पीछे वहाँ पुलिस थाने में, थके हुए ऑफिसर मिग्लियो दीवार से टिक गए l एक घरेलु हिंसा के निबटारे में उनकी ड्यूटी का आधा समय निकल चुका था l उस घटना के परिणामस्वरूप एक प्रेमी(बॉयफ्रेंड) हिरासत में, और एक जवान लड़की आपातकालीन कक्ष में थी, और एक विचलित माँ सोच रही थी कि यह सब कैसे हो गया l ऑफिसर को इस मामले को सुलझाने में बहुत समय देना था l
उनके सार्जेंट ने उनसे सहानुभूति से बोला, “विक, आप कुछ नहीं कर सकते थे l” लेकिन उनके शब्द खाली गए l कुछ ऑफिसर अपनी ड्यूटी को ड्यूटी के समय ही पूरा करते हैं किन्तु विक मिग्लियो ऐसा कभी नहीं करते थे l और ऐसे कठिन मामले तो बिल्कुल नहीं l
ऑफिसर मिग्लियो यीशु मसीह की तरस को दर्शाते हैं l मसीह के शिष्य अभी-अभी उसके पास एक प्रश्न लेकर आए थे : “स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन है?” (मत्ती 18:1) l एक बालक को अपने बीच खड़ा करके, उसने अपने शिष्यों से कहा, “जब तक तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तुम स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे” (पद.3) l तत्पश्चात उसने बच्चों को हानि पहुंचानेवालों को एक सख्त चेतावनी दी (पद.6) l वास्तव में बच्चे यीशु के लिए इतने विशेष थे कि यीशु ने हमसे कहा, “स्वर्ग में उनके दूत मेरे स्वर्गीय पिता का मुँह सदा देखते हैं” (पद.10) l
तब, यह कितना सुखद है, कि बच्चों के लिए यीशु का प्रेम हमारे लिए उसके प्रेम से सम्बंधित है l इसी कारण वह हमें बच्चों की तरह विश्वास रखते हुए अपने पुत्र और पुत्री बनने के लिए बुलाता है l
हमारे सांसारिक परिवार हमें त्याग सकते हैं,
किन्तु हमारा स्वर्गिक पिता हमें कभी नहीं त्यागेगा l