Month: अगस्त 2024

बुद्धिमान देखभाल

यह दृश्य शोकाकुल था l पचपन पायलट व्हेलों(व्हेल की एक प्रजाति) का एक झुण्ड स्कॉटिश समुद्र तट पर फंस गया था l स्वयंसेवकों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन अंततः उनकी मृत्यु हो गयी l कोई नहीं जानता कि इस तरह बड़े पैमाने पर फंसना क्यों होता है, लेकिन यह व्हेल के मजबूत सामाजिक बन्धनों के कारण हो सकता है l जब एक परेशानी में पड़ता है, तो बाकी मदद के लिए आते हैं—एक देखभाल करने वाली प्रवृत्ति जो प्रतिकूल रूप से नुकसान पहुँचा सकती है l 

बाइबल स्पष्ट रूप से हमें दूसरों की मदद करने के लिए कहती है, लेकिन ऐसा करने में हमें बुद्धिमान भी होना चाहिए l उदाहरण के लिए, जब हम किसी ऐसे व्यक्ति को पुनर्स्थापित/बहाल करने में मदद करते हैं जो पाप में फंस गया है, तो हमें सावधान रहना चाहिए कि हम स्वयं उस पाप में न घसीटे जाएँ (गलतियों 6:1), और जब हमें अपने पड़ोसियों से प्रेम करना है, स्वयं से भी प्रेम करें (मत्ती 22:39) l नीतिवचन 22:3 कहता है, “चतुर मनुष्य विपत्ति को आते देखकर छिप जाता है; परन्तु भोले लोग आगे बढ़कर दण्ड भोगते हैं l” यह एक अच्छा अनुस्मारक है जब दूसरों की मदद करने से हमें नुकसान होने लगता है l 

कुछ वर्ष पहले, दो बहुत आवश्यकतामंद लोग हमारे चर्च में आने लगे l जल्द ही, मण्डली के देखभाल करने वाले उनकी मांग को पूरा करने में थकने लगे l इसका समाधान उस पति-पत्नी को दूर करना नहीं था, बल्कि सीमाएं तय करना था ताकि सहायता करनेवालों को हानि न पहुंचे l यीशु, सर्वश्रेष्ठ सहायक, ने आराम के लिए समय लिया (मरकुस 4:38), और उसने सुनिश्चित किया कि उसके शिष्यों की ज़रूरतें दूसरों की ज़रूरतों का स्थान न ले ले(6:31) l बुद्धिमान देखभाल उसके उदाहरण का अनुसरण करती है l अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देकर, हम दीर्घकाल में अधिक देखभाल कर सकेंगे l  

आपके हाथ में क्या है?

उद्धार प्राप्त करने और अपना जीवन परमेश्वर को समर्पित करने के कुछ वर्षों के बाद, मैंने महसूस किया कि वह मुझे अपनी पत्रकारिता आजीविका(journalism career) त्यागने का निर्देश दे रहा है l जैसे ही मैंने अपनी कलम रखी और मेरी लेखनी छुप गयी, मैं यह महसूस किए बिना नहीं रह सका कि एक दिन परमेश्वर मुझे अपनी महिमा के लिए लिखने के लिए बुलाएगा l अपने व्यक्तिगत जंगल/सुनसान प्रदेश में भटकने के वर्षों के दौरान मुझे निर्गमन 4 में मूसा और उसकी लाठी की कहानी से प्रोत्साहन मिला l 

मूसा, जो फिरौन के महल में पला-बढ़ा था और जिसका भविष्य आशाजनक था, मिस्र से भाग गया और एक चरवाहे के रूप में गुमनामी में रह रहा था जब परमेश्वर ने उसे बुलाया l मूसा ने सोचा होगा कि उसके पास परमेश्वर को देने के लिए कुछ भी नहीं है, लेकिन उसने सिखा कि वह अपने महिमा के लिए किसी को भी और किसी भी चीज़ का उपयोग कर सकता है l 

“तुम्हारे हाथ में वह क्या है?” परमेश्वर ने पूछा l मूसा ने उत्तर दिया, “एक लाठी l” परमेश्वर ने कहा, “इसे भूमि पर फेंक दे” (निर्गमन 4:2-3) l मूसा की साधारण लाठी सांप बन गयी l जब उसने सांप को पकड़ लिया, तो परमेश्वर ने उसे वापस लाठी में बदल दिया (पद.3-4) l यह चिन्ह इसलिए दिया गया था ताकि इस्राएली विशवास करें कि “यहोवा, उनके पूर्वजों का परमेश्वर—अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर और याकूब का परमेश्वर—उनके सामने प्रकट हुआ है” (पद.5) l जैसे ही मूसा ने अपने लाठी को नीचे फेंका और उसे फिर से उठाया, मैंने परमेश्वर की आज्ञाकारिता में एक पत्रकार के रूप में अपनी आजीविका/career उसके समक्ष रख दी l बाद में, उसने मुझे फिर से कलम उठाने के लिए निर्देशित किया और अब मैं उसके लिए लिख रहा हूँ l 

हमें परमेश्वर द्वारा उपयोग किये जाने के लिए बहुत कुछ की ज़रूरत नहीं है l हम बस उन प्रतिभाओं से उसकी सेवा कर सकते हैं जो उन्होंने हमें दी है l निश्चित नहीं हैं कि कहाँ से आरम्भ की जाए? आपके हाथ में क्या है?

