“जिप” हार्डिन, एक मेथोडिस्ट प्रचारक ने अपनी आशा और अभिलाषा को दर्शाते हुए अपने छोटे बेटे का नाम प्रसिद्ध प्रचारक जॉन वेस्ली के नाम पर रखा l हालाँकि, यह दुखद था कि जॉन वेस्ली हार्डिन, ने मिशनरी हमनाम के विपरीत अलग मार्ग का चुनाव किया l बयालिस लोगों की हत्या करने का दावा करते हुए, हार्डिन पश्चिमी अमरीका का 1800 वीं सदी के अंतिम काल का सबसे कुख्यात बन्दुक युद्ध में शामिल लड़ाका और अपराधी बना l
वर्तमान के अनेक संस्कृतियों की तरह, बाइबल में, नाम का विशेष महत्त्व दिखाई देता है l परमेश्वर पुत्र के जन्म की घोषणा के समय, एक स्वर्गदूत ने युसूफ से मरियम के पुत्र का नाम यीशु, रखने को कहा, “क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा” (मत्ती 1:21) l यीशु नाम का अर्थ “प्रभु उद्धार करता है” जो पापों से बचाने के उसके मिशन/उद्देश्य को प्रमाणित किया l
हार्डिन के विपरीत, यीशु पूरी रीति से और संतोषजनक तरीके से अपने नाम के अनुकूल जीवन व्यतीत किया l उसने बचाने के अपने मिशन को पूरा किया l यूहन्ना ने यीशु के नाम की जीवन देनेवाली सामर्थ की यह कहकर पुष्टि की, “परन्तु यह इसलिए लिखे गए हैं कि तुम विश्वास करो कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र मसीह है और विश्वास करके उसके नाम से जीवन पाओ” (यूहन्ना 20:31) l प्रेरितों के काम पुस्तक सबको उस पर भरोसा करने के लिए बुलाता है, क्योंकि, “स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें” (प्रेरितों 4:12) l
यीशु के अतुलनीय नाम पर विश्वास करनेवाले उसके द्वारा अपने लिए क्षमा और आशा का अनुभव् करेंगे l क्या आपने अभी तक उसका नाम पुकारा है?
यीशु का नाम उसका मिशन भी है - खोए हुओं को ढूंढ़ना और उनका उद्धार करना l