मेरी सहेली के एक गंभीर गिराव के बाद स्वस्थ्य होते समय, हॉस्पिटल के एक कर्मचारी ने उसकी कलाई पर एक चमकीली पीला ब्रेसलेट बाँध दी l उस पर लिखा था : गिरने का जोखिम l उस वाक्यांश का अर्थ था : इस व्यक्ति पर ध्यान दें l वह अपने पैरों पर अस्थिर हो सकती है l चलने-फिरने में उसकी मदद करें l
पहला कुरिन्थियों 10 विश्वासियों के “गिरने का जोखिम” बताता है l अपने पूर्वजों की एक झलक के साथ, पौलुस ने मानव के पाप में गिरने की सम्भावना बताया l इस्राएली शिकायत किये, मूर्तिपूजा किये, और अनैतिक सम्बन्ध बनाए l परमेश्वर क्रोधित होकर उनको उनके गलत कामों के परिणाम अनुभव करने दिए l हालाँकि, पौलुस ने कहा, “ये सब बातें, … दृष्टान्त की रीति पर थीं; और वे हमारी चेतावनी के लिए … हैं l इसलिए जो समझता है, “मैं स्थिर हूँ,” वह चौकस रहे कि कहीं गिर न पड़े” (पद.11-12) l
किसी पाप पर हम विजय हुए हैं यह विश्वास करने में अपने को धोखा देना सरल है l यहाँ तक कि जब हम उसकी निकृष्टतम अवस्था में संघर्ष किये हों-अपनी परेशानी मानना, पश्चाताप, और परमेश्वर के मार्गों में पुनः चलने हेतु समर्पण-परीक्षा पुकारते हुए आ सकती है l परमेश्वर हमें उसी स्वरुप में गिरने से बचाता है l वह हमारे लिए मार्ग निकालता है l हमें बचने के उसके मार्ग को स्वीकारना है l