एमिल एक बेघर व्यक्ति एक वर्ष तक सड़क पर नीचे देखते हुए चलकर दिन-ब-दिन पैर घसीटता हुआ फिरता रहता था l वह लोगों से आँखें मिलकर देखने में शर्म महसूस करता था कि लोग उसको पहचान न लें, क्योंकि उसका जीवन सड़कों पर ही बीता था l उससे अधिक, वह किसी का गिरा हुआ सिक्का या सिगरेट का टुकड़ा खोजने में लीन रहता था l उसका नीचे की ओर केन्द्रित रहना उसकी आदत हो गयी थी जिसके कारण उसका मेरुदंड एक स्थिति में स्थिर हो गया था जिससे वह सीधे खड़ा होने में असमर्थ हो गया था l
एलीशा नबी का सेवक गलत दिशा में देखते हुए आराम के राजा की बड़ी सेना से भयभीत था जो उसके स्वामी को गिरफ्तार करने भेजी गयी थी (2 राजा 6:15) l किन्तु एलीशा को ज्ञात था वह खतरा और प्रतिद्वंदी का आकर देख रहा था l उसे उनके चारों-ओर की दिव्य सुरक्षा देखना था, जो आराम द्वारा एलीशा के विरुद्ध की जानेवाली किसी भी बात से महान थी (पद.17) l
जीवन कठिन होने पर हम तनाव महसूस करते हैं, अपनी समस्या देखना सरल होता है l किन्तु इब्रानियों का लेखक एक बेहतर मार्ग बताता है l वह याद दिलाता है कि यीशु ने हमारे स्थान पर अकल्पनीय दुःख सहा और यदि हम उसकी ओर देखते हैं (12:2), वह हमें सामर्थ्य देगा l