हमें परस्पर मदद करने की ज़रूरत है l हमें “एक दूसरे को शांति [देने] और “एक दुसरे की उन्नत्ति” का कारण बनने को कहा गया है (1 थिस्स. 5:11), और “धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे” को सहना है (इफि.4:2) l
दूसरे विश्वासियों के साथ ईमानदार और अतिसंवेदनशील होने पर, हम जानेंगे कि परीक्षा पर जय अथवा ईमानदारी से जीने में एक जैसा संघर्ष है l किन्तु सर्वोपरि, हम अपने जीवनों में परमेश्वर के अनुग्रह के उपहार का आश्चर्य बाटेंगे l