द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और शांति घोषित हुई l किन्तु फिलिपीन्स के एक द्वीप में तैनात जापानी शाही सेना का युवा लेफ्टिनेंट हीरू ओनोडा इस बात से अज्ञान था l युद्ध समाप्ति की सूचना देने हेतु उसे खोजने हेतु उसके ठिकाने पर पर्चे गिराए गए l किन्तु ओनोडा, 1945 में प्राप्त अपने अंतिम आदेश का पालन करके सारे प्रयास और पर्चों को दुश्मन का मानकर खारिज किया l उसका पूर्व कमांडिंग ऑफिसर जापान से फिलिपीन्स पहुंचकर, मूल आदेश को निष्प्रभाव करके ओनोदा को ड्यूटी से अधिकृत रूप से सेवा मुक्त किया l ओनोडा मार्च 1974 तक, युद्ध समाप्ति के 30 वर्ष बाद तक, आत्मसमर्पण नहीं किया था l आख़िरकार उसने विश्वास किया l

अभी तक अनेक लोग यीशु मसीह का सुसमाचार न ही सुने हैं न विश्वास करते कि उसने “मृत्यु का नाश किया और जीवन और अमरता को उस सुसमाचार के द्वारा प्रकाशमान कर दिया” (2 तीमु. 1:10) l और हममें से कितने सुनने और विश्वास पश्चात भी पराजित जीवन जीकर, जीवन के जंगल में अपने बल पर जीने का प्रयास कर रहें हैं l

पाप और मृत्यु पर मसीह के विजय का महिमामय समाचार किसी को सुनाना होगा l पहले, वे संदेह और अविश्वास करेंगे, किन्तु हिम्मत न हारें l उस स्वतंत्रता की कल्पना करें जब मसीह उनके मन को उस ज्ञान से प्रदीप्त करेगा कि युद्ध जीत ली गयी है l