एक मसीही पत्रिका के लिए काम करते हुए, मैंने एक व्यक्ति की कहानी लिखी जो मसीही हो गया था l एक नाटकीय परिवर्तन में, उसने अपना पुराना जीवन छोड़कर नए स्वामी यीशु को गले लगाया l कुछ दिनों बाद, मुझे एक अज्ञात कॉल से धमकी मिली, “सावधान, दरमानी l हम तुम्हें देख रहे हैं! ऐसी कहानी लिखोगे तो इस देश में तुम खतरे में हो l
मुझे मसीह का परिचय देने के लिए पहली बार धमकी नहीं मिली थी l एक बार एक व्यक्ति को पर्चा देते समय उसने मुझे जाने को कहा, नहीं तो! दोनों ही समय, मैं डरा l किन्तु ये केवल धमकियाँ थीं l अनेक मसीहियों को धमकियाँ मिली हैं l कुछ अवस्थाओं में भक्तिमय जीवन शैली लोगों का दुर्व्यवहार आमंत्रित करती है l
प्रभु ने यिर्मयाह से कहा, “जिस किसी के पास मैं तुझे भेजूं वहाँ तू जाएगा” (यिर.1:7), और यीशु ने शिष्यों से, “मैं तुम्हें भेड़ों के समान भेड़ियों के बीच में भेजता हूँ” (मत्ती 10:16) l हाँ, हम धमकियों, कठिनाइयों, और दुखों का भी सामना करेंगे l किन्तु परमेश्वर अपनी उपस्थिति का निश्चय देता है l मैं तेरे साथ हूँ,” उसने यिर्मयाह से कहा (यिर.1:8), और यीशु ने अपने अनुयायियों को आश्वश्त किया, “मैं … सदा तुम्हारे संग हूँ” (मत्ती 28:20) l
हम प्रभु के लिए जीवन बिताने में संघर्ष सामना करते समय, प्रभु की उपस्थिति का भरोसा कर सकते हैं l