बेंच बनाना जेम्स वॉरेन का काम नहीं है। हालांकि जब से उन्होंने डेनवर में एक महिला को बस के इंतज़ार में गंदगी में बैठे हुए देखा तब से उन्होंने बेंच बनाना शुरू किया था । उस औरत को देखकर वह चिेतित हो गये थे और उन्होंने सोचा कि यह अपमानजनक है। तो, इस अट्ठाईस वर्षीय कर्मचारी सलाहकार को कुछ बेकार (स्क्रैप) लकड़ी मिली, उसने एक बेंच बनाई और उसे बस स्टॉप पर रख दिया। जल्दी ही लोगों ने इसका उपयोग करना शुरू कर दिया। यह महसूस करते हुए कि उनके शहर के नौ हजार बस स्टॉपों में से कई में बैठने की जगह की कमी है,उसने एक और बेंच बनाई, फिर कई और बेंचें बनाईं, और प्रत्येक पर “दयालु बनें” लिखा। वॉरेन ने कहा, “उसका लक्ष्य किसी भी तरह से लोगों के जीवन को थोड़ा सा बेहतर बनाना है ।”
ऐसे काम का वर्णन करने का एक और तरीका है वह है करुणा । जैसा कि यीशु किया करते थें, करुणा एक भावना है जो इतनी शक्तिशाली है कि यह हमें दूसरे की ज़रूरत को पूरा करने के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करती है। जब निराश लोगों की भीड़ ने यीशु का पीछा किया तो उसे उन पर दया आई, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान थे जिनका कोई रखवाला न हो (मरकुस 6:34)। उसने उनके बीमारों को चंगा करके उस करुणा को कार्य में बदल दिया (मत्ती 14:14)।
हमें भी अपने “आप को करुणा से ढक लेना चाहिए” पौलुस ने आग्रह किया (कुलुस्सियों 3:12)। इसका क्या लाभ है ? जैसा कि वॉरेन कहते हैं, “यह टायरों में हवा के समान है; यह मुझे भर देता है (मुझे संतुष्टि देता है) ।”
हमारे चारों ओर जरूरतें हैं, और परमेश्वर उनकी तरफ हमारा ध्यान खीचेंगे । वे ज़रूरतें हमें अपनी करुणा को क्रियान्वित (कार्य में लाने) करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं, और वे कार्य दूसरों को प्रोत्साहित करेंगे क्योंकि हम उन्हें मसीह का प्रेम दिखाएंगे।
आपने कब कोई दुख या आवश्यकता देखी, जिसे करुणा के साथ आपने हल करने में मदद की, आपकी करुणा ने आपको कैसा महसूस कराया?
प्रेम करने वाले पिता जब मैं दुख और जरूरत देखता हूं तो परमेश्वर से प्रेम करते हुए, मेरे दिल को मसीह जैसी करुणा के साथ कार्य करने के लिए नरम करें।