2010 में बनी फिल्म द किंग्स स्पीच इंग्लैंड के राजा जॉर्ज षष्टम(King George VI) की कहानी है, जिसमें वह अपने भाई द्वारा सिंहासन त्याग देने के कारण अपेक्षा के विपरीत राजा बना l देश द्वितीय विश्व युद्ध के कगार पर खड़ा था, सरकारी अधिकारी रेडियो की प्रभावशाली भूमिका के कारण एक शिष्ट और युक्तिपूर्ण नेतृत्व चाहते थे l हालाँकि, राजा जॉर्ज षष्टम, हकलाने की समस्या से संघर्ष करते थे l
मैं फिल्म द्वारा जॉर्ज की पत्नी, एलिजाबेथ के चित्रण की ओर विशेष तौर से आकर्षित हुआ l जॉर्ज द्वारा भाषण की कठिनाई पर विजय पाने के लिए उसके सम्पूर्ण कठिन संघर्ष में, वह निरंतर उसके उत्साह का श्रोत बनी रही l उसकी पत्नी के दृढ़ समर्पण से उसे आवश्यक सहायता मिली जिससे युद्ध के दौरान चुनौती पर विजय प्राप्त करके वह अच्छी प्रकार शासन चला सका l
बाइबल प्रोत्साहित करनेवालों की कहानियों को चिन्हांकित करती है जिन्होंने चुनौतीपूर्ण समयों में जबरदस्त मदद की l इस्राएल के युद्ध के समय मूसा को हारून और हुर का समर्थन मिला (निर्गमन 17:8-16) l इलीशिबा ने अपनी गर्भवती रिश्तेदार, मरियम को प्रोत्साहित किया (लुका 1:42-45) l
अपने मन-परिवर्तन के बाद, पौलुस को बरनबास का समर्थन चाहिए था, जिसके नाम का शब्दश: अर्थ है “शांति का पुत्र l” जब शिष्य पौलुस से भयभीत थे, बरनबास ने, खुद की ख्याति की जोखिम उठाकर, उसकी जिम्मेदारी ली (प्रेरितों 9:27) l मसीही समुदाय द्वारा पौलुस को स्वीकारे जाने के लिए उसका समर्थन महत्वपूर्ण था l बाद में बरनबास पौलुस का सहचर और प्रचारक साथी बना (प्रेरितों 14) l खतरों के बावजूद, दोनों ने मिलकर सुसमाचार प्रचार किया l
यीशु के विश्वासियों को आज भी “एक दूसरे को शांति [देने] और एक दूसरे की उन्नति का कारण” बनने के लिए बुलाया गया है (1 थिस्स. 5:11) l काश हम भी दूसरों को प्रोत्साहित करने के लिए उत्सुक हों, विशेषकर उनके कठिन समयों में l
किसी मित्र का प्रोत्साहन सम्पूर्ण अंतर ला सकता है l