चिड़ियों से प्रेम करने के कारण मैंने छः चिड़ियों के साथ पिंजड़े खरीदकर अपने घर में अपनी बेटी, एलिस को दिया जिसने प्रतिदिन उनकी सेवा शुरू की l तब एक चिड़िया बीमार होकर मर गई l हम यह सोचकर कि चिड़िये बाहर जीवित रहेंगे, हमने उनको आज़ाद कर दिया और हर्ष से उड़ते देखा l
तब एलिस ने कहा, “क्या आपने देखा, डैडी, एक चिड़िया की मृत्यु ने हमें बाकियों को छोड़ने को विवश किया?”
क्या यही यीशु ने हमारे लिए नहीं किया? जैसे एक व्यक्ति (आदम) के पाप ने संसार को दोषी ठहराया, उसी तरह एक व्यक्ति(यीशु) की धार्मिकता उस पर विश्वास करनेवालों को उद्धार देता है (रोमियों 5:12-19) l यीशु ने कहा, “अच्छा चरवाहा मैं हूँ; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिए अपना प्राण देता है” (यूहन्ना 10:11) l
यूहन्ना इसे यह कहकर और व्यावहारिक, “उसने (यीशु मसीह) ने हमारे लिए अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिए प्राण देना चाहिए” (1 यूहन्ना 3:16) l यह आक्षर मृत्यु है, किन्तु बलिदानी प्रेम का मसीह के उदहारण के साथ अपने को मिलाकर हम पाते हैं कि हम “अपने प्राण देते हैं l” जैसे, हम अपने को भौतिक वस्तुएं त्याग कर दूसरों के साथ बाँटना (पद.17) या किसी के ज़रूरत में उसको सांत्वना और संगती देना l
आज आपको किसके लिए बलिदान करने की ज़रूरत है?