मैं गर्मी की एक रात्रि में एक चटाई पर अपने पिता के साथ लेटा था l उस समय मैं केवल चार वर्ष का था l (अपने छोटे बच्चे के साथ मेरी माँ का अलग कमरा था l) यह उत्तरी घाना की बात है जहाँ मौसम अधिकतर सुखा रहता है l मेरा शरीर पसीना से तर था और मेरा गला सूख रहा था l अधिक प्यास के कारण मैंने अपने पिता को जगाया l उस गर्म रात में, उन्होंने उठकर मुझे पानी पिलाया l मेरे सम्पूर्ण जीवन में, उस रात की तरह, उन्होंने ध्यान रखनेवाले पिता की छवि प्रस्तुत किया l उन्होंने मेरी ज़रूरतें पूरी की l
कुछ लोगों ने अच्छे पिता की छवि नहीं देखी होगी l किन्तु हम सब के पास कभी निराश नहीं करनेवाला सामर्थी और सर्वदा उपस्थित रहनेवाला एक पिता है l यीशु ने हमें “हमारे पिता, … जो स्वर्ग में है,” से प्रार्थना करना सिखाया (मत्ती 6:9) l उसने कहा कि दैनिक आवश्यकताओं-भोजन, वस्त्र,आश्रय, सुरक्षा (पद.31)-का सामना करते समय “तुम्हारा पिता तुम्हारे माँगने से पहले ही जानता है कि तुम्हारी क्या-क्या आवश्यकताएँ हैं” (पद.8) l
आपके पास हमेशा उपस्थित रहनेवाला पिता है l रात अथवा दिन, जब मार्ग कठिन हो, हम उस पर भरोसा कर सकते हैं और वह हमें त्यागेगा नहीं l वह ध्यान रखने की प्रतिज्ञा किया है, और वह हमारी ज़रूरतों को हमसे बेहतर जानता है l