जब स्वीडन वासी मिशनरी एरिक लुंड को 1890 के दशक के अंत में मिशन का काम करने के लिए स्पेन जाने के लिए परमेश्वर की बुलाहट महसूस हुई , तो उन्होंने तुरंत मान लिया l उन्होंने वहाँ थोड़ी सफलता देखी, लेकिन परमेश्वर के आह्वान के अपने दृढ़ विश्वास में अटल रहे l एक दिन, उनकी मुलाकात फिलिपीन्स के एक व्यक्ति ब्रौलियो मानिकन से हुई , और उनके साथ सुसमाचार साझा किया l लुंड और मानिकन ने मिलकर, बाइबल को फिलिपीन्स की एक स्थानीय भाषा में अनुवाद किया, और बाद में उन्होंने फिलिपीन्स में पहला बैप्टिस्ट मिशन स्टेशन शुरू किया l बहुत से लोग यीशु की ओर मुड़नेवाले थे──केवल इसलिए कि लुंड ने, यशायाह नबी की तरह, परमेश्वर की बुलाहट का प्रत्युत्तर दिया l 

यशायाह 6:8 में, परमेश्वर ने वर्तमान और भविष्य की आशा के लिए अपना निर्णय घोषित करने के लिए एक इच्छुक व्यक्ति से इस्राएल जाने के लिए कहा l यशायाह ने साहसपूर्वक कहा : “मैं यहाँ हूँ! मुझे भेज!” उसने नहीं सोचा कि वह योग्य था, क्योंकि उसने पहले ही कबूल किया था : “मैं अशुद्ध होंठवाला मनुष्य हूँ” (पद.5) l लेकिन उसने स्वेच्छा से जबाब दिया क्योंकि उसने परमेश्वर की पवित्रता को देखा था, अपनी खुद की पाप को पहचान लिया था, और अपनी शुद्धता प्राप्त की (पद.1-7) l 

क्या परमेश्वर आपको उसके लिए कुछ करने के लिए बुला रहा है? क्या आप रोक रहे हैं l यदि ऐसा है, तो सब कुछ याद रखें जो परमेश्वर ने यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा किया है l उसने हमारी मदद और मार्गदर्शन के लिए पवित्र आत्मा दिया है (यूहन्ना 14:26; 15:26-26), और वह हमें उसके आह्वान का उत्तर देने के लिए तैयार करेगा l यशायाह की तरह, हम भी प्रत्युत्तर दें, “मुझे भेज!”