एडवर्ड पेसन(1783-1827) ने बेहद कठिन जीवन व्यतीत किया l उसके छोटे भाई की मृत्यु ने उसे अन्दर तक हिला दिया l वह बाईपोलर/bipolar (पागलपन अवसादक बीमारी) से जूझता रहा, और तीव्र अधकपारी सिरदर्द(migraine headache) से बहुत समय तक प्रभावित रहा l यदि यह पर्याप्त नहीं था, तो घोड़े से गिरने से उसके एक बांह में पक्षघात हो गया, और तपेदिक(TB) से मरते-मरते बचा! आश्चर्यजनक रूप से, उसकी प्रतिक्रिया निराशा और आशाहीनता की नहीं थी l उसके मित्रों ने कहा कि एडवर्ड के निधन से पहले, उसका आनंद तीव्र था l यह कैसे हो सकता है?
रोम के विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में, प्रेरित पौलुस ने परिस्थितियों की परवाह किए बिना परमेश्वर के प्रेम की वास्तविकता पर अपना पूर्ण विश्वास व्यक्त किया l उसने दृढ़ता से पूछा, “यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?” (रोमियों 8:31) l यदि परमेश्वर ने हमें बचाने के लिए अपने ही पुत्र, यीशु को दे दिया, तो वह इस जीवन को अच्छी तरह समाप्त करने के लिए हमारी सभी ज़रूरतें पूरी करेगा l पौलुस ने उन सात प्रतीत होने वाली असहनीय स्थितियों को सूचीबद्ध किया जिनका उसने स्वयं सामना किया था : क्लेश, संकट, उपद्रव, अकाल, नंगाई, जोखिम, और तलवार (पद.35) l उसने यह यह नहीं माना कि मसीह का प्रेम बुरी चीजों को होने से रोक देगा l लेकिन पौलुस ने कहा कि “इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवंत से भी बढ़कर हैं” (पद.37) l
इस संसार की अनिश्चितता के द्वारा, परमेश्वर पर पूरी तरह से भरोसा किया जा सकता है, यह जानते हुए कि कुछ नहीं, बिलकुल कुछ भी नहीं, “हमें परमेश्वर के प्रेम से जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी” (पद.39) l
विश्वासयोग्य स्वर्गिक पिता, मेरे लिए आपके प्रेम के लिए धन्यवाद l आपके पुत्र के बलिदान के लिए धन्यवाद, ताकि मुझे अनंत जीवन मिल सके l आपको धन्यवाद, भले ही अभी जीवन कितना ही निराशामय दिखाई देता हो, मैं आपकी प्रतिज्ञाओं पर भरोसा कर सकता हूँ l