न्याय का परमेश्वर

एक किशोर के रूप में, रेयान ने अपनी माँ को कैंसर के कारण खो दिया l उसने खुद को बेघर पाया और जल्द ही स्कूल छोड़ दिया l वह निराश महसूस करता था और अक्सर भूखा रहता था l वर्षों बाद, रेयान ने एक गैर-लाभकारी संस्था की स्थापना की जो दूसरों को, विशेष रूप से छोटे बच्चों को, अपने बगीचे में उगाए गए आहार को रोपने, फसल काटने और तैयार करने के लिए सशक्त बनाती है l संगठन इस विश्वास पर बना है कि किसी को भी भोजन के बिना नहीं रहना चाहिए और जिनके पास कुछ है उन्हें उन लोगों की देखभाल करनी चाहिए जिनके पास नहीं है l दूसरों के लिए रेयान की चिंता न्याय और दया के लिए ईश्वर के हृदय से प्रतिध्वनित होती है l 

हम जिस दर्द और पीड़ा का सामना करते हैं, ईश्वर उसकी बहुत परवाह करता है l जब उसने इस्राएल में भयानक अन्याय देखा, तो उसने उनके पाखण्ड को उजागर करने के लिए नबी आमोस को भेजा l जिन लोगों को परमेश्वर ने एक बार मिस्र में उत्पीडन से बचाया था, वे अब अपने पड़ोसियों को एक जोड़ी जूती के लिए गुलामी में बेच रहे थे (आमोस 2:6 ) l उन्होंने निर्दोष लोगों को धोखा दिया, उत्पीड़ितों को न्याय देने से इनकार कर दिया, और गरीबों के “सर पर की धूल का भी लालच करते [थे]”(पद.6-7), जबकि ये सब भेंट और पवित्र दिनों के साथ परमेश्वर की उपासना करने का दिखावा करते थे (4:4-5) l 

आमोस ने लोगों से विनती की, “बुराई को नहीं, भलाई को ढूढ़ों, ताकि तुम जीवित रहो; और तुम्हारा यह कहना सच ठहरे कि सेनाओं का परमेश्वर यहोवा तुम्हारे संग है” (5:14) l रेयान की तहर, हममें से प्रत्येक ने जीवन में दूसरों से जुड़ने और सहायता करने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त दर्द और अन्याय का अनुभव किया है l समय “भलाई की तलाश” करने और हर प्रकार के न्याय को स्थापित करने में उसके साथ शामिल होने का है l 

इंतज़ार के काबिल

एक ठहराव के बारे में बातें करें(Talk about a layover) l फिर स्ट्रिंगर को तूफ़ान के कारण विलंबित हुई उड़ान में चढ़ने के लिए अठारह घंटे इंतज़ार करना पड़ा l हालाँकि, उनका धैर्य और दृढ़ता काम आई l न केवल उसे अपने गंतव्य तक उड़ान भरने और महत्वपूर्ण व्यावसायिक बैठकों में समय पर पहुँचने का अवसर मिला, बल्कि वह उड़ान में एकमात्र यात्री भी था! अन्य सभी यात्रियों ने हार मान ली या अन्य व्यवस्थाएँ की l फ्लाइट परिचारक ने उसे जो भी खाने की चीज़ चाहिए दी, और स्ट्रिंगर कहते हैं, “बेशक, मैं आगे की पंक्ति में बैठा था l जब पूरा विमान आपके पास है तो क्यों नहीं?” परिणाम निश्चित रूप से इंतज़ार के लायक था l 

अब्राहम ने वह भी सहन किया जो एक लम्बी देरी जैसा महसूस हुआ होगा l बहुत पहले जब उसे अब्राम के नाम से जाना जाता था, परमेश्वर ने उससे कहा था कि वह उसे “एक बड़ी जाति [बनाएगा]” और “भूमण्डल के सारे कुल [उसके] द्वारा आशीष पाएंगे” (उत्पत्ति 12:2-3) l पचहत्तर वर्षीय व्यक्ति के लिए केवल एक ही समस्या थी (पद.4) : वह बिना उत्तराधिकारी के एक महान राष्ट्र कैसे बन सकता था? और यद्यपि उसकी प्रतीक्षा कभी-कभी अधूरी रह जाती थी (उसने और पत्नी सारै ने कुछ गलत विचारों के साथ परमेश्वर को अपना वादा पूरा करने में “सहायता” करने का प्रयास किया—देखें 15:2-3; 16:1-2, जब “पुत्र इसहाक उत्पन्न हुआ तब अब्राहम एक सौ वर्ष का था”(21:5) l उसके विश्वास का बाद में इब्रानियों के लेखक द्वारा गुणगान किया गया(11:8-12) l

इंतज़ार करना कठिन हो सकता है l और, अब्राहम की तरह, हम इसे पूरी तरह से नहीं कर सकते है l लेकिन जब हम प्रार्थना करते हैं और ईश्वर की योजनाओं में आराम करते हैं, तो क्या वह हमें दृढ़ रहने में मदद कर सकता है l उसमें, यह हमेशा प्रतीक्षा के लायक है l