बीमार बिल्ली कई दिनों तक मेरे कार्यस्थल के पास एक बक्से में छिपकर रोती रही l सड़क पर छोड़े गए इस बिल्ली के बच्चे पर वहां से गुजरने वाले कई लोगों का ध्यान नहीं गया—जब तक कि जुन(Jun) नहीं आ गया l सड़क का सफाई करनेवाला व्यक्ति बिल्ली को घर ले गया, जहाँ वह दो कुत्तों के साथ रहता था, जो पहले आवारा थे l 

जुन ने कहा, “मुझे उनकी परवाह है क्योंकि वे ऐसे प्राणी हैं जिन पर किसी का ध्यान नहीं जाता l” “मैं उनमें खुद को देखता हूँ l आखिरकार सफाई कर्मचारी पर किसी का ध्यान नहीं जाता l” 

यीशु यरिहो के रास्ते यरूशलेम की ओर जा रहा था, एक दृष्टिहीन आदमी सड़क के किनारे भीख मांग रहा था l उस पर भी किसी का ध्यान नहीं गया l और विशेष रूप से इस दिन—जब भीड़ गुज़र रही थी और सभी की निगाहें यीशु मसीह पर टिकी थीं—कोई भी भिखारी की मदद करने के लिए नहीं रुका l 

केवल यीशु l शोर मचाती भीड़ के बीच में, उसने भूले हुए आदमी की चीख सुनी l “तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिए करूँ,” मसीह ने पूछा, और उन्हें दिली उत्तर मिला, “हे प्रभु, यह कि मैं देखने लगूं l” यीशु ने कहा, “देखने लग; तेरे विश्वास ने तुझे अच्छा कर दिया है” (लूका 18:41-42) l 

क्या हम कभी-कभी उपेक्षित महसूस करते हैं? क्या हमारी चीखें उन लोगों द्वारा दबा दी जाती हैं जो हमसे ज्यादा महत्वपूर्ण लगते हैं? हमारा उद्धारकर्ता उन लोगों पर ध्यान देता है जिन पर दुनिया ध्यान देने की परवाह नहीं करती है l मदद के लिए उसे बुलाएं! जबकि अन्य लोग हमारी उपेक्षा कर सकते हैं, वह हमारे लिए रुकेगा l