ऐसा प्रतीत होता है कि मेरी माँ परेशानी को एक मील दूर से भाप लेती है l एक दिन स्कूल में एक कठिन दिन के बाद, मैं अपनी हताशा को छिपाने का प्रयास किया कि किसी का ध्यान मुझ पर नहीं जायेगा l “बात क्या है?” उन्होंने पूछा l फिर आगे बोली, “इससे पहले कि तुम मुझे यह बताओ कि कुछ नहीं है, याद रखो कि मैं तुम्हारी माँ हूँ l मैंने तुम्हें जन्म दिया है, और जितना तुम खुद को जानते हो उसकी तुलना में मैं तुम्हें तुमसे बेहतर जानती हूँl” मेरी माँ ने मुझे निरंतर स्मरण दिलाया है कि उनकी इस गहरी जागरूकता ने कि मैं कौन हूँ उनको उन क्षणों में जहाँ मुझे उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है उन्हें वहां रहने में मदद करता है l
यीशु में विश्वासी होने के कारण, हम एक ऐसे परमेश्वर द्वारा देखभाल किये जाते हैं जो बहुत निकटता से हमें जानता है l भजनकार दाऊद परमेश्वर की संतानों के जीवनों के प्रति उसकी परवाह के लिए उसकी प्रशंसा करता है, “हे यहोवा, तू ने मुझे जाँचकर जान लिया है l तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है” (भजन 139:1-2) l इसलिए कि परमेश्वर जानता है कि हम कौन हैं—हमारे हर एक विचार, इच्छा, और कार्य—ऐसा कोई स्थान नहीं है जहाँ हम जा सकते हैं जहाँ हम उसके अत्यधिक प्रेम और देखभाल की सीमा से बाहर है (पद.7-12) l जैसे कि दाऊद लिखता है, “यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़कर समुद्र के पार जा बसूं, तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा” (पद.9-10) l हम यह जानने में आराम पाते हैं कि जीवन में हम कहीं भी रहें, जब हम प्रार्थना में परमेश्वर को पुकारते हैं, वह हमें प्रेम, बुद्धि, और मार्गदर्शन देता है जो हमारी ज़रूरत है l
आपने कब आभास किया है कि कोई और नहीं समझ सकता कि आप वास्तव में कैसा महसूस कर रहे थे? ऐसे समय में परमेश्वर की उपस्थिति की वास्तविकता किस प्रकार आपकी सहायता और प्रोत्साहन देती है?
प्यारे परमेश्वर, कई बार मै गलत समझा जाता हूँ और अकेला महसूस करता हूँ l मुझे अपने जीवन में अपनी उपस्थिति की याद दिलाने के लिए धन्यवाद l मुझे पता है कि आप मुझे देखते हैं, मुझे सुनते हैं, और मुझे तब भी प्यार करते हैं जब ऐसा लगता है कि कोई और नहीं करता है